बलरामपुर: छत्तीसगढ़ के संत शिरोमणि बाबा गुरु घासीदास की जयंती कार्यक्रम बलरामपुर में धूमधाम से संपन्न हुई. गुरु घासीदास ने समाज में व्याप्त कुरीतियों को दूर करने और सभी को सच के मार्ग पर चलने के लिए प्रेरित किया. उन्होंने मनखे मनखे एक समान के प्रेरक वाक्य के साथ यह संदेश दिया कि सभी मनुष्य एक समान हैं.
1756 में हुआ था गुरु घासीदास का जन्म: गुरु घासीदास का जन्म 18 दिसंबर 1756 में छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार जिले के गिरौदपुरी गांव में हुआ था. इसलिए हर साल 18 दिसंबर का दिन गुरु घासीदास जयंती के तौर पर मनाया जाता है. गुरु घासीदास बाबा आज किसी एक वर्ग या फिर समाज के नहीं रह गए हैं बल्कि सभी समाज के लिए हैं. उनकी जयंती कार्यक्रम में सभी धर्मों और जातियों के लोग शामिल हुए हैं. गुरु घासीदास बाबा का संदेश छत्तीसगढ़ सहित पूरे देश भर में फैल रहा है.
"हम बलरामपुर जिले में 2015 से गुरु घासीदास जयंती समारोह मनाते आ रहे हैं. बाबाजी के संदेश को पूरे छत्तीसगढ़ सहित देश भर में फैला रहे हैं. गुरु घासीदास बाबा आज किसी एक समाज के नहीं रह गए हैं सभी समाज के लिए हैं. सभी धर्मों और जाति के लोग जयंती कार्यक्रम में शामिल हो रहे हैं. यह हमारी बड़ी उपलब्धि है."- झीलन कुर्रे, सतनामी समाज
प्रशासन से सतनामी समाज की मांग: सतनामी समाज के द्वारा बलरामपुर जिले में जैतखाम की स्थापना करने शासन-प्रशासन से जमीन उपलब्ध कराने की मांग समाज के द्वारा की गई है. ताकि जिले में गुरु घासीदास के संदेश को जन-जन तक पहुंचाया जा सके. सतनामी समाज के लोगों ने कहा कि शासन-प्रशासन से हमारी मांग है कि हमें जैतखाम निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध कराई जाए. जिससे हम सभी मिलकर गुरु घासीदास बाबा के संदेश को जन-जन तक पहुंचा सकें.