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अपनी मौत के बाद भी किसानों के लिए न्याय का पत्थर गाड़ गए 'शंभू' - top news bilaspur

धान की खरीददारी में भारी लापरवाही बरतने के मामले में द्वारा दर्ज जनहित याचिका पर सुनवाई और फैसला आने से पहले ही किसान की मौत हो गई. हालांकि याचिका में की गई मांग को शासन ने पूरी कर दी है. मामले में याचिकर्ता के वकील ने अपनी याचिका वापस ले ली है.

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हाइकोर्ट में याचिका विड्रॉव
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Published : Aug 19, 2021, 1:17 PM IST

Updated : Aug 19, 2021, 2:58 PM IST

बिलासपुर: प्रदेश में धान खरीदी नहीं होने और बारदानों की कमी को लेकर पेंड्रा-मरवाही के एक किसान शम्भू प्रसाद शर्मा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर किया था. शम्भू प्रसाद ने याचिका में कहा था कि अभी भी किसानों के धान की खरीदी नहीं हुई है. इससे प्रदेश के किसानो में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है.

किसान शम्भू ने याचिका में कहा था कि धान की खरीददारी की दिशा में खरीद केंद्रों पर बारदानों की भारी कमी देखने को मिली. इसकी वजह से बड़ी संख्य़ा में किसानों को असुविधाओं का सामना करना पड़ा. शम्भू ने दायर याचिका में कहा था कि 20 फरवरी तक धान खरीदी का अंतिम तिथि निर्धारित था. लेकिन धान की खरीदी नहीं हो सकी. उन्होंने अपनी याचिका के माध्यम से मांग की थी कि धान खरीददारी के लिए निर्धारित तिथि तक बांटे गए टोकन के हिसाब से धान खरीद के लिए कोर्ट शासन को निर्देश दे.

भाजपा नेता के सोशल मीडिया पर वीडियो अपलोड करने के बाद सियासत गरमाई, शिकायत लेकर थाने पहुंचे कांग्रेसी

मामले में एक लम्बे समय के बाद इस याचिका पर कोर्ट में फिर से सुनवाई शुरू हुई. इसी बीच याचिकाकर्ता के एडवोकेट ने किसान शम्भू शर्मा के निधन हो जाने की जानकारी कोर्ट को दी. इधर, शासन ने किसान के द्वारा की गई मांगे पूरी कर दिए जाने का दावा करते हुए याचिका अब मेंटनेबल न होने की बात कही. इसके बाद याचिकर्ता के एडवोकेट ने जनहित याचिका को विड्रा कर लिया.

बिलासपुर: प्रदेश में धान खरीदी नहीं होने और बारदानों की कमी को लेकर पेंड्रा-मरवाही के एक किसान शम्भू प्रसाद शर्मा ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर किया था. शम्भू प्रसाद ने याचिका में कहा था कि अभी भी किसानों के धान की खरीदी नहीं हुई है. इससे प्रदेश के किसानो में जबरदस्त आक्रोश व्याप्त है.

किसान शम्भू ने याचिका में कहा था कि धान की खरीददारी की दिशा में खरीद केंद्रों पर बारदानों की भारी कमी देखने को मिली. इसकी वजह से बड़ी संख्य़ा में किसानों को असुविधाओं का सामना करना पड़ा. शम्भू ने दायर याचिका में कहा था कि 20 फरवरी तक धान खरीदी का अंतिम तिथि निर्धारित था. लेकिन धान की खरीदी नहीं हो सकी. उन्होंने अपनी याचिका के माध्यम से मांग की थी कि धान खरीददारी के लिए निर्धारित तिथि तक बांटे गए टोकन के हिसाब से धान खरीद के लिए कोर्ट शासन को निर्देश दे.

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मामले में एक लम्बे समय के बाद इस याचिका पर कोर्ट में फिर से सुनवाई शुरू हुई. इसी बीच याचिकाकर्ता के एडवोकेट ने किसान शम्भू शर्मा के निधन हो जाने की जानकारी कोर्ट को दी. इधर, शासन ने किसान के द्वारा की गई मांगे पूरी कर दिए जाने का दावा करते हुए याचिका अब मेंटनेबल न होने की बात कही. इसके बाद याचिकर्ता के एडवोकेट ने जनहित याचिका को विड्रा कर लिया.

Last Updated : Aug 19, 2021, 2:58 PM IST
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