बालोद : मुजगहन गांव के किसानों ने ग्राम पटेल के खिलाफ कलेक्टोरेट में प्रदर्शन किया. ग्रामीणों ने ग्राम पटेल मोहम्मद हनीफ को लेकर कलेक्टर से शिकायत की. ग्रामीणों का आरोप है कि मोहम्मद हनीफ ने पटेल जैसे संवैधानिक पद का गलत इस्तेमाल किया है. ग्रामीणों के मुताबिक मोहम्मद हनीफ ने गांव की नौ जमीनों पर कब्जा किया और उसे बेच डाला.
ग्रामीणों और प्रशासन के बीच तनातनी : प्रदर्शन के दौरान प्रशासन और ग्रामीणों के बीच जमकर तनातनी भी हुई. कार्रवाई नहीं होने पर ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार की चेतावनी भी दी है. ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार को लेकर पोस्टर भी प्रदर्शन स्थल में लाया था. ग्रामीण कलेक्टोरेट के अंदर जाने के लिए अड़े रहे. लेकिन पुलिस ने ग्रामीणों को रोक दिया. तनाव बढ़ता देखकर मौके पर कलेक्टर पहुंचे और ग्राम पटेल को निष्कासित करने का आश्वासन ग्रामीणों को दिया. बिना निष्कासन पत्र लिए ग्रामीणों ने कलेक्टोरेट से जाना मुनासिब नहीं समझा और वहीं बैठ गए.
ग्राम पटेल पर गंभीर आरोप : ग्रामीणों की मानें तो ग्राम पटेल मोहम्मद हनीफ अपनी जमीनों को अपने घर परिवार वालों के नाम से रखता है. कभी भाई के नाम से कभी बहन के नाम से कभी भतीजे के नाम से. पहले जमीन पर कब्जा करता है, फिर ना जाने कैसे फर्जी रूप से जमीन का पट्टा बनवा लेता है.
ग्रामीणों ने कलेक्टर से की जांच की मांग : ग्रामीणों का कहना है कि जहां जहां पर जमीन कब्जा किया गया है, उन जमीनों की भी जांच होनी चाहिए. जिसके बाद उचित कार्रवाई की जानी चाहिए. सभी नजूल जमीन को चुनकर ग्राम पटेल ने कब्जा किया है. फिर उसे बेचकर करोड़ों रुपए कमाए हैं. यदि इस तरह से ग्राम पटेल जमीनों पर कब्जा करके बेचता रहा तो ग्रामीणों के लिए कहीं भी जमीन नहीं बचेगी. ग्रामीण नेवेंद्र कुमार ने बताया कि मोहम्मद हनीफ पटेल पद से भी निष्कासित हो चुके थे, लेकिन पता नहीं किसने उसे दोबारा ग्राम पटेल बना दिया. मोहम्मद हनीफ ने अपने पद का पूरी तरह दुरुपयोग किया है.
''बड़ी-बड़ी बातें करके ग्रामीणों को दबाने का प्रयास पटेल मोहम्मद हनीफ करता है. हम चाहते हैं कि ग्राम पटेल को तत्काल बर्खास्त किया जाए.उसकी सारी जमीनों की जांच होनी चाहिए. उनके एक भाई ने एक जगह जमीन कब्जा किया और उसे बेच भी दिया.'' श्यामलाल ठाकुर,ग्रामीण
कांग्रेस और बीजेपी का समर्थन : ग्रामीणों के इस प्रदर्शन को बीजेपी और कांग्रेस ने भी समर्थन दिया है. पूर्व विधायक भैया राम सिन्हा दूर खड़े होकर भीड़ को समर्थन दे रहे थे. वहीं भारतीय जनता पार्टी के जिला अध्यक्ष कृष्णकांत पवार और मंडल अध्यक्ष प्रेम साहू ने भी ग्रामीणों के बीच जाकर उनकी बातों को प्रशासन के सामने रखा.