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Chaiti Chhath Puja 2022: बलरामपुर के कन्हर नदी घाट पर चैती छठ की तैयारी

बलरामपुर के कन्हर नदी घाट पर चैती छठ को लेकर साफ-सफाई शुरू कर दी गई है. आज नहाय खाय से छठ पर्व की शुरूआत हो चुकी है.

Chaiti chhath Puja Prepration
चैती छठ कै तैयारी शुरू
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Published : Apr 5, 2022, 3:15 PM IST

बलरामपुर: भगवान सूर्यदेव की उपासना एवं लोक आस्था के महापर्व चैती छठ (Chaiti Chhath Festival in Balrampur) की तैयारियां बलरामपुर में शुरू हो गई है. आज नहाय-खाय से इस महापर्व की शुरुआत हो चुकी है. यह महापर्व साल में दो बार मनाया जाता है. जिसको लेकर पूरे क्षेत्र में भक्तिमय माहौल निर्मित हो गया है. झारखण्ड बिहार की सीमा सटे बलरामपुर में इस महापर्व के दौरान अच्छा-खासा उत्साह देखने को मिलता है.

बलरामपुर के कन्हर नदी घाट की हुई साफ सफाई

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में सूर्योपासना एवं प्रकृति के महापर्व छठ पूजा की तैयारी शुरू हो गई है. आज नहाय-खाय के दिन व्रती घी से बने हुए लौकी की सब्जी और चने के दाल का भोजन ग्रहण करे व्रत की शुरूआत करेंगी. कल 6 अप्रैल को खरना है. इस दिन व्रती गुड़ एवं चावल की खीर बनाकर खाएंगी. जिसके बाद 7 अप्रैल को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. वैसे तो छठ पूरे देश भर में मनाया जाता है. साल में दो बार मनाया जाने वाला छठ कार्तिक मास (अक्टूबर-नवंबर) में मनाया जाता है. साथ ही चैती छठ रामनवमी के दौरान अप्रैल महीने में मनाया जाता है. बांस से निर्मित सुपली और दौरी में फल-फूल एवं पूजा की सामग्री लेकर श्रद्धालु छठ घाट पर पहुंचते हैं.

यह भी पढ़ें: Chath puja 2021: कोरबा में व्रतियों ने दिया डूबते सूर्य को पहला अर्घ्य

छठ घाटों पर कराई गई साफ-सफाई: रामानुजगंज कन्हर नदी के तट पर स्थानीय प्रशासन व नगर पंचायत के द्वारा घाटों की साफ-सफाई कराई जाती है. राम मंदिर घाट पर रेत को समतल किया गया है. श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए रास्ते को सुगम बनाने का कार्य भी किया गया है. तेज गर्मी के बावजूद श्रद्धालुओं में छठ पर्व को लेकर खासा उत्साह है.

उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर होगा छठ महापर्व का समापन: चैती छठ महापर्व का समापन 8 अप्रैल को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर समाप्त होगा. इस दिन व्रती पारण करके अपने व्रत को समाप्त करेंगी.

बलरामपुर: भगवान सूर्यदेव की उपासना एवं लोक आस्था के महापर्व चैती छठ (Chaiti Chhath Festival in Balrampur) की तैयारियां बलरामपुर में शुरू हो गई है. आज नहाय-खाय से इस महापर्व की शुरुआत हो चुकी है. यह महापर्व साल में दो बार मनाया जाता है. जिसको लेकर पूरे क्षेत्र में भक्तिमय माहौल निर्मित हो गया है. झारखण्ड बिहार की सीमा सटे बलरामपुर में इस महापर्व के दौरान अच्छा-खासा उत्साह देखने को मिलता है.

बलरामपुर के कन्हर नदी घाट की हुई साफ सफाई

छत्तीसगढ़ के बलरामपुर में सूर्योपासना एवं प्रकृति के महापर्व छठ पूजा की तैयारी शुरू हो गई है. आज नहाय-खाय के दिन व्रती घी से बने हुए लौकी की सब्जी और चने के दाल का भोजन ग्रहण करे व्रत की शुरूआत करेंगी. कल 6 अप्रैल को खरना है. इस दिन व्रती गुड़ एवं चावल की खीर बनाकर खाएंगी. जिसके बाद 7 अप्रैल को डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य दिया जाएगा. वैसे तो छठ पूरे देश भर में मनाया जाता है. साल में दो बार मनाया जाने वाला छठ कार्तिक मास (अक्टूबर-नवंबर) में मनाया जाता है. साथ ही चैती छठ रामनवमी के दौरान अप्रैल महीने में मनाया जाता है. बांस से निर्मित सुपली और दौरी में फल-फूल एवं पूजा की सामग्री लेकर श्रद्धालु छठ घाट पर पहुंचते हैं.

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छठ घाटों पर कराई गई साफ-सफाई: रामानुजगंज कन्हर नदी के तट पर स्थानीय प्रशासन व नगर पंचायत के द्वारा घाटों की साफ-सफाई कराई जाती है. राम मंदिर घाट पर रेत को समतल किया गया है. श्रद्धालुओं के आवागमन के लिए रास्ते को सुगम बनाने का कार्य भी किया गया है. तेज गर्मी के बावजूद श्रद्धालुओं में छठ पर्व को लेकर खासा उत्साह है.

उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर होगा छठ महापर्व का समापन: चैती छठ महापर्व का समापन 8 अप्रैल को उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर समाप्त होगा. इस दिन व्रती पारण करके अपने व्रत को समाप्त करेंगी.

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