बलरामपुर : जिले के फोरेस्ट रेंज वाड्रफनगर में लकड़ी तस्करों के हौसले बुलंद हैं. हरे भरे पेड़ों की अवैध तरीके से कटाई धड़ल्ले से हो रही है. रजखेता से मानपुर जंगल और बसंतपुर जंगल में सैकड़ों की संख्या में पेड़ काटे गए हैं. हैरानी की बात ये है कि इस अवैध कटाई की वन विभाग को भनक तक नहीं लगी.आपको बता दें कि वाड्रफनगर फॉरेस्ट रेंज उत्तर प्रदेश और मध्य प्रदेश राज्य की सीमा से सटा हुआ है. इसी वजह से लकड़ी तस्कर पूरे क्षेत्र में सक्रिय हैं. क्योंकि यहां से लकड़ियां काटकर जंगल के रास्ते से दूसरे राज्यों में पहुंचा दी जाती है.
जंगलों में लकड़ी तस्कर सक्रिय: यह पूरा मामला वाड्रफनगर फॉरेस्ट रेंज का है. जहां लकड़ी तस्कर मशीनों का सहारा लेकर कटाई कर रहे हैं . यहां पेड़ों के अंधाधुंध कटाई की जा रही है. लेकिन वन विभाग इस पर कोई कार्रवाई नहीं कर पा रही है. पिछले दो-तीन महीने से वाड्रफनगर के जंगलों में पेड़ों की अंधाधुंध कटाई चल रही है. इस पूरे मामले में वन विभाग की निष्क्रियता नजर आ रही है.
अवैध तरीके से वनों की कटाई : अवैध तरीके से पेड़ कटाई के कारण जंगल मैदान में तब्दील होता जा रहा है. जिससे वन्यजीव जंगल से बाहर निकलकर मैदानी क्षेत्रों में आ रहे हैं .वन्यजीवों के साथ इंसानी जान पर खतरा मंडरा रहा है. इसके बारे में रेंजर वाड्रफनगर से बात करने की कोशिश की गई.लेकिन हर बार वो जवाब देने से बचते नजर आ रहे हैं.
DFO ने कही कार्रवाई की बात : इस मामले में डीएफओ ने कहा कि ''मीडिया के माध्यम से जानकारी मिली है कि कोटराही, धनवार और मानपुर में रोड के किनारे और अंदर लकड़ी कटाई कर वाहनों से परिवहन किया जा रहा है. वन विभाग की टीम को जांच करने के लिए निर्देशित किया गया है. जांच के बाद नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.'' DFO विवेकानंद झा
- Rajnandgaon News: रमन सिंह ने मुड़ीपार गौठान का लिया जायजा, बघेल सरकार पर बोला हमला
- छत्तीसगढ़ में गौठान निर्माण को लेकर सुनील सोनी का बघेल पर हमला, देखें वीडियो
- सीएम भूपेश बघेल ने भरोसे का सम्मेलन में किसानों की समृद्धि का किया दावा
कौन हैं जिम्मेदार : वाड्रफनगर फॉरेस्ट रेंज में दो-तीन महीने के भीतर सैकड़ों की संख्या में हरे भरे पेड़ों की अवैध कटाई तस्करों ने की है. तस्कर बड़े ही आसानी से लकड़ी काटकर उसे अन्य राज्यों में भेज रहे हैं.स्थानीय लोगों ने इसकी सूचना कई बार वन विभाग के अधिकारियों को दी.लेकिन ऐसा माना जा रहा है कि विभाग ने कार्रवाई नहीं करने का मन बना रखा है.ऐसे में इस ओर भी इशारा मिल रहा है कि तस्करों के साथ वन विभाग के कुछ कर्मचारी भी शामिल हैं.