बलरामपुरः महुआ का सीजन शुरू हो चुका है और ग्रामीण इसे चुनने में जुट गए हैं. महुआ वनांचल के लोगों का आय का एक बड़ा स्त्रोत माना जाता है. जिसके कारण अब छत्तीसगढ़ में धान की तरह महुआ की खरीदी दर बढ़ाने की मांग उठने लगी है.
इन दिनों ग्रामीण सुबह से ही इसे बीनने का काम शुरू कर देते हैं. साथ ही प्रत्येक दिन इसको सुखा कर खुले बाजारों में 40 रुपये प्रति किलो के हिसाब से बेचते हैं.
सुबह से महुआ चुनने में लग जाते हैं ग्रामीण
ग्रामीण महुआ चुनने का यह काम सुबह तीन बजे से दोपहर 2 बजे तक करते हैं और बाद में इसे बाजार में औने-पौने दामों पर व्यवसायियों को बेच देते हैं. इसके बाद कारोबारी इसे ज्यादा दामों पर बाजारों में बेचते हैं.
अवैध शराब में निर्माण में आएगी कमी
जानकारों की मानें तो धान आदि की तरह यदि महुआ की खरीदी भी शासकीय दरों पर होने से ग्रामीणों की आर्थिक स्थिति में सुधार आएगी. वहीं ग्रामीण महुआ के पेड़-पौधों को भी संरक्षित करेंगे. इसके साथ महुआ से बनने वाली अवैध शराब के निर्माण में भी कमी आएगी.