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सरकार के खिलाफ किसानों का मोर्चा, सांसद के आश्वासन के बाद खत्म किया अनशन

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Published : Oct 22, 2019, 2:38 PM IST

Updated : Oct 22, 2019, 5:26 PM IST

मुआवजा वितरण जल्द नहीं होने पर किसानों ने सरकार के खिलाफ क्रमिक भूख हड़ताल के बाद उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

सांसद राम विचार नेताम

बलरामपुर: कई दिनों से चल रही किसानों की क्रमिक भूख हड़ताल के बाद आमरण अनशन पर बैठे किसानों से मिलने राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम पहुंचे. इस दौरान उन्होंने किसानों से जल्द मुआवजा वितरण नहीं होने पर सरकार को उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

सरकार के खिलाफ किसानों का मोर्चा

बता दें कि कोटपाली जलाशय योजना और तुर्रापाली जलाशय योजना में 203 किसानों की सैकड़ों एकड़ जमीन सरकार ने अधिग्रहित कर ली गई है. जिसके मुआवजे को लेकर किसानों ने बार-बार जिला प्रशासन से मांग की, लेकिन मांग पूरी नहीं होती देख किसान जिला पंचायत सदस्य धीरज सिंह देव के नेतृत्व में पहले क्रमिक भूख हड़ताल और आमरण अनशन पर बैठे किसानों से मिलने पहुंचे.

'किसानों को हक न देना कहां का न्याय'

भाजपा के राज्य सभा सांसद रमविचार नेताम ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 'जिन किसानों के पास दो वक्त की रोटी के लिए पैसा नहीं है. उन किसानों को हक न देना यह कहां का न्याय है. किसानों की कोई जाति नहीं होती है. किसानों के हक के लिए लड़ रहे लोगों से बात न करने से सरकार और प्रशासन की निरंकुशता साफ नजर आ रही है'.

जूस पिलाकर तोड़ा आमरण अनशन

आमरण अनशन पर बैठे किसानों के बीच पहुंचे सांसद रामविचार नेताम ने किसानों से आग्रह कर उनका अनशन खत्म किया. अनशन पर बैठे किसानों को खुद सांसद ने अपने हाथों से जूस पिलाकर अनशन को तुड़वाया और उन्हें कहा कि 'मैं हमेशा आपके साथ हूं'.

पढ़ें- बलरामपुर में डायरिया का कहर, अब तक 6 लोगों की मौत


सांसद के आग्रह पर आमरण अनशन पर बैठे किसानों ने अपना अनशन वापस तो ले लिया लेकिन उन्होंने कहा कि 'अगर हमें दीपावली से पहले मुआवजा राशि नहीं दी तो हम अभी सैकड़ों की संख्या में है उसके बाद हम हजारों की संख्या में उग्र आंदोलन करने के बाध्य होंगे'.

बलरामपुर: कई दिनों से चल रही किसानों की क्रमिक भूख हड़ताल के बाद आमरण अनशन पर बैठे किसानों से मिलने राज्यसभा सांसद रामविचार नेताम पहुंचे. इस दौरान उन्होंने किसानों से जल्द मुआवजा वितरण नहीं होने पर सरकार को उग्र आंदोलन की चेतावनी दी है.

सरकार के खिलाफ किसानों का मोर्चा

बता दें कि कोटपाली जलाशय योजना और तुर्रापाली जलाशय योजना में 203 किसानों की सैकड़ों एकड़ जमीन सरकार ने अधिग्रहित कर ली गई है. जिसके मुआवजे को लेकर किसानों ने बार-बार जिला प्रशासन से मांग की, लेकिन मांग पूरी नहीं होती देख किसान जिला पंचायत सदस्य धीरज सिंह देव के नेतृत्व में पहले क्रमिक भूख हड़ताल और आमरण अनशन पर बैठे किसानों से मिलने पहुंचे.

'किसानों को हक न देना कहां का न्याय'

भाजपा के राज्य सभा सांसद रमविचार नेताम ने छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि 'जिन किसानों के पास दो वक्त की रोटी के लिए पैसा नहीं है. उन किसानों को हक न देना यह कहां का न्याय है. किसानों की कोई जाति नहीं होती है. किसानों के हक के लिए लड़ रहे लोगों से बात न करने से सरकार और प्रशासन की निरंकुशता साफ नजर आ रही है'.

जूस पिलाकर तोड़ा आमरण अनशन

आमरण अनशन पर बैठे किसानों के बीच पहुंचे सांसद रामविचार नेताम ने किसानों से आग्रह कर उनका अनशन खत्म किया. अनशन पर बैठे किसानों को खुद सांसद ने अपने हाथों से जूस पिलाकर अनशन को तुड़वाया और उन्हें कहा कि 'मैं हमेशा आपके साथ हूं'.

पढ़ें- बलरामपुर में डायरिया का कहर, अब तक 6 लोगों की मौत


सांसद के आग्रह पर आमरण अनशन पर बैठे किसानों ने अपना अनशन वापस तो ले लिया लेकिन उन्होंने कहा कि 'अगर हमें दीपावली से पहले मुआवजा राशि नहीं दी तो हम अभी सैकड़ों की संख्या में है उसके बाद हम हजारों की संख्या में उग्र आंदोलन करने के बाध्य होंगे'.

Intro:

एंकर-बलरामपुर जिला मुख्यालय में कई दिनों से चल रहे किसानों के क्रमिक भूख हड़ताल के बाद आमरण अनशन पर बैठे किसानों से मिलने पहुंचे भाजपा के अजजा मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं राज्यसभा सांसद राम विचार नेताम राज्य सरकार पर लगाया निरंकुशता का आरोप कहा जल्द होगा मुआवजे का वितरण। नहीं होने पर दी उग्र आंदोलन की चेतावनी।

Body:
वीओ01- आपको बता दें कि कोटपाली जलाशय योजना एवं तुर्रापाली जलाशय योजना में 203 किसानों के सैकड़ों एकड़ जमीन सरकार के द्वारा अधिग्रहित कर ली गई है जिसके मुआवजे को लेकर किसानों के द्वारा बार-बार जिला प्रशासन से मांग की गई लेकिन इनकी मांग पूरी नहीं होती देख किसान जिला पंचायत सदस्य धीरज सिंह देव के नेतृत्व में पहले क्रमिक भूख हड़ताल उसके बाद आमरण अनशन पर बैठ गए। मुख्यालय में किसानों के चल रहे क्रमिक भूख हड़ताल एवं आमरण अनशन पर बैठे किसानों से मिलने पहुंचे भाजपा के राज्य सभा सांसद रामविचार नेताम ने जहाँ छत्तीसगढ़ में कॉंग्रेस की सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि जिन किसानों के पास दो वक्त की रोटी के लिए पैसा नहीं है उन किसानों को हक ना देना यह कहां का न्याय है किसानों की कोई जात नहीं होती है किसानों के हक के लिए लड़ रहे लोगों से बात ना करना सरकार एवं प्रशासन की निरंकुशता साफ नजर आ रही हैं। यही स्थिति किसानों के पूरे प्रदेश भर में है कहीं कोई सुनने वाला नहीं है उनको मुआवजा ना देने में सरकार के द्वारा लापरवाही की जा रही है ऐसी सरकार को डूब मरना चाहिए इतने लंबे समय तक मुआवजा ना देना एक अपराध की श्रेणी में आता है। वही नेताम ने बताया कि मेरे आग्रह से सभी आंदोलनकारी आज अपने आंदोलन को वापस ले रहे हैं मैंने उन्हें आश्वस्त दिलाया है कि दीपावली से पहले उनके मुआवजे की सारी राशि उन्हें मिल जाएगी।

बाइट - 01 - रामविचार नेताम-राज्य सभा सांसद

बाइट - 02 - रामविचार नेताम-राज्य सभा सांसद


वीओ02- आमरण अनशन पर बैठे किसानों के बीच पहुंचे सांसद रामविचार नेताम ने किसानों से आग्रह कर उनका अनशन खत्म किया अनशन पर बैठे किसानों को खुद सांसद ने अपने हाथों से जूस पिलाकर उनके अनशन को तुड़वाया और उन्हें कहा कि मैं हमेशा आपके साथ हूं अगर इस बार आप सब मेरी आग्रह से अनशन खत्म कर रहे हैं तो हमें एक मौका सरकार एवं जिला प्रशासन को देना चाहिए उसके बाद भी अगर हमें मुआवजा नहीं मिलता है तो हम उग्र आंदोलन करने के लिए आपके साथ होंगे। सांसद के आग्रह पर आमरण अनशन पर बैठे किसानों ने अपना अनशन वापस तो ले लिया लेकिन उन्होंने कहा कि अगर हमें दीपावली से पहले मुआवजा का राशि नहीं दिया गया तो हम अभी सैकड़ों की संख्या में है उसके बाद हम हजारों की संख्या में उग्र आंदोलन करने के बाध्य होंगे।

बाइट03- धीरज सिंह देव- जिला पंचायत सदस्य बलरामपुरConclusion:
Last Updated : Oct 22, 2019, 5:26 PM IST
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