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'जिम्मेदारों ने धमकी देकर कराया शौचालय का निर्माण, लेकिन आज तक नहीं मिली प्रोत्साहन राशि' - बालोद ग्रामीणों को नहीं मिला शौचालय की भुगतान की राशि

बालोद के ग्रामीणों का कहना है कि जब स्वच्छ भारत मिशन चल रहा था. तब उन्हें शौचालय बनाने के लिए प्रेरित किया गया और शौचालय नहीं बनाने पर राशन कार्ड निरस्त करने की धमकी दी गई. अब वे शौचालय बनाकर उपयोग भी कर रहे हैं, लेकिन आज 2 साल हो गए राशि का भुगतान नहीं हुआ है.

भुगतान राशि के लिए भटक रहे ग्रामीण
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Published : Sep 30, 2019, 5:23 PM IST

Updated : Sep 30, 2019, 5:43 PM IST

बालोद: स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीणों ने अपने पैसे से शौचालय का निर्माण तो करा लिया, लेकिन इन ग्रामीणों को आज तक प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है. ग्रामीणों को प्रोत्साहन राशि के लिए आज भी भटकना पड़ रहा है. ये परेशानी किसी एक गांव के ग्रामीण की नहीं है, बल्कि बालोद जिले के कई गांवों के ग्रामीण इससे परेशान हैं. ग्रामीण दो साल से भुगतान के लिए भटक रहे हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि, 'शौचालय निर्माण नहीं कराने पर राशन कार्ड निरस्त करने की धमकी दी गई थी'.

प्रोत्साहन राशि के लिए प्रदर्शन करती महिलाएं

ग्रामीणों ने बताया कि, 'जब स्वच्छ भारत मिशन चल रहा था. तब उन्हें शौचालय बनाने के लिए प्रेरित किया गया और शौचालय नहीं बनाने पर राशन कार्ड निरस्त करने की धमकी दी गई. अब वे शौचालय बनाकर उपयोग भी कर रहे हैं, लेकिन आज 2 साल हो गए राशि का भुगतान नहीं हुआ है'.

'शौचालय नहीं तो राशन कार्ड नहीं'
बड़गांव के ग्रामीणों ने बताया कि, 'हमारे गांव में सरपंच सचिव की मनमानी चल रही है. पहले कहा गया कि यदि शौचालय नहीं बनाएंगे तो लोगों का राशन कार्ड निरस्त कर दिया जाएगा. इस तरह दबाव बनाकर शौचालय बनवा दिया गया. हम लोगों ने भी इस योजना के साथ जुड़कर शौचालय तो बनवाएं इसके बावजूद आज तक इसका भुगतान नहीं हो पाया है'. उन्होंने बताया कि, 'कई गरीब लोग ऐसे हैं जिन्होंने शौचालय भुगतान की उम्मीद लिए गहने तक गिरवी रख दिए, लेकिन आज तक भुगतान नहीं हो पा रहा है'.

पढ़ें : रायपुर NIT के छात्रों ने जवानों के लिए बनाया स्पेशल सूट, जानें इसकी खासियत

'जिन्होंने कमीशन दिया उसका हुआ भुगतान'
ग्रामीण रागनी पटेल शहीदाने ने बताया कि, 'यहां पर सरपंच को जिन लोगों द्वारा 2000 रुपये कमीशन दिया गया है उनकी राशि का भुगतान कर दिया गया है, लेकिन हमें घुमाया जा रहा है आखिर हम किन से उम्मीद करें. प्रशासन के पास आए हैं पर यहां भी किसी तरह की कोई सुनवाई नहीं हो रही है. अब समझ नहीं आता कि आखिर अपनी समस्या लेकर कहां जाएं. हमने कर्जे में रहकर शौचालय का निर्माण किया है, अब अपने शौचालय के पैसे के लिए इतना भटकना पड़ रहा है'.

'शासन की योजना से जुड़ पैर में मारी कुल्हाड़ी'
ग्रामीणों का कहना है कि, 'यह दूसरी बार है कि हम जिला प्रशासन के समक्ष आवेदन देकर आए हैं. अगर इसके बाद कार्रवाई नहीं हुई तो हम धरना प्रदर्शन करेंगे. साथ ही मुख्यमंत्री से जाकर इसकी शिकायत करेंगे'. उन्होंने कहा कि, 'सरपंचों की ओर से हमेशा समय दिया जाता है ऐसा लग रहा है जैसे हम शासन की योजना से जुड़ कर अपने पैर में कुल्हाड़ी मार लिए हैं'.

बालोद: स्वच्छ भारत मिशन के तहत ग्रामीणों ने अपने पैसे से शौचालय का निर्माण तो करा लिया, लेकिन इन ग्रामीणों को आज तक प्रोत्साहन राशि नहीं मिली है. ग्रामीणों को प्रोत्साहन राशि के लिए आज भी भटकना पड़ रहा है. ये परेशानी किसी एक गांव के ग्रामीण की नहीं है, बल्कि बालोद जिले के कई गांवों के ग्रामीण इससे परेशान हैं. ग्रामीण दो साल से भुगतान के लिए भटक रहे हैं. ग्रामीणों का आरोप है कि, 'शौचालय निर्माण नहीं कराने पर राशन कार्ड निरस्त करने की धमकी दी गई थी'.

प्रोत्साहन राशि के लिए प्रदर्शन करती महिलाएं

ग्रामीणों ने बताया कि, 'जब स्वच्छ भारत मिशन चल रहा था. तब उन्हें शौचालय बनाने के लिए प्रेरित किया गया और शौचालय नहीं बनाने पर राशन कार्ड निरस्त करने की धमकी दी गई. अब वे शौचालय बनाकर उपयोग भी कर रहे हैं, लेकिन आज 2 साल हो गए राशि का भुगतान नहीं हुआ है'.

'शौचालय नहीं तो राशन कार्ड नहीं'
बड़गांव के ग्रामीणों ने बताया कि, 'हमारे गांव में सरपंच सचिव की मनमानी चल रही है. पहले कहा गया कि यदि शौचालय नहीं बनाएंगे तो लोगों का राशन कार्ड निरस्त कर दिया जाएगा. इस तरह दबाव बनाकर शौचालय बनवा दिया गया. हम लोगों ने भी इस योजना के साथ जुड़कर शौचालय तो बनवाएं इसके बावजूद आज तक इसका भुगतान नहीं हो पाया है'. उन्होंने बताया कि, 'कई गरीब लोग ऐसे हैं जिन्होंने शौचालय भुगतान की उम्मीद लिए गहने तक गिरवी रख दिए, लेकिन आज तक भुगतान नहीं हो पा रहा है'.

पढ़ें : रायपुर NIT के छात्रों ने जवानों के लिए बनाया स्पेशल सूट, जानें इसकी खासियत

'जिन्होंने कमीशन दिया उसका हुआ भुगतान'
ग्रामीण रागनी पटेल शहीदाने ने बताया कि, 'यहां पर सरपंच को जिन लोगों द्वारा 2000 रुपये कमीशन दिया गया है उनकी राशि का भुगतान कर दिया गया है, लेकिन हमें घुमाया जा रहा है आखिर हम किन से उम्मीद करें. प्रशासन के पास आए हैं पर यहां भी किसी तरह की कोई सुनवाई नहीं हो रही है. अब समझ नहीं आता कि आखिर अपनी समस्या लेकर कहां जाएं. हमने कर्जे में रहकर शौचालय का निर्माण किया है, अब अपने शौचालय के पैसे के लिए इतना भटकना पड़ रहा है'.

'शासन की योजना से जुड़ पैर में मारी कुल्हाड़ी'
ग्रामीणों का कहना है कि, 'यह दूसरी बार है कि हम जिला प्रशासन के समक्ष आवेदन देकर आए हैं. अगर इसके बाद कार्रवाई नहीं हुई तो हम धरना प्रदर्शन करेंगे. साथ ही मुख्यमंत्री से जाकर इसकी शिकायत करेंगे'. उन्होंने कहा कि, 'सरपंचों की ओर से हमेशा समय दिया जाता है ऐसा लग रहा है जैसे हम शासन की योजना से जुड़ कर अपने पैर में कुल्हाड़ी मार लिए हैं'.

Intro:बालोद।

बालोद जिले के कई ग्राम पंचायतों में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय बनाए गए थे परंतु उनका भुगतान आज तक नहीं हुआ है इसमें कई सारे ग्राम शामिल हैं इसी तरह बालोद जिले के डौंडीलोहारा ब्लाक अंतर्गत ग्राम बड़गांव के ग्रामीण शौचालय भुगतान की समस्या लेकर आए ग्रामीणों ने बताया कि जब स्वच्छ भारत मिशन ग्रामीण चल रहा था तब हमें शौचालय बनाने प्रेरित किया गया और उपयोग करने का आ गया और शौचालय नहीं बनाने पर राशन कार्ड निरस्त की बात कहते थे परंतु अब शौचालय बनाकर उपयोग भी कर रहे हैं परंतु आज 2 साल हो गए हमारा भुगतान नहीं हो पा रहा है।




Body:वीओ - ग्राम बड़गांव के ग्रामीणों ने बताया कि हमारे गांव में सरपंच सचिव की मनमानी चल रही है पहले कहा गया कि शौचालय नहीं बनवा आएंगे तो आप लोगों का राशन कार्ड निरस्त कर दिया जाएगा इस तरह दबाव बनाकर शौचालय बनवा लिया गया हम लोगों ने भी इस योजना के साथ जुड़कर शौचालय तो बनवाएं बावजूद उसके आज तक इसका भुगतान नहीं हो पाया है उन्होंने बताया कि कई गरीब लोग ऐसे हैं जिन्होंने शौचालय भुगतान की उम्मीद लिए गहने तक गिरवी रख दिए परंतु आज भुगतान नहीं हो पा रहा है।

वीओ - ग्रामीण रागनी पटेल शहीदाने ने बताया कि यहां पर सरपंच को जिन लोगों द्वारा 2000 रुपये कमीशन दिया गया है उनकी राशि का भुगतान कर दिया गया है परंतु आज तक हमें घुमाया जा रहा है आखिर हम किन से उम्मीद करें प्रशासन के पास आए हैं पर यहां भी किसी तरह की कोई सुनवाई नहीं हो रहा है अब समझ नहीं आता कि आखिर अपनी समस्या लेकर कहां जाएं ग्रामीण गाड़ी किराया कर बैठ कर आते हैं ऊपर से कर्जे में रहकर हम शौचालय बनाए हैं अब अपने शौचालय के पैसे के लिए इतना भटकना पड़ रहा है


Conclusion:ग्रामीणों का कहना है कि यह दूसरी बार है कि हम जिला प्रशासन के समक्ष आवेदन लेकर आए हैं अगर इसके बाद कार्रवाई नहीं हुई तो हम धरना प्रदर्शन करेंगे साथ ही मुख्यमंत्री से जाकर इसकी शिकायत करेंगे उन्होंने कहा कि सरपंचों द्वारा हमेशा समय दिया जाता है ऐसा लग रहा है जैसे हम शासन की योजना से जुड़ कर अपने पैर में कुल्हाड़ी मार लिए हैं।

बाइट - प्रदीप कुमार दुबे , ग्रामीण

बाइट - रागिनी पटेल , ग्रामीण
Last Updated : Sep 30, 2019, 5:43 PM IST
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