बालोद: स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीणों ने अपने पैसे से शौचालय का निर्माण तो करा लिया, लेकिन इन ग्रामीणों को आज तक प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है. ग्रामीणों को प्रोत्साहन राशि के लिए आज भी भटकना पड़ रहा है. ये परेशानी किसी एक गांव के ग्रामीण की नहीं है, बल्कि बालोद जिले के कई गांवों के ग्रामीण इससे परेशान हैं. ग्रामीण दो साल से भुगतान के लिए भटक रहे हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि, 'शौचालय निर्माण नहीं कराने पर राशन कार्ड निरस्त करने की धमकी दी गई थी'.
ग्रामीणों ने बताया कि, 'जब स्वच्छ भारत मिशन चल रहा था. तब उन्हें शौचालय बनाने के लिए प्रेरित किया गया और शौचालय नहीं बनाने पर राशन कार्ड निरस्त करने की धमकी दी गई. अब वे शौचालय बनाकर उपयोग भी कर रहे हैं, लेकिन आज 2 साल हो गए राशि का भुगतान नहीं हुआ है'.
'शौचालय नहीं तो राशन कार्ड नहीं'
बड़गांव के ग्रामीणों ने बताया कि, 'हमारे गांव में सरपंच सचिव की मनमानी चल रही है. पहले कहा गया कि यदि शौचालय नहीं बनाएंगे तो लोगों का राशन कार्ड निरस्त कर दिया जाएगा. इस तरह दबाव बनाकर शौचालय बनवा दिया गया. हम लोगों ने भी इस योजना के साथ जुड़कर शौचालय तो बनवाएं इसके बावजूद आज तक इसका भुगतान नहीं हो पाया है'. उन्होंने बताया कि, 'कई गरीब लोग ऐसे हैं जिन्होंने शौचालय भुगतान की उम्मीद लिए गहने तक गिरवी रख दिए, लेकिन आज तक भुगतान नहीं हो पा रहा है'.
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'जिन्होंने कमीशन दिया उसका हुआ भुगतान'
ग्रामीण रागनी पटेल शहीदाने ने बताया कि, 'यहां पर सरपंच को जिन लोगों द्वारा 2000 रुपये कमीशन दिया गया है उनकी राशि का भुगतान कर दिया गया है, लेकिन हमें घुमाया जा रहा है आखिर हम किन से उम्मीद करें. प्रशासन के पास आए हैं पर यहां भी किसी तरह की कोई सुनवाई नहीं हो रही है. अब समझ नहीं आता कि आखिर अपनी समस्या लेकर कहां जाएं. हमने कर्जे में रहकर शौचालय का निर्माण किया है, अब अपने शौचालय के पैसे के लिए इतना भटकना पड़ रहा है'.
'शासन की योजना से जुड़ पैर में मारी कुल्हाड़ी'
ग्रामीणों का कहना है कि, 'यह दूसरी बार है कि हम जिला प्रशासन के समक्ष आवेदन देकर आए हैं. अगर इसके बाद कार्रवाई नहीं हुई तो हम धरना प्रदर्शन करेंगे. साथ ही मुख्यमंत्री से जाकर इसकी शिकायत करेंगे'. उन्होंने कहा कि, 'सरपंचों की ओर से हमेशा समय दिया जाता है ऐसा लग रहा है जैसे हम शासन की योजना से जुड़ कर अपने पैर में कुल्हाड़ी मार लिए हैं'.