बालोद: 25 जून 1975 को लागू हुए आपातकाल के मामले में लोकसभा सांसद विजय बघेल ने कांग्रेस पर हमला किया है. उन्होंने कहा कि आजादी के बाद 50 से अधिक वर्षों तक देश में राज करने वाली कांग्रेस पार्टी लोकतंत्र की हमेशा विरोधी रही है. कांग्रेस पार्टी ने हमेशा लोकतंत्र को कुचलने का काम किया. वर्ष 1975 में लागू काला आपातकाल इसी का सबसे बड़ा उदाहरण है. सांसद विजय बघेल यहीं नहीं ठहरे, उन्होंने कांग्रेस पर हमला करते हुए कहा कि वर्ष 1975 के आपातकाल ने आजाद देश के लोगों की आजादी छीन ली.
इस दौरान विजय बघेल ने 1975 के आपातकाल को इतिहास का काला अध्याय बताया, साथ ही कांग्रेस पर संविधान की धज्जियां उड़ाने का आरोप लगाया है. सांसद विजय बघेल ने कांग्रेस पर हल्ला बोलते हुए कहा कि भारत ने 200 वर्षों तक अंग्रेजों की गुलामी झेली है, जिसके बाद देश आजाद हुआ, लेकिन कांग्रेस की तत्कालीन प्रधानमंत्री ने 25 जून 1975 को आपातकाल लागू कर दिया. उन्होंने कहा कि आपातकाल लागू कर देश की आम जनता को एक षड्यंत्र के तहत फिर से गुलाम बना दिया गया.
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जयप्रकाश नारायण ने आपातकाल के खिलाफ लंबी लड़ाई लड़ी
विजय बघेल ने कहा कि इस आपातकाल की जितनी भी निंदा की जाए, वह कम है. लोकतंत्र में आपातकाल के लिए कहीं जगह नहीं है. यह आपातकाल देश हित में बिल्कुल भी नहीं था, बल्कि स्वयं के हित के लिए था और संविधान के विपरीत था. सांसद विजय बघेल ने कहा कि समाजवादी नेता जयप्रकाश नारायण ने घूम-घूमकर सभी राजनीतिक दलों को आपातकाल के खिलाफ एकजुट करके लंबी लड़ाई की शुरुआत की, तो उन्हें भी यातनाएं दी गई.
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जयप्रकाश नारायण तत्कालीन प्रधानमंत्री के खिलाफ सदैव मुखर रहे
विजय बघेल ने कहा कि जयप्रकाश नारायण तत्कालीन प्रधानमंत्री के खिलाफ सदैव मुखर रहे. उनके साथ ही मोरारजी देसाई, अटल बिहारी वाजपेयी, केआर मलकानी, लालकृष्ण आडवाणी, अरुण जेटली, जॉर्ज फर्नांडिस, नीतीश कुमार, सुशील मोदी, रामविलास पासवान और शरद पवार गिरफ्तार किए हए. इनके साथ ही विपक्ष के कई नेता जेल में बंद किए गए. बघेल ने कहा कि रायपुर से भाजपा नेता सच्चिदानंद उपासने के तीनों भाई 19 महीने तक जेल में रहे. उन्होंने आपातकाल का डटकर विरोध किया. इसे हटाने के लिए जान की बाजी लगा दी. उन्हें शत-शत नमन है.
इंदिरा गांधी ने 25 जून 1975 को की थी इमरजेंसी की घोषणा
बता दें कि 25 जून को देश में आपातकाल लागू होने के लिए जाना जाता है. साल 1975 में 25 जून की रात को तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने इमरजेंसी की घोषणा की थी. आपातकाल देश में मार्च 1977 तक लगा रहा. इसे लेकर बीजेपी आज तक कांग्रेस पर हमलावर है.