बलरामपुर: जिले के रामानुजगंज फारेस्ट रेंज अंतर्गत ग्राम पंचायत विजयनगर के जंगल में ग्रामीणों ने लकड़ी तस्करों (Wood Smugglers) को पकड़ने की योजना बनाई. लेकिन तस्करों को इसकी भनक लग गई. तस्कर साल की इन इमारती लकड़ियों और वाहन को छोड़कर जंगल के रास्ते भाग निकले. ग्रामीणों ने इस कीमती लकड़ी को वन विभाग को सौंप दिया. इस मामले में वन परिक्षेत्र अधिकारी (Forest Range Officer) ने चौकीदार उमेश यादव को तुरंत हटा दिया.
धड़ल्ले से चल रही इमारती लकड़ियों की तस्करी
बलरामपुर के अलग-अलग क्षेत्रों में धड़ल्ले से कीमती इमारती लकड़ियों की तस्करी (Wood Smuggling) चल रही है. लेकिन इसके बावजूद, वन विभाग के द्वारा इस पर सक्रियता से कार्रवाई नहीं किया जा रहा है. आरोप है कि विभाग के कुछ कर्मचारियों की मिली भगत में वन लकड़ियों का धड़ल्ले से तस्करी हो रहा है.
ग्रामीणों को मिली थी लकड़ियों के तस्करी की सूचना
ग्रामीणों को जंगल से वाहन में भरकर साल की इमारती लकड़ियों के तस्करी की सूचना मिली थी. रात में ग्रामीण एकजुट होकर पहरेदारी करने लगे. तस्करों को पहले ही अंदेशा हो गया कि ग्रामीणों ने उन्हें रंगे हाथों धर दबोचने की योजना बनाई है. जिसके बाद तस्कर बीच जंगल में ही वाहन में लोड इमारती लकड़ियों को छोड़कर मौके से फरार हो गए. वन विभाग ने वाहन सहित 1 लाख रुपए कीमती साल की लकड़ी को जब्त कर लिया है.