बलरामपुर: मकरसंक्रांति के अवसर पर बलरामपुर प्रशासन ने तातापानी मेला (Tatapani Fair) का आयोजन कैंसिल कर दिया है. इसके बावजूद आसपास क्षेत्र और अन्य राज्यों से श्रद्धालु तातापानी पहुंचे, लेकिन कोरोना के प्रसार को रोकने एवं गाइडलाइन का पालन कराने प्रशासन भी सक्रिय हैं. पुलिस प्रशासन का कड़ा पहरा होने की वजह से लोगों को मंदिर में प्रवेश की परमिशन नहीं है. श्रद्धालु निराश होकर वापस लौट रहे हैं.
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पूजा-पाठ और धार्मिक आयोजन पर रोक, निराश होकर लौटे श्रद्धालु
बलरामपुर जिले का तातापानी क्षेत्र के लोगों के लिए गहरी आस्था का केंद्र है. धार्मिक एवं सांस्कृतिक रूप से महत्वपूर्ण स्थल है. यहां अत्यंत प्राचीन शिव मंदिर है. वैसे तो पूरे वर्ष भर यहां श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है, लेकिन मकरसंक्रांति के अवसर तातापानी की रौनक खास होती है. तातापानी से लगे हुए सीमावर्ती राज्य झारखंड एवं अन्य राज्यों से लोग यहां बड़ी संख्या में पहुंचते हैं. दूरदराज के क्षेत्रों से आए हुए श्रद्धालुओं में निराशा है. मंदिर में बिना दर्शन किए ही श्रद्धालुओं को वापस लौटना पड़ा. यहां धरती के भीतर से निकलने वाला गर्म पानी को देखने एवं भगवान शिव के दर्शन करने बड़ी संख्या में लोग आते हैं.
पिछले वर्ष भी नहीं हुआ था मेले का आयोजन
कोरोना संक्रमण के कारण पिछले वर्ष भी तातापानी में मेले का आयोजन नहीं हुआ था, किसी तरह के सांस्कृतिक कार्यक्रम भी आयोजित नहीं हुए थे. मेले के दौरान यहां लाखों की संख्या में आसपास के क्षेत्रों से लोग पहुंचते हैं. इस वर्ष भी तातापानी मेला आयोजित नहीं हुआ. लगातार दो वर्षों से तातापानी में आयोजित होने वाला भव्य मेला कोरोना संक्रमण की भेंट चढ़ गया है. कोरोना गाइडलाइन के अनुसार मंदिर परिसर के भीतर किसी भी व्यक्ति को प्रवेश नहीं करने दिया गया. जिला प्रशासन के द्वारा जारी आदेश के अनुसार मंदिर प्रांगण में सिर्फ पूजारी को मौजूद रहने की अनुमति मिली है.
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मेले का आयोजन नहीं होने से कारोबार पर असर
तातापानी मेले का आयोजन रद्द होने से कारोबारी व्यापारी एवं मेले में दुकान लगाने वालों को नुकसान हुआ है. इस वर्ष लोगों को तातापानी मेले के आयोजन की उम्मीद थी, क्योंकि जिला प्रशासन के तरफ से तैयारियां जमकर चल रही थी, लेकिन अचानक मेले के स्थगन का आदेश जारी होने से लोग निराश हुए हैं.