बालोद: जिला मुख्यालय के करीब बसे मां गंगा मैया धाम में रविवार से नवरात्रि पर्व शुरू हो गया है. सुबह 12 बजे यहां आस्था के 801 ज्योतिकलश प्रज्ज्वलित किये गए. विधि विधान से पूजा अर्चना की गई. इसके बाद से ही यहां पर भक्तों का तांता लगा हुआ है.
बता दें कि सुबह से ही भक्त मां के दर्शन को पहुंच रहे हैं. ज्योति कलश दर्शन करने के लिए भी लोग आ रहे हैं.
जानें मां गंगा मैया का इतिहास
मां गंगा मैया की कहानी अंग्रेज शासनकाल से जुड़ी हुई है, जहां गांव के बैगा को सपना आया था कि लगभग 105 साल पहले जीवनदायिनी तांदुला नदी के नहर का निर्माण चल रहा था. इस दौरान गांव में सोमवार के दिन ही बाजार लगता था जहां दूरस्थ अंचलों से लोग पशुओं की विशाल समूह के साथ आया करते थे. पशुओं की अधिकता से पानी की कमी महसूस की जाती थी. पानी की कमी को पूरा करने के लिए तालाब बनाने के लिए खुदाई की गई, जिसे बांध तालाब नाम दिया गया.
वहीं से गंगा मैया के प्रादुर्भाव की कहानी शुरू होती है, जिस जगह पर वर्तमान में देवी की प्रतिमा स्थापित है. वहां पहले तालाब हुआ करता था, जहां पानी भरा रहता था. कहावत है कि 1 दिन ग्राम सिवनी का एक तालाब में प्रतिमा को फेंक दिया, जिसके अंदर पड़ी हुई प्रतिमा के सपने की जानकारी ग्रामीणों की दी, जिसके बाद जाल फेंके जाने पर वहीं प्रतिमा फंसी हुई मिली.
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श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए किए गए हैं इंतजाम
⦁ यहां पर लोगों की सुविधा के लिए सस्ते दर पर दाल-भात केंद्र और प्राथमिक उपचार केंद्र भी बनाया गया है.
⦁ साथ ही भक्तों की सुविधा के लिए और भी कई सारी व्यवस्थाएं की गई हैं.
⦁ यहां पर दीप प्रज्ज्वलन ज्योति कलश दर्शन के लिए एक कमलनुमा गुंबद है, जहां लोग ज्योति कलश के दर्शन करते हैं.
⦁ आने वाली 9 दिन तक यहां विभिन्न धार्मिक कार्यक्रम होंगे जिसे सुनने और देखने के लिए जिला सहित प्रदेशभर के लोग पहुंचेंगे.
⦁ साथ ही सुंदरकांड का पाठ भी यहां किया जाएगा एवं नित्य भक्तिगीत की प्रस्तुति की जाएगी.