बलरामपुर: वन विभाग के सेमरसोत अभयारण्य में एक चौंकाने वाला मामला सामने आया है. सेमरसोत अभयारण्य के दारोगा के घर पर शनिवार को एक किसान ने जहर खाकर आत्महत्या करने की कोशिश की है. किसान को आनन-फानन में वन विभाग ने जिला अस्पताल पहुंचाया, उसकी हालत स्थिर बताई जा रही है. पीड़ित किसान संजय सिंह के परिजन वन अमले पर पैसे मांगने का आरोप लगा रहे हैं.
बीते सोमवार को अभयारण्य क्षेत्र के वन अमले ने संजय सिंह के ट्रैक्टर को जब्त किया था. इस पर परिजनों का आरोप है कि वन अमले के अधिकारी ट्रैक्टर छोड़ने के एवज में पैसे की मांग कर रहे थे. इसी को लेकर किसान अपना ट्रैक्टर छुड़ाने बलरामपुर रेंज में पदस्थ वीके तिवारी के घर गया. जहां उसने आत्महत्या करने की कोशिश की.
लगातार दफ्तर के चक्कर काट रहा था किसान
किसान संजय सेमरसोत अभयारण्य क्षेत्र के झपराबीट में लंबे समय से खेती कर रहा था. बीते सोमवार को वन अमले ने संजय सिंह के ट्रैक्टर को जब्त किया था. इससे परेशान होकर संजय सिंह लगातार अभयारण्य क्षेत्र के दफ्तर के चक्कर लगा रहा था. इसी सिलसिले में शनिवार की सुबह भी वह वन विभाग के दारोगा से मिलने गया था.
वहीं सेमरसोत अभयारण्य के अधिकारियों का कहना है कि उन्होंने संजय को जंगल से खेत की जुताई करते 2 नवंबर को पकड़ा था. जिसके बाद प्रकरण बनाकर वरिष्ठ कार्यालय को मामला सौंपा गया था.
भिलाई: युवक ने की आत्महत्या, सुसाइड नोट बरामद
ट्रैक्टर छुड़ाने की मांग पर अड़े परिजन
दारोगा ने बताया कि मामले में अभी भी जांच जारी है. फिलहाल किसान की हालत स्थिर बनी हुई है. वह जिंदगी और मौत के बीच की जंग लड़ रहा है. किसान के परिजन अब भी अपनी ट्रैक्टर छुड़ाने की मांग पर अड़े हुए हैं, जबकि वन अमला अपनी कार्रवाई को सही बता रहा है. अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि वन अमले को संजय सिंह के द्वारा अतिक्रमण की गई वनभूमि की पहले से जानकारी क्यों नहीं लगी. अगर उसे अतिक्रमण करने से अगर पहले रोका गया होता, तो यह स्थिति आज नहीं होती.