रामानुजगंज: शिक्षण संस्थानों के साथ साथ कई घरों में भी सरस्वती पूजा मनाई जाती है. जिसके लिए तैयारियां अभी से ही शुरू हो चुकी हैं. हर साल माघ महीने के शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को सरस्वती पूजा का त्यौहार मनाया जाता है.
छोटी बड़ी सहित कुल 32 मूर्तियां की जा रहीं तैयार: मूर्तिकार रंजीत मंडल सरस्वती पूजा के लिए इस वर्ष छोटी बड़ी सहित कुल 32 मूर्तियां बना रहे हैं. जिसमें सभी बड़ी मूर्तियों की बुकिंग हो चुकी है. सभी मूर्तियों की ऊंचाई 3 फीट से लेकर 6 फीट तक रखी गई है. मूर्तियों को आकर्षक रूप देने के लिए रंग रोगन शुरू हो गया है.
1 हजार से लेकर 3 हजार तक मूर्तियों के दाम: छोटी मूर्तियों की कीमत 1 हजार रुपए से शुरू है तो वहीं बड़ी मूर्तियों की कीमत 3 हजार रुपए तक रखी गई है. मूर्तियां बनाने के लिए विशेष तौर पर गंगा मिट्टी कोलकाता से मंगाई जाती है. साथ ही मूर्तियों की सजावट के लिए सामान भी बाहर से मंगवाया जाता है. इससे मूर्ति की लागत बढ़ जाती है और मूर्तिकारों को थोड़ा बहुत ही मुनाफा हो पाता है.
अच्छी कमाई की उम्मीद: रामानुजगंज के ग्राम कंचननगर में रहने वाले मूर्तिकार रंजीत मंडल सरस्वती पूजा से पहले मूर्तियां बनाने में लगे हुए हैं. उन्होंने मूर्तियां बनाने का काम कोलकाता से सीखा था. उन्हें उम्मीद है कि दो तीन वर्षों के कोरोना काल के बाद इस वर्ष मूर्तियां बेचकर अच्छी आमदनी होने की उम्मीद है.
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पीढ़ियों से कर रहे मूर्तियों का व्यवसाय: रामानुजगंज क्षेत्र में ऐसे दर्जनों की संख्या में बंगाली समुदाय के लोग हैं. जो पीढ़ी दर पीढ़ी मूर्तियां बनाकर बेचने का व्यवसाय करते चले आ रहे हैं. नवरात्र के समय मां दुर्गा की प्रतिमा बनाते हैं. तो वहीं गणेश चतुर्थी त्यौहार के समय भगवान गणेश की मूर्तियां बेचकर ये लोग अपना भरण पोषण करते हैं.