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बालोद : मां गंगा मैया धाम में आस्था के 801 ज्योतिकलश प्रज्ज्वलित

बालोद के मां गंगा मैया धाम में इस बार आस्था के 801 ज्योति कलश प्रज्ज्वलित किए गए हैं. इसके दर्शन के लिए नवरात्रि के पहले दिन से ही श्रद्धालुओं की भीड़ लगी हुई है.

आस्था के 801 ज्योतिकलश प्रज्ज्वलित
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Published : Sep 29, 2019, 6:21 PM IST

Updated : Sep 29, 2019, 7:56 PM IST

बालोद: जिला मुख्यालय के करीब बसे मां गंगा मैया धाम में रविवार से नवरात्रि पर्व शुरू हो गया है. सुबह 12 बजे यहां आस्था के 801 ज्योतिकलश प्रज्ज्वलित किये गए. विधि विधान से पूजा अर्चना की गई. इसके बाद से ही यहां पर भक्तों का तांता लगा हुआ है.

मां गंगा मैया धाम में आस्था के 801 ज्योतिकलश प्रज्ज्वलित

बता दें कि सुबह से ही भक्त मां के दर्शन को पहुंच रहे हैं. ज्योति कलश दर्शन करने के लिए भी लोग आ रहे हैं.

जानें मां गंगा मैया का इतिहास
मां गंगा मैया की कहानी अंग्रेज शासनकाल से जुड़ी हुई है, जहां गांव के बैगा को सपना आया था कि लगभग 105 साल पहले जीवनदायिनी तांदुला नदी के नहर का निर्माण चल रहा था. इस दौरान गांव में सोमवार के दिन ही बाजार लगता था जहां दूरस्थ अंचलों से लोग पशुओं की विशाल समूह के साथ आया करते थे. पशुओं की अधिकता से पानी की कमी महसूस की जाती थी. पानी की कमी को पूरा करने के लिए तालाब बनाने के लिए खुदाई की गई, जिसे बांध तालाब नाम दिया गया.

वहीं से गंगा मैया के प्रादुर्भाव की कहानी शुरू होती है, जिस जगह पर वर्तमान में देवी की प्रतिमा स्थापित है. वहां पहले तालाब हुआ करता था, जहां पानी भरा रहता था. कहावत है कि 1 दिन ग्राम सिवनी का एक तालाब में प्रतिमा को फेंक दिया, जिसके अंदर पड़ी हुई प्रतिमा के सपने की जानकारी ग्रामीणों की दी, जिसके बाद जाल फेंके जाने पर वहीं प्रतिमा फंसी हुई मिली.

पढ़ें- रायपुर: मंदिरों में लगा भक्तों का तांता, गूंज रहा शेरोवाली का जयकार

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए किए गए हैं इंतजाम
⦁ यहां पर लोगों की सुविधा के लिए सस्ते दर पर दाल-भात केंद्र और प्राथमिक उपचार केंद्र भी बनाया गया है.
⦁ साथ ही भक्तों की सुविधा के लिए और भी कई सारी व्यवस्थाएं की गई हैं.
⦁ यहां पर दीप प्रज्ज्वलन ज्योति कलश दर्शन के लिए एक कमलनुमा गुंबद है, जहां लोग ज्योति कलश के दर्शन करते हैं.
⦁ आने वाली 9 दिन तक यहां विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम होंगे जिसे सुनने और देखने के लिए जिला सहित प्रदेशभर के लोग पहुंचेंगे.
⦁ साथ ही सुंदरकांड का पाठ भी यहां किया जाएगा एवं नित्य भक्तिगीत की प्रस्तुति की जाएगी.

बालोद: जिला मुख्यालय के करीब बसे मां गंगा मैया धाम में रविवार से नवरात्रि पर्व शुरू हो गया है. सुबह 12 बजे यहां आस्था के 801 ज्योतिकलश प्रज्ज्वलित किये गए. विधि विधान से पूजा अर्चना की गई. इसके बाद से ही यहां पर भक्तों का तांता लगा हुआ है.

मां गंगा मैया धाम में आस्था के 801 ज्योतिकलश प्रज्ज्वलित

बता दें कि सुबह से ही भक्त मां के दर्शन को पहुंच रहे हैं. ज्योति कलश दर्शन करने के लिए भी लोग आ रहे हैं.

जानें मां गंगा मैया का इतिहास
मां गंगा मैया की कहानी अंग्रेज शासनकाल से जुड़ी हुई है, जहां गांव के बैगा को सपना आया था कि लगभग 105 साल पहले जीवनदायिनी तांदुला नदी के नहर का निर्माण चल रहा था. इस दौरान गांव में सोमवार के दिन ही बाजार लगता था जहां दूरस्थ अंचलों से लोग पशुओं की विशाल समूह के साथ आया करते थे. पशुओं की अधिकता से पानी की कमी महसूस की जाती थी. पानी की कमी को पूरा करने के लिए तालाब बनाने के लिए खुदाई की गई, जिसे बांध तालाब नाम दिया गया.

वहीं से गंगा मैया के प्रादुर्भाव की कहानी शुरू होती है, जिस जगह पर वर्तमान में देवी की प्रतिमा स्थापित है. वहां पहले तालाब हुआ करता था, जहां पानी भरा रहता था. कहावत है कि 1 दिन ग्राम सिवनी का एक तालाब में प्रतिमा को फेंक दिया, जिसके अंदर पड़ी हुई प्रतिमा के सपने की जानकारी ग्रामीणों की दी, जिसके बाद जाल फेंके जाने पर वहीं प्रतिमा फंसी हुई मिली.

पढ़ें- रायपुर: मंदिरों में लगा भक्तों का तांता, गूंज रहा शेरोवाली का जयकार

श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए किए गए हैं इंतजाम
⦁ यहां पर लोगों की सुविधा के लिए सस्ते दर पर दाल-भात केंद्र और प्राथमिक उपचार केंद्र भी बनाया गया है.
⦁ साथ ही भक्तों की सुविधा के लिए और भी कई सारी व्यवस्थाएं की गई हैं.
⦁ यहां पर दीप प्रज्ज्वलन ज्योति कलश दर्शन के लिए एक कमलनुमा गुंबद है, जहां लोग ज्योति कलश के दर्शन करते हैं.
⦁ आने वाली 9 दिन तक यहां विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम होंगे जिसे सुनने और देखने के लिए जिला सहित प्रदेशभर के लोग पहुंचेंगे.
⦁ साथ ही सुंदरकांड का पाठ भी यहां किया जाएगा एवं नित्य भक्तिगीत की प्रस्तुति की जाएगी.

Intro:बालोद।

बालोद जिला मुख्यालय के करीब बसे मां गंगा मैया धाम में आज से नवरात्र पर्व शुरू हो गया है ठीक सुबह 12:00 बजे यहां दीप प्रज्वलित किया गया और विधि विधान से पूजा अर्चना की गई इसके बाद से ही यहां पर भक्तों का तांता लगा हुआ है सुबह से ही भक्तों मां के दर्शन को पहुंच रहे हैं साथ ही ज्योति कलश दर्शन करने भी लोग भ्रमण कर रहे हैं इस बार आस्था के 801 मनोकामना दीप गंगा मैया में प्रज्वलित किए गए हैं।


Body:वीओ - ग्राम गंगा मैया की महिमा अपरंपार धार्मिक स्थल मां गंगा मैया की कहानी अंग्रेज शासनकाल से जुड़ी हुई है गांव के बैगा को सपना आया था कि लगभग 105 साल पहले जीवनदायिनी तांदुला नदी के नहर का निर्माण चल रहा था इस दौरान जिला गांव की आबादी में है गांव में सोमवार के दिन ही यहां बाजार लगता था जहां दूरस्थ अंचलों से लोग पशुओं की विशाल समूह के साथ आया करते थे पशुओं की अधिकता से पानी की कमी महसूस की जाती थी पानी की कमी को पूरा करने के लिए तालाब बनाने की खुदाई की गई जिसे बांध तालाब नाम दिया गया गंगा मैया के प्रादुर्भाव की कहानी शुरू होती है जिस जगह पर वर्तमान में देवी की प्रतिमा स्थापित है वहां पहले तालाब था जहां पानी भरा रहता था आवत है कि 1 दिन ग्राम सिवनी का एक तालाब में तालाब में फेंक दिया जिसके अंदर पढ़ी हुई हूं सपना की जानकारी ग्रामीणों की दी जिसके बाद जाल फेंके जाने से वही प्रतिमा फसी।

वीओ - मां गंगा मैया मंदिर में सुबह से ही लोगों का आना-जाना रहा भक्त यहां दर्शन करने पहुंचने लगे यहां पर लोगों की सुविधा के लिए सस्ते दर पर दाल भात केंद्र और प्राथमिक उपचार केंद्र भी बनाया गया है साथ ही भक्तों की सुविधा के लिए और भी कई सारी व्यवस्थाएं की गई है यहां पर दीप प्रज्वलन ज्योति कलश दर्शन के लिए एक कमल नोमा गुंबद है जहां लोग भ्रमण करते हैं और ज्योति कलश के दर्शन करते हैं।


Conclusion:आने वाली 9 दिन तक यहां विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम होंगे जिसे सुनने में देखने के लिए जिला सहित प्रदेश भर के लोग पहुंचेंगे साथ ही सुंदरकांड का पाठ भी यहां किया जाएगा एवं नित्य विभक्ति की प्रस्तुति भी की जाएगी पूरे 9 दिन धार्मिक आयोजन यहां आयोजित किए जाएंगे।

बाइट - पालक ठाकुर , ट्रस्टी माँ गंगा मैया मंदिर
Last Updated : Sep 29, 2019, 7:56 PM IST
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