बालोद: केंद्र सरकार की ओर से रासायनिक खाद के मूल्य में की गई बढ़ोतरी को लेकर NSUI (एनएसयूआई) ने अनोखे तरीके से विरोध जताया. सोमवार को एनएसयूआई ने प्रदेश के सभी भाजपा सांसदों को प्रेम पत्र भेजा. इसके साथ ही किसानों की ओर से भेजा गया गमछा भी सांसदों को भेजा. प्रदेश एनएसयूआई के सचिव जितेंद्र पांडेय ने बताया कि छत्तीसगढ़ कृषि प्रधान राज्य है. यहां किसानों की आमदनी ही देश और राज्य का भविष्य तय करती है. ऐसे में जब कृषि में इस्तेमाल की जाने वाली किसी चीज के दाम बढ़ेंगे तो किसानों पर भी बोझ पड़ेगा.
जितेंद्र ने बताया कि जिन किसानों को लोक लुभावने वादे करके केंद्र की मोदी सरकार सत्ता में आई, वह अब किसानों के साथ अहित कर रही है. शायद इसी कारण देश में किसानों की स्थिति दिन-ब-दिन खराब होती जा रही है. जिससे मजबूर होकर किसानों को अपना काम छोड़कर धरना-प्रदर्शन जैसे कदम उठाने पड़ रहे हैं. एनएसयूआई ने कहा कि सरकार को किसानों के हित में फैसले लेने चाहिए. ताकि वे अच्छे से कृषि कर पाएं. एनएसयूआई ने कहा कि जब तक केंद्र सरकार खाद के दाम कम नहीं करती, तब तक उनका आंदोलन जारी रहेगा.
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इस खाद के बढ़े दाम
एनएसयूआई के जिला संयोजक तिलक देशमुख ने बताया कि डीएपी खाम में 400 से 700 रुपये तक की वृद्धि की गई है. जिसके बाद इसकी कीमत 1200 से 1900 पहुंच गई है. वहीं एनपीके खाद में 565 रुपये की वृद्धि हुई है. खाद के दाम बढ़ने से किसानों को नुकसान हो रहा है.