बालोद: छत्तीसगढ़ सरकार की महत्वाकांक्षी योजना 'नवा बिहान' जो वाकई गरीब मजदूर, कुम्हार और गौठान में काम करने वाले लोगों के लिए एक नया सवेरा लेकर आई है. इसी कड़ी में बालोद के चरोटा गांव गौठान में गोबार के सुंदर दीये, रंग-बिरंगे दीये बनाये जा रहे हैं. जो न सिर्फ इकोफ्रेंडली हैं बल्कि आपका मन भी मोह लेंगे.
वैसे भी पूजा में गाय के गोबर का बड़ा महत्व माना जाता है. ये गोबर आस्था से जुड़े होने के साथ ही अब महिलाओं के लिए रोजगार का एक जरिया भी बन गया है. गौठान में महिलाएं गोबर से खूबसूरत दीये बना रही हैं. जो चाइनीज दीये और कैंडल की तुलना में खूबसूरत के साथ ही पर्यावरण के लिए फायदेमंद हैं.
प्रशासन ने दिलाया विशेष प्रशिक्षण
गोबार को सुंदर दीयों को आकार देने वाली महिलाएं बताती हैं कि, इन खूबसूरत दीयों को बनाने के लिए उन्हें सरकार की ओर से विशेष प्रशिक्षण देने के साथ ही रॉ मटेरियल भी उपलब्ध कराया गया है. साथ ही गौठान से गोबर एकत्रित कर उसे कूट कर पाउडर बनाया जाता है और उसके मिश्रण तैयार कर उन्हें रंग-बिरंगे दीयों का खूबसूरत आकार दिया जाता है.
नवा बिहान योजना से मिल रहा रोजगार
वहीं प्रतिमा निर्मलकर बताती हैं सरकार की 'नवा बिहान योजना' बहुत अच्छी है. इस योजना से महिलाओं को रोजगार मिल रहा है. महिलाएं इस काम को लगन से कर रही हैं. साथ ही प्रतिमा बताती हैं. नवा बिहान योजना के तहत इनको समस्या आने पर लोन भी मिल जाएगा.
महापौर प्रमोद दुबे ने किया टैक्स फ्री
बता दें कि इस योजना से बने रंग-बिरंगे दीयों को सरकार महिलाओं से खरीदकर इसे बाजार में खपाएगी. राजधानी रायपुर के महापौर प्रमोद दुबे ने मुख्यमंत्री के आदेश पर कुम्हार और दीया बेचने वालों को राहत देते हुए नगर निगम को किसी भी तरह का टैक्स नहीं लेने के लिए निर्देशित किया है. इसके साथ ही कई जिलों में प्रशासन ने निर्देश जारी किए हैं मिट्टी का दीया बेचने वालों से कोई टैक्स न लिया जाए.
ETV भारत कर रहा मिट्टी के दीये खरीदने की अपील
सरकार की ये पहल वाकई काबिल-ए-तारीफ है, क्योंकि इससे जहां एक ओर महिलाओं को रोजगार मिल रहा है, वहीं पर्यावरण प्रदूषित भी नहीं होगा. ETV भारत भी आपसे लगातार अपील कर रहा है कि इस दिवाली हम मिट्टी के दीये खरीदें, जिससे हमारा घर रोशन करने वालों की दीपावली मीठी हो जाए.