बालोदः छत्तीसगढ़ के बालोद जिले के गुरूर विकासखंड (Gurur Block) के ग्राम कोचवाही (Kochwahi) में प्रधानमंत्री आवास योजना (PM Awas Yojana) के हितग्राही शीतकुमार नेताम (Sheetkumar Netam) को आवास की दूसरी किस्त (Second installment) नहीं मिली थी. जिसके बाद हितग्राही ने आत्महत्या (Suicide) कर ली. इस घटना के बाद इलाके में सनसनी का माहौल है. इधर आत्महत्या की घटना के बाद से ही पूरे प्रदेश में सियासत गर्मा गई है.
वहीं, इस मामले में एक नया मोड़ देखने को मिला है. दरअसल, मृतक की मां रूखमणि नेताम भाजपा के साथ जंगी प्रदर्शन में बेटे के लिए न्याय मांग रही है. तो वहीं दूसरी ओर उसका बेटे ने स्थानीय थाने में जबरदस्ती मां को घर से उठाने का आरोप लगाया है और थाने में शिकायत भी दर्ज कराई है.
भाजपा - कांग्रेस आमने सामने
बता दें कि, प्रदर्शन के दौरान मृतक के भाई केशव नेताम ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए कहा कि घर के निर्माण कार्य के लिए मैं सामान लाने के लिए चारामा गया हुआ था वहां से आने के बाद जब मैं घर गया तो मेरी मम्मी को भारतीय जनता पार्टी वाले जबरदस्ती राजनीति कराने के लिए ले गए थे. वहीं, इस मुद्दे को लेकर केशव नेताम ने स्थानीय थाने में शिकायत दर्ज कराई है.
पूर्व कैबिनेट मंत्री ने कहा दबाव में शिकायत
हालांकि बालोद पहुंचे पूर्व कैबिनेट मंत्री केदार कश्यप ने आरोप लगाया कि, एक तो परिवार पीड़ित है और भाजपा जब न्याय के लिए लड़ रही है, तो दूसरी तरफ उन्हें प्रताड़ित कर दबाव में शिकायत कराया जा रहा है. उसकी मां अपने बेटे के न्याय के लिए हमारे साथ है. हम छतीसगढ़ी सब जानते हैं और वो हमारी बातों को अच्छे से समझती है यहां पर बालोद के स्थानीय नेता दबाव बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि यहां प्रदेश सरकार संवेदनशील नहीं है और उल्टा जब कोई न्याय के लिए लड़ रहा है तो राजनीति की जा रही है.
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एक करोड़ मुआवजा राशि की मांग
बताया जा रहा है कि मृतक के परिवार को कांग्रेस सरकार (Congress government) की ओर से 1 करोड़ की मुआवजा राशि (1 crore compensation) दिलाने की मांग की गई है. इसके साथ ही छत्तीसगढ़ प्रदेश में लंबित 'प्रधानमंत्री आवास योजना' की राशि स्वीकृत करने की मांग की गई है.
राशि देने में सरकार अक्षम
बीजेपी जिलााध्यक्ष कृष्णकांत पवार (Krishnakant Pawar) ने बताया कि केंद्र सरकार की तरफ से प्रधानमंत्री आवास योजना की पर्याप्त राशि राज्य सरकार को भेज दी गई है. वहीं. मृतक का घर अधूरा था. वो अपने घर के छत की ढलाई को लेकर परेशान था और परिवार से रोज-रोज आवास अधूरा होने की बात कहता था.