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New CM Face In Chhattisgarh: संघर्षों से भरा है रामविचार नेताम का सियासी सफर, जानिए खलिहान से लेकर सदन तक का सफर

New CM Face In Chhattisgarh: छत्तीसगढ़ में बीजेपी की जीत के बाद सीएम के चहरे पर काफी चर्चा हो रही है. इस चर्चा में बीजेपी के कद्दावर नेता रामविचार नेताम का नाम भी शामिल है. आइए जानते हैं रामविचार नेताम के खलिहान से लेकर सदन तक का सफर

political journey of ramvichar netam
रामविचार नेताम का सियासी सफर
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 6, 2023, 9:31 PM IST

बलरामपुर: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद प्रदेश की हाईप्रोफाइल रामानुजगंज विधानसभा सीट चर्चा में है. दरअसल, इस सीट से बीजेपी के कद्दावर नेता रामविचार नेताम छठी बार विधायक बने हैं. नेताम एक आदिवासी नेता हैं, ये रमन सिंह की सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. रामविचार नेताम ने इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी डॉ तिर्की को लगभग 30 हजार वोटों के बड़े अंतर से हराकर जीत हासिल की है. छत्तीसगढ़ में सीएम की रेस में नेताम का नाम भी चर्चा में है. मीडिया में मुख्यमंत्री के तौर पर भी नेताम का नाम भी सुर्खियों में है.

आइए एक नजर डालते हैं रामविचार नेताम के खलिहान से लेकर सदन तक के सफर पर


किसान परिवार में जन्मे नेताम ने संघर्ष से पाई सफलता: पिछड़े क्षेत्र सनावल में एक किसान परिवार में जन्मे रामविचार नेताम ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा गांव में शुरू की. इसके बाद रामचंद्रपुर से आठवीं बोर्ड की परीक्षा पास कर हाईस्कूल की पढ़ाई करने के लिए रामानुजगंज आ गए. उस समय ये पूरा क्षेत्र घने जंगलों से घिरा हुआ और पहुंचविहीन था. आसपास 50 किलोमीटर के क्षेत्र में सिर्फ रामानुजगंज में हाईस्कूल हुआ करता था. रामानुजगंज छात्रावास में रहकर उन्होंने अपनी हाईस्कूल की पढ़ाई पूरी की थी. नेताम कॉलेज की पढ़ाई करने के लिए अंबिकापुर चले गए, जहां उन्होंने अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी की.

भाजपा के कद्दावर नेता हैं नेताम: रामविचार नेताम भाजपा के कद्दावर नेता होने के साथ ही आदिवासी चेहरा भी हैं. इनकी पहचान प्रदेश स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक है. नेताम छत्तीसगढ़ सरकार में गृहमंत्री भी रह चुके हैं. साथ ही राज्यसभा सांसद भी रहे हैं. रामविचार नेताम साल 1990 से लेकर 2013 तक विधायक रह चुके हैं. छत्तीसगढ़ में जब भाजपा की सरकार थी, उस दौरान अहम मंत्रालय के मंत्री भी रहे हैं. उस समय ये विधानसभा पाल के नाम से जाना जाता था.

political journey of ramvichar netam
संघर्षों से भरा है रामविचार नेताम का सियासी सफर

साल 1990 में लड़ा था पहला विधानसभा चुनाव: रामविचार नेताम ने शिक्षक की नौकरी से त्यागपत्र देकर साल 1990 में तत्कालीन पाल विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में नेताम को जीत हासिल हुई थी. इसके बाद लगातार साल 1993, 1998, 2003, 2008 में विधानसभा चुनाव जीते. साल 2013 तक रामानुजगंज विधानसभा सीट से ये विधायक रहे हैं.

10 साल तक रमन सिंह की सरकार में रहे मंत्री: रामविचार नेताम साल 2004 में पहली बार आदिम जाति कल्याण विभाग और राजस्व विभाग के मंत्री बने. साल 2005 से लेकर साल 2008 तक गृह जेल और सहकारिता विभाग के मंत्री रहे. लगातार 2013 तक पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग विधि विधायी कार्य समेत कई विभाग के मंत्री रहे. साल 2016 से लेकर साल 2022 तक छत्तीसगढ़ से राज्यसभा के सांसद रह चुके हैं. इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय टीम में राष्ट्रीय सचिव के पद पर भी संगठन का जिम्मा संभाल चुके हैं. रामकुमार नेताम एक लंबा राजनितिक अनुभव हासिल कर चुके हैं. फिलहाल नेताम रामानुजगंज विधानसभा सीट से छठवीं बार चुनाव जीत कर विधायक बने हैं. इनका पूरा जीवन भले ही संघर्षों से भरा हो लेकिन इन्होंने कभी हार नहीं माना. आज रामविचार नेताम न सिर्फ बीजेपी के दिग्गज नेताओं में एक हैं बल्कि सीएम की रेस में भी इनका नाम शामिल है.

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बलरामपुर: छत्तीसगढ़ में विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद प्रदेश की हाईप्रोफाइल रामानुजगंज विधानसभा सीट चर्चा में है. दरअसल, इस सीट से बीजेपी के कद्दावर नेता रामविचार नेताम छठी बार विधायक बने हैं. नेताम एक आदिवासी नेता हैं, ये रमन सिंह की सरकार में कैबिनेट मंत्री भी रह चुके हैं. रामविचार नेताम ने इस चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी डॉ तिर्की को लगभग 30 हजार वोटों के बड़े अंतर से हराकर जीत हासिल की है. छत्तीसगढ़ में सीएम की रेस में नेताम का नाम भी चर्चा में है. मीडिया में मुख्यमंत्री के तौर पर भी नेताम का नाम भी सुर्खियों में है.

आइए एक नजर डालते हैं रामविचार नेताम के खलिहान से लेकर सदन तक के सफर पर


किसान परिवार में जन्मे नेताम ने संघर्ष से पाई सफलता: पिछड़े क्षेत्र सनावल में एक किसान परिवार में जन्मे रामविचार नेताम ने अपनी प्रारम्भिक शिक्षा गांव में शुरू की. इसके बाद रामचंद्रपुर से आठवीं बोर्ड की परीक्षा पास कर हाईस्कूल की पढ़ाई करने के लिए रामानुजगंज आ गए. उस समय ये पूरा क्षेत्र घने जंगलों से घिरा हुआ और पहुंचविहीन था. आसपास 50 किलोमीटर के क्षेत्र में सिर्फ रामानुजगंज में हाईस्कूल हुआ करता था. रामानुजगंज छात्रावास में रहकर उन्होंने अपनी हाईस्कूल की पढ़ाई पूरी की थी. नेताम कॉलेज की पढ़ाई करने के लिए अंबिकापुर चले गए, जहां उन्होंने अपनी कॉलेज की पढ़ाई पूरी की.

भाजपा के कद्दावर नेता हैं नेताम: रामविचार नेताम भाजपा के कद्दावर नेता होने के साथ ही आदिवासी चेहरा भी हैं. इनकी पहचान प्रदेश स्तर से लेकर राष्ट्रीय स्तर तक है. नेताम छत्तीसगढ़ सरकार में गृहमंत्री भी रह चुके हैं. साथ ही राज्यसभा सांसद भी रहे हैं. रामविचार नेताम साल 1990 से लेकर 2013 तक विधायक रह चुके हैं. छत्तीसगढ़ में जब भाजपा की सरकार थी, उस दौरान अहम मंत्रालय के मंत्री भी रहे हैं. उस समय ये विधानसभा पाल के नाम से जाना जाता था.

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संघर्षों से भरा है रामविचार नेताम का सियासी सफर

साल 1990 में लड़ा था पहला विधानसभा चुनाव: रामविचार नेताम ने शिक्षक की नौकरी से त्यागपत्र देकर साल 1990 में तत्कालीन पाल विधानसभा सीट से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ा था. इस चुनाव में नेताम को जीत हासिल हुई थी. इसके बाद लगातार साल 1993, 1998, 2003, 2008 में विधानसभा चुनाव जीते. साल 2013 तक रामानुजगंज विधानसभा सीट से ये विधायक रहे हैं.

10 साल तक रमन सिंह की सरकार में रहे मंत्री: रामविचार नेताम साल 2004 में पहली बार आदिम जाति कल्याण विभाग और राजस्व विभाग के मंत्री बने. साल 2005 से लेकर साल 2008 तक गृह जेल और सहकारिता विभाग के मंत्री रहे. लगातार 2013 तक पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग विधि विधायी कार्य समेत कई विभाग के मंत्री रहे. साल 2016 से लेकर साल 2022 तक छत्तीसगढ़ से राज्यसभा के सांसद रह चुके हैं. इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी के राष्ट्रीय टीम में राष्ट्रीय सचिव के पद पर भी संगठन का जिम्मा संभाल चुके हैं. रामकुमार नेताम एक लंबा राजनितिक अनुभव हासिल कर चुके हैं. फिलहाल नेताम रामानुजगंज विधानसभा सीट से छठवीं बार चुनाव जीत कर विधायक बने हैं. इनका पूरा जीवन भले ही संघर्षों से भरा हो लेकिन इन्होंने कभी हार नहीं माना. आज रामविचार नेताम न सिर्फ बीजेपी के दिग्गज नेताओं में एक हैं बल्कि सीएम की रेस में भी इनका नाम शामिल है.

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