बलरामपुर: जिले में किसानों को धान खरीदी के दौरान कई परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. पंजीयन होने के बावजूद किसान अपने धान को समर्थन मूल्य पर नहीं बेच पा रहे हैं. (Farmers paddy is not purchase in Balrampur ) अपनी मेहनत की उपज को बेचने के लिए मजबूरन दफ्तरों के चक्कर काट रहे हैं. कई किसान शिकायत लेकर कलेक्ट्रेट पहुंचे हैं.
मेहनत की उपज को बेचने की चिंता
जिले के रामचंद्रपुर विकासखंड में रहने वाले किसान धनराज ने बताया कि 'धान की खेती करने के लिए उन्होंने खाद-बीज के लिए 2 लाख रुपए का कर्ज लिया था. जाति सेवा सहकारी समिति डिण्डो में किसान धनराज को मंडी समिति के द्वारा 21 जनवरी को धान बेचने के लिए टोकन जारी किया गया था. लेकिन जब वह धान लेकर मंडी पहुंचे तो मंडी समिति ने धान नहीं खरीदा. किसान का कहना है कि उन्हें आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ रहा है. खेती करने के लिए उन्होंने जो कर्ज लिया, उसे कैसे चुकाएंगे. राजस्व विभाग के अधिकारी रकबा समर्पण करने के लिए कह रहे हैं'
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किसान रामप्रसाद ठाकुर ने बताया कि '19 जनवरी के लिए टोकन जारी किया गया. लेकिन सहकारी समिति और तहसीलदार ने धान खरीदी नहीं की. धान की खेती करने के लिए खाद-बीज और किसान क्रेडिट कार्ड से एक लाख अस्सी हजार रुपए का कर्ज लिया है. धान नहीं बेच पाने से कर्ज कैसे चुकाएंगे. आर्थिक रूप से तंगी का सामना करना पड़ रहा है. अपनी समस्याओं के समाधान के लिए कलेक्टर से गुहार लगाने पहुंचे हैं'.
समर्पण कराने का दबाव बना रहे अधिकारी
किसान हसमुदिन अंसारी ने बताया कि 'उन्हें 25 जनवरी को धान बेचने के लिए टोकन जारी किया गया था, लेकिन जब वह धान लेकर मंडी पहुंचे तो मंडी समिति प्रबंधक ने धान खरीदने से इनकार कर दिया. राजस्व विभाग के अधिकारी धान का समर्पण करने दबाव बना रहे हैं'.