बालोद: बालोद में साल 2018 से पशु चिकित्सा ईकाई के क्षेत्र में कोई भी ना तो वैकेंसी निकली है, ना ही कोई नियुक्ति हुई. यही कारण है कि पशु चिकित्सा विषय को लेकर पढ़ रहे बच्चे पिछले कुछ सालों से नौकरी के लिए भटक रहे हैं. ये छात्र बेरोजगारी से तंग आकर जिला प्रशासन से रोजगार की मांग कर रहे हैं. ये स्टूडेंट्स प्रशासन से वैकेंसी निकाले जाने की मांग कर रहे हैं.
45 फीसद पद खाली: पशु चिकित्सा क्षेत्र में अध्ययन कर रही छात्रा सिवानी ने जानकारी दी कि इस क्षेत्र में कुल स्वीकृत 74 पद हैं, जिसमें से 45 फीसद यानि कि 33 पद खाली हैं. बालोद में 50 बेरोजगार पशु चिकित्सा क्षेत्र में डिप्लोमा की पढ़ाई पूरी कर चुके लोग घूम रहे हैं. इन बेरोजगारों ने की मानें तो बालोद में यदि डिप्लोमा के क्षेत्र में कोई वैकेंसी निकाली जाती है तो उन्हें भटकना नहीं पड़ेगा. रोजगार न होने के कारण डिप्लोमा कर चुके स्टूडेंट्स छोटे-मोटे काम करने को मजबूर हैं.
प्रदेश स्तर पर सभी पदों के लिए भर्ती की जा रही है. कुछ परीक्षाएं हो चुकी है. जल्द ही उनकी नियुक्तियां हो जाएगी. लगभग 160 पदों के लिए भारतीय राज्य शासन से नियुक्तियां निकाली गई थी. -देवेंद्र कुमार सिहारे, पशुपालन अधिकारी, बालोद
दूसरे राज्यों में निकाली जा रही वैकेंसी: पशु चिकित्सा के क्षेत्र में अध्ययन कर चुके युवा बेरोजगारों ने बताया कि "बालोद में ही काफी लंबे समय से वैकेंसी नहीं निकाली गई है. आसपास के जिलों में वैकेंसी निकाली जा रही है. वहां के युवा बेरोजगारों को काम मिल रहा है." उन्होंने जिला प्रशासन से अपील की है कि बालोद में भी कोई वैकेंसी निकली जाए ताकि यहां अध्ययन कर चुके युवा बेरोजगारों को रोजगार मिल सके. सभी छात्र संविदा पदों पर भर्तियां निकलने की मांग कर रहे हैं.