कवर्धा: जंगल की आग की चपेट में आने से दो मकान खाक हो गए. मकानों में रखे राशन और कपड़े जल गए. वहीं परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल है. छत्तीसगढ़- मध्यप्रदेश की सीमा पर स्थित कुकदूर थाना पंडरीपानी गांव में दो मकान आग की चपेट में आ गए. कवर्धा के जंगलों में आग लगी है और वन्यकर्मी हड़ताल पर हैं. जिससे आग बुझ नहीं पा रही है. अब यह आग रिहायशी इलाकों तक पहुंच गई है.
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घर को जलता देखते रहे लोग : खून पसीना बहा कर अपनी मेहनत से बनाए आशियाना को जलते हुए देखना और कुछ ना कर पाना. इस मजबूरी में पंडरीपानी के लोग हैं. जहां जंगल में लगी आग ने रामसिंह बैगा और दलसिंह बैगा के मकानों को अपनी चपेट में ले लिया और मकान पूरी तरह जलकर खाक हो गया. जैसे-तैसे परिवार के लोग अपनी जान बचाने घर से भागे तब उनकी जान बची.
फायरब्रिगेड पहुंच से दूर: बीहड़ जंगल और पहाड़ के ऊपर मकान होने के कारण आग बुझाने के लिए यहां फायरब्रिगेड का पहुंचना मुश्किल है. यहां के लोगों को पीने के लिए पानी भी कई किलोमीटर दूर झिरिया से लाना पड़ता है. पीड़ित रामसिंह बैगा और दलसिंह बैगा ने बताया कि मकान में आग लगने से उनके घर मे रखे फसल, कपड़े, मकान के दस्तावेज और थोडे़ बहुत पैसे थे. वह भी खाक हो गए. अब उनके और परिवार के पास ना पहनने के लिए कपड़ा है और न ही खाने के लिए खाना बचा है. सब कुछ जलकर खाक हो गया है. पीड़ितों ने शासन-प्रशासन से मदद की गुहार लगाई है.
जंगल में आग, वन कर्मचारी हड़ताल पर: दरअसल, गर्मी के दिनों मे जंगल में पेड़ के टकराने से या महुआ बीनने के दौरान आए लोगों की वजह से जंगल में आग लग जाता है. आग अपने से ही कभी बुझ जाता है या वनकर्मी पहुंच कर आग को बुझाते हैं. लेकिन इन दिनों छत्तीसगढ़ वन कर्मचारी अनिश्चितताकालीन हड़ताल बैठे हुए हैं. जिसके चलते जंगल की आग धधक रही है. अब यह आग रिहायशी इलाकों तक पहुंच चुकी है.