बालोद: बालोद जिले के ग्राम मालीघोरी में बैलगाड़ी से एक युवक की बारात (barat on bullock cart in Balod )निकली तो देखने वालों की भीड़ उमड़ गई. परिवार वालों के साथ ही गांव वाले भी इस बारात को देखकर काफी खुश हुए. पुरानी परंपरा को कायम करने के लिए दूल्हे ने ये फैसला लिया, जिसमें खुशी-खुशी परिवार वाले भी शामिल हुए.
छत्तीसगढ़ में बैलगाड़ी में बारात की पुरानी परंपरा (Old tradition of barat on bullock cart in Chhattisgarh)
मालीघोरी (दुधली) निवासी राकेश देशमुख का विवाह दूसरे मोहल्ले के निर्मला देशमुख के साथ तय हुआ. बारात एक मोहल्ले से दूसरे मोहल्ले जानी थी. इसी बीच दूल्हे को बैलगाड़ी पर बारात ले जाने का विचार आया. फिर क्या था. बैलगाड़ी सजाई गई. सज-धज कर दूल्हा बैलगाड़ी में सवार होकर अपनी बारात लेकर निकला. राकेश का कहना है कि बैलगाड़ी में बारात छत्तीसगढ़ की पुरानी परंपरा है. इस परंपरा को जीवित रखने के लिए उन्होंने ऐसा किया. उनके इस फैसले में परिवारवालों ने भी साथ दिया. सड़क से गुजरने वाले लोग भी रुककर बारात देखने लगे.
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लोगों के आकर्षण का केंद्र बनी बैलगाड़ी में बारात
गांव के एक बुजुर्ग ने बताया कि लगभग 35-40 साल पहले छत्तीसगढ़ में बैलगाड़ी से ही बारात जाती थी. अब ये परंपरा खत्म सी हो गई है. आज के जमाने में गरीब से गरीब लोग भी कार से बारात लेकर पहुंचते हैं. ऐसे में आज के जमाने में बैलगाड़ी से बारात को देखकर पुरानी यादें ताजा हो गईं.