बलरामपुर: बलरामपुर के जंगल में नवजात के पाये जाने से स्थानीय लोगों में हड़कंप मच गया है. ग्राम पंचायत सिलफिली के जंगल में नवजात शिशु फेंका हुआ पाया गया. स्थानीय ग्रामीणों ने जब जंगल में झाड़ियों में पड़े नवजात को देखा तो तत्काल उसे शंकरगढ़ सामुदायिक स्वास्थ्य में भर्ती कराया. यहां से प्राथमिक उपचार के बाद फिलहाल नवजात का इलाज अंबिकापुर शासकीय अस्पताल में चल रहा है. डॉक्टरों के अनुसार नवजात तीन से चार दिनों का है.
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ममता को शर्मसार करने का मामला: बलरामपुर जिले के शंकरगढ़ में मां की ममता को शर्मसार करने वाला मामला सामने आया है. ग्राम पंचायत सिलफिली के जंगल में नवजात शिशु सीमेंट की बोरी में भरकर फेंका हुआ पाया गया. स्थानीय ग्रामीण जब लकड़ी काटने जंगल पहुंचे तो उनकी नजर एक बोरी पर पड़ी जिसमें से नवजात के रोने की आवाज आ रही थी. जिसपर तत्काल ग्रामीणों ने उसे शंकरगढ़ अस्पताल में ले जाकर भर्ती कराया. जहां प्राथमिक उपचार करने के बाद नवजात को अंबिकापुर के मेडिकल कॉलेज अस्पताल में रेफर कर दिया गया. फिलहाल नवजात का इलाज चल रहा है.
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पुलिस कर रही मामले की जांच: जंगल में लकड़ी काटने पहुंचे ग्रामीणों ने जब नवजात को देखा तो इसकी सूचना शंकरगढ़ पुलिस को दी. नवजात को किसने इस तरह निर्दयता से बोरी में बंद कर जंगल में छोड़ा. इसका पता लगाया जा रहा है.
पन्द्रह दिन पहले भी सड़क पर मिला था नवजात: इसी महीने बीते 14 मई को बलरामपुर जिले के नगर पंचायत राजपुर में एक नवजात सड़क पर मिला था. बच्चे को सांस लेने में दिक्कत हो रही थी. जिसके बाद बेहतर उपचार के लिए मेडिकल कॉलेज अस्पताल अंबिकापुर ले जाया गया. लेकिन अस्पताल पहुंचने से पहले ही नवजात ने दम तोड़ दिया.