बालोद : जिले में कोरोना के बढ़ते संक्रमण को देखते हुए जिला प्रशासन ने लॉकडाउन का फैसला लिया है. 10 अप्रैल की शाम 6 बजे से 19 अप्रैल की सुबह 6 बजे तक 204 घंटे टोटल तालाबंदी रहेगी. कलेक्टर जनमजेय मोहबे ने आदेश जारी कर दिया है. इस दौरान पूरा जिला कंटेनमेंट जोन के रूप में तब्दील रहेगा.
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वर्तमान में बालोद जिले के 6 गांव ऐसे हैं जहां पर संक्रमण की स्थिति बेहद दयनीय है. बालोद जिले में 5 विकासखंड आते हैं तो प्रत्येक विकासखंड में आइसोलेशन सेंटर बनाए गए हैं और एक कोविड हॉस्पिटल है.
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क्या है बिस्तरों की स्थिति ?
जिला मुख्यालय के अस्पताल में 100 बिस्तर ऑक्सीजन बेड की व्यवस्था है. स्वास्थ्य विभाग ने जो जानकारी दी है उसके मुताबिक सामान्य मरीजों को आइसोलेशन सेंटर में रखा जा रहा है. होम आइसोलेशन में रहने वाले मरीजों की संख्या भी बढ़ रही है. बीते दिनों लगभग 800 लोग होम आइसोलेशन में थे. लेकिन अकेले गुरुवार को ही 3 सौ से ज्यादा मरीज सामने आए हैं, जिससे प्रशासन अलर्ट हो गया है.
अस्पताल/कोविड केयर सेंटर | कुल बिस्तर क्षमता | कुल भर्ती मरीज | रिक्त बिस्तर |
कोविड हॉस्पिटल बालोद | 100 | 96 | 04 |
कोविड केयर सेन्टर लाईवलीहूड कॉलेज पाकुरभाट | 224 | 182 | 42 |
कोविड केयर सेन्टर स्पोटर्स क्लब, दल्लीराजहरा डौण्डी | 96 | 92 | 04 |
निजी संस्था शहीद हॉस्पिटल दल्लीराजहरा डौण्डी | 26 | 21 | 05 |
कोविड केयर सेन्टर आई.टी.आई. गुरूर | 100 | 66 | 34 |
जिला बालोद | 546 | 465 | 81 |
बालोद की आबादी कितनी है ?
वर्ष 2011 की जनगणना के अनुसार बालोद की जनसंख्या 8, 26,165 है. ये संख्या 2021 में डेढ़ गुनी हो सकती है.
कितने कंटेनमेंट जोन ?
वर्तमान में तीनों विधानसभा क्षेत्र में सबसे ज्यादा कंटेनमेंट जोन गुंडरदेही और डौंडीलोहारा क्षेत्र में बनाए गए हैं. गुरुर ब्लॉक में दो, गुंडरदेही ब्लॉक में 2 और डौंडी लोहारा ब्लॉक में 2 गांव कंटेनमेंट जोन के रूप में तब्दील हैं.
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लॉकडाउन इमर्जेंसी सेवा भी बंद
लॉकडॉउन की अवधि में पेट्रोल जैसी जरूरी चीजों पर भी प्रतिबंध लगा दिया गया है. परीक्षा के लिए जाने वाले छात्रों, पत्रकारों, सरकारी सेवा में लगे कर्मचारियों को पेपर दिखाने पर पेट्रोल-डीजल मिलेगा.
दवाओं की कमी की खबर नहीं
जिले में दवाओं की उपलब्धता है. कमी की शिकायत नहीं मिल रही है.
प्रतिबंधित सामानों के दाम आसमान पर और राशन भी रुला रहा
बालोद जिले में लॉकडाउन के एक दिन पहले बाजार में काफी भीड़ देखने को मिल रही है. सोशल डिस्टेंसिंग की धज्जियां उड़ रही है. यहां पर सबसे ज्यादा प्रतिबंधित सामग्रियों की मूल्य वृद्धि हुई है. गुड़ाखू जैसी चीजें दोगुने दाम में बिक रही हैं. आलू थोक में 16 रुपए प्रति किलो और खुले में 25 से 30 रुपए किलो बिक रही है. फलों के दाम भी बढ़ गए हैं.