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बलरामपुर: मृत महिला के परिवार से मिले पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा, जांच की मांग

बलरामपुर में एक गरीब महिला की मौत को लेकर प्रदेश में राजनीति गरमाने लगी है. छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा गुरुवार को ग्राम पंचायत गैना पहुंचे और मृत महिला के परिवारवालों से पूरे मामले की जानकारी ली. उन्होंने कहा कि पुलिस को अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए चेकिंग करना चाहिए, लेकिन अमानवीयता नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इसमें लापरवाही हुई है इसलिए बीजेपी ने इस मुद्दे को उठाया है और जब तक कार्रवाई नहीं होगी तब तक बीजेपी लड़ाई करेगी.

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मृत महिला के परिवार से मिले पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा
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Published : Aug 6, 2020, 12:21 PM IST

Updated : Aug 6, 2020, 7:12 PM IST

बलरामपुर: जनपद पंचायत वाड्रफनगर के ग्राम पंचायत गैना की रहने वाली महिला की सूरजपुर-बलरामपुर चेकपोस्ट में मौत होने की घटना के बाद अब इस मामले में राजनीति शुरू हो गई है. छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा गुरुवार को ग्राम पंचायत गैना पहुंचे. गांव जाकर उन्होंने मृत महिला के परिजनों से मुलाकात की और पूरे मामले की जानकारी ली. पूर्व गृहमंत्री ने वहां काफी समय बिताया और ग्रामीणों से भी बात की.

मृत महिला के परिवार से मिले पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा

रामसेवक पैकरा ने आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना काल में कई जगह पुलिसकर्मियों ने ज्यादती की है, इस मामले की जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पुलिस को अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए चेकिंग करना चाहिए, लेकिन अमानवीयता नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इसमें लापरवाही हुई है इसलिए बीजेपी ने इस मुद्दे को उठाया है और जब तक कार्रवाई नहीं होगी तब तक बीजेपी लड़ाई करेगी.

ये है घटनाक्रम

बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर गैना गांव की रहने वाली बिहानी देवी की तबीयत पिछले कुछ दिनों से ठीक नहीं थी. 2 अगस्त रविवार के दिन बिहानी देवी का पति उसे इलाज के लिए सूरजपुर ले जाने को निकला था, जहां उसे सूरजपुर जिले के चंदौरा थाना के रेवटी चौकी के आगे नहीं जाने दिया गया. देरी होने से महिला की वहीं पर मौत हो गई.

पढ़ें- शर्मसार मानवता: ई-पास नहीं होने पर पुलिसवालों ने रोकी गाड़ी, इलाज नहीं मिलने से बीमार महिला ने तोड़ा दम

महिला के परिजन के इस आरोप से पुलिस पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं. वहीं बगैर ई-पास के दूसरे जिले में प्रवेश नहीं देने की बात पुलिस अमला कहते नजर आ रहा है. इस बीच स्वास्थ्य विभाग पर भी सवाल उठ रहे हैं कि वाड्रफनगर अस्पताल से सौ किलोमीटर दूर अंबिकापुर जाने के लिए मरीज को एंबुलेंस भी नहीं दिया गया. महिला की मौत के लिए जहां पुलिस विभाग को जिम्मेदार बताया जा रहा है, वहीं स्वास्थ्य विभाग की भी बड़ी लापरवाही सामने आई है. इन सबके बाद भी मृतका के परिजन की परेशानी यही खत्म नहीं हुई. महामारी के डर से जिस निजी वाहन से महिला आई थी, उस ड्राइवर ने भी शव को ले जाने से इनकार कर दिया.

पढ़ें- रायपुर: बलरामपुर में महिला की मौत मामले की जांच के लिए बीजेपी ने बनाई विधायकों की जांच कमेटी

इस मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने प्रदेश से बैरिकेड्स हटाने के अलावा पीड़ित परिवार को मुआवजा और दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है. इसके साथ ही इस पूरे मामले की जांच के लिए बीजेपी ने विधायक दल कमेटी का गठन किया है, जो पूरे मामले की जांच करेगी.

बलरामपुर: जनपद पंचायत वाड्रफनगर के ग्राम पंचायत गैना की रहने वाली महिला की सूरजपुर-बलरामपुर चेकपोस्ट में मौत होने की घटना के बाद अब इस मामले में राजनीति शुरू हो गई है. छत्तीसगढ़ के पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा गुरुवार को ग्राम पंचायत गैना पहुंचे. गांव जाकर उन्होंने मृत महिला के परिजनों से मुलाकात की और पूरे मामले की जानकारी ली. पूर्व गृहमंत्री ने वहां काफी समय बिताया और ग्रामीणों से भी बात की.

मृत महिला के परिवार से मिले पूर्व गृहमंत्री रामसेवक पैकरा

रामसेवक पैकरा ने आरोप लगाते हुए कहा कि कोरोना काल में कई जगह पुलिसकर्मियों ने ज्यादती की है, इस मामले की जांच होनी चाहिए. उन्होंने कहा कि पुलिस को अपनी जिम्मेदारी निभाते हुए चेकिंग करना चाहिए, लेकिन अमानवीयता नहीं करनी चाहिए. उन्होंने कहा कि इसमें लापरवाही हुई है इसलिए बीजेपी ने इस मुद्दे को उठाया है और जब तक कार्रवाई नहीं होगी तब तक बीजेपी लड़ाई करेगी.

ये है घटनाक्रम

बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर गैना गांव की रहने वाली बिहानी देवी की तबीयत पिछले कुछ दिनों से ठीक नहीं थी. 2 अगस्त रविवार के दिन बिहानी देवी का पति उसे इलाज के लिए सूरजपुर ले जाने को निकला था, जहां उसे सूरजपुर जिले के चंदौरा थाना के रेवटी चौकी के आगे नहीं जाने दिया गया. देरी होने से महिला की वहीं पर मौत हो गई.

पढ़ें- शर्मसार मानवता: ई-पास नहीं होने पर पुलिसवालों ने रोकी गाड़ी, इलाज नहीं मिलने से बीमार महिला ने तोड़ा दम

महिला के परिजन के इस आरोप से पुलिस पर सवालिया निशान खड़े हो गए हैं. वहीं बगैर ई-पास के दूसरे जिले में प्रवेश नहीं देने की बात पुलिस अमला कहते नजर आ रहा है. इस बीच स्वास्थ्य विभाग पर भी सवाल उठ रहे हैं कि वाड्रफनगर अस्पताल से सौ किलोमीटर दूर अंबिकापुर जाने के लिए मरीज को एंबुलेंस भी नहीं दिया गया. महिला की मौत के लिए जहां पुलिस विभाग को जिम्मेदार बताया जा रहा है, वहीं स्वास्थ्य विभाग की भी बड़ी लापरवाही सामने आई है. इन सबके बाद भी मृतका के परिजन की परेशानी यही खत्म नहीं हुई. महामारी के डर से जिस निजी वाहन से महिला आई थी, उस ड्राइवर ने भी शव को ले जाने से इनकार कर दिया.

पढ़ें- रायपुर: बलरामपुर में महिला की मौत मामले की जांच के लिए बीजेपी ने बनाई विधायकों की जांच कमेटी

इस मामले को लेकर नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने राज्य सरकार को आड़े हाथों लिया है. उन्होंने प्रदेश से बैरिकेड्स हटाने के अलावा पीड़ित परिवार को मुआवजा और दोषी पुलिस अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग की है. इसके साथ ही इस पूरे मामले की जांच के लिए बीजेपी ने विधायक दल कमेटी का गठन किया है, जो पूरे मामले की जांच करेगी.

Last Updated : Aug 6, 2020, 7:12 PM IST
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