बलरामपुर: जिले के वाड्रफनगर में फर्जी पट्टा बेचने का एक बड़ा गिरोह पकड़ा गया है. पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. अब तक आरोपियों से 227 फर्जी पट्टे बरामद किए गए हैं. जिन्हें आरोपियों ने 4 हजार से लेकर 20 हजार रुपए में बेचा था. वाड्रफनगर के प्रभारी तहसीलदार रामराज सिंह की रिपोर्ट पर पुलिस ने मामले की जांच शुरू की थी.
सूरजपुर डीएफओ आफिस में पदस्थ भृत्य बैजनाथ पांडेय इसका मुख्य सरगना था. उसने दो अन्य लोगों को अपने गैंग में शामिल किया था. सबसे पहले इन्होंने पट्टे की चोरी की और फिर उसको बेचना शुरू किया. जब चोरी किए गए पट्टे खत्म हो गए तब आरेापियों ने फर्जी पट्टा छापना शुरु कर दिया. आरेापियों ने एक दो नहीं बल्कि 21 ग्राम पंचायतों में फर्जी पट्टों को बेचा और इससे लाखों रुपए कमा लिए. लोग भी शासकीय जमीन का इस तरह पट्टा मिलने से खुश थे. सभी फर्जी पट्टों को खरीद भी रहे थे. आरोपियों ने करीब 1 हजार 200 एकड़ जमीन का फर्जी पट्टा बनाकर बेच दिया था. पुलिस ने बताया कि आरोपियों से अब तक 227 पट्टे जब्त किए गए हैं और आगे की जांच जारी है.
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पुलिस ने जब्त की सामग्री
एसपी रामकृष्ण साहू ने इसमें कई थानों की टीम बनाई और गुपचुप तरीके से मामले की जांच शुरू की गई. एक के बाद एक पुलिस को सफलता मिली और अब इस मामले का खुलासा हो गया है. पुलिस ने बैजनाथ पांडेय के साथ ही पंचम पटेल और रामवृक्ष आयाम को गिरफ्तार किया है. पुलिस छापामार करते हुए इनके पास से फर्जी पट्टा बनाने की सभी सामग्री जब्त की है. जिसमें कंप्यूटर, प्रिंटर, सील और दूसरी चीजें शामिल हैं. एसपी ने बताया कि इस मामले में राजस्व की टीम की भी मदद ली जाएगी. जिससे ये पता चलेगा की जब्त पट्टों में कितनें पट्टो की ऑनलाइन ऐंट्री हो चुकी थी.