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भ्रष्टाचार: चार महीने में सरपंच ने कागजों पर बना दिया पुल, अधिकारियों को नहीं लगी भनक

बलरामपुर के घुटरापार गांव में पुल निर्माण में भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है. पुल की स्वीकृति शासन ने पिछले साल ही दे दी, लेकिन आज तक पुल का निर्माण नहीं हुआ है, जबकि कागजों में पुल निर्माण पूर्ण दिखाया गया है और इसके लिए जारी राशि भी निकाल ली गई है.

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Published : Jul 18, 2020, 10:25 PM IST

corruption in bridge construction
भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ा पुल का निर्माण

बलरामपुर: सरकार विकास के तमाम दावे कर ले, लेकिन जमीनी स्तर पर आज भी कई योजनाएं धूल खा रही है. बलरामपुर जिले के ग्राम पंचायत मिटगई के घुटरापार गांव के गोटा टोला में पुलिया निर्माण की स्वीकृति मिली थी, लेकिन आज तक इस पुलिया का निर्माण नहीं हो पाया है. ग्रामीणों का सीधा आरोप है कि सरपंच ने पुलिया निर्माण की राशि गबन कर ली है. साफ तौर पर पुलिया के निर्माण में भ्रष्टाचार उजागर हो रहा है.

सिर्फ कागजों पर बना पुल

ग्राम पंचायत मिटगई के घुटरापारा में सरगुजा विकास प्राधिकरण के माध्यम से 2019 में एक पुलिया स्वीकृत हुआ था. जिसका निर्माण दिसंबर 2019 से शुरू होकर अप्रैल 2020 तक खत्म होना था, लेकिन पुलिया का निर्माण सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गया. पुलिया के अभाव में ग्रामीण बड़ी ही मुश्किलों के साथ नाला पार करते हैं.

पढ़ें-SPECIAL: भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया स्टेडियम, 99 लाख रुपये स्वीकृत फिर भी नहीं हुआ निर्माण

ग्रामीणों की मुश्किल बरसात के मौसम में और बढ़ जाती है. ज्यादा बारिश होने के चलते कई बार नाले में पानी भर जाता है, जिससे ग्रामीणों का आना-जाना मुश्किल हो जाता है. नाले में पानी भरे होने के चलते कई बार ग्रामीण गांव में ही फंस जाते हैं, जिसके चलते उन्हें खाने-पीने का सामान भी नहीं मिल पाता. इसके अलावा जब कोई इंसान बीमार पड़ जाए तो परेशानी और बढ़ जाती है.

नाले के कारण हो चुके हैं कई हादसे

नाले में पानी भरे होने के चलते गांव तक एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती. जिसके कारण कोई बीमार व्यक्ति हो या गर्भवती महिला उसे खाट पर लिटाकर पुल पार कराया जाता है. इसके अलावा ग्रामीणों ने बताया कि नाले में पानी भर जाने से बच्चे स्कूल भी नहीं जा पाते. वैसे ग्रामीणों ने बताया है कि पहले भी पुल पार करने के दौरान कई हादसे हो चुके हैं.

दोषियों पर की जाएगी कार्रवाई

ग्रामीणों ने सीधे तौर पर सरपंच पर पुल निर्माण में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है. वहीं इस मामले में कलेक्टर श्याम धावड़े से बात की गई, तो उन्होंने मामले की जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही है. अब देखने वाली बात होगी कि घुटरापारा के ग्रामीणों को कब तक पुल नसीब होता है.

बलरामपुर: सरकार विकास के तमाम दावे कर ले, लेकिन जमीनी स्तर पर आज भी कई योजनाएं धूल खा रही है. बलरामपुर जिले के ग्राम पंचायत मिटगई के घुटरापार गांव के गोटा टोला में पुलिया निर्माण की स्वीकृति मिली थी, लेकिन आज तक इस पुलिया का निर्माण नहीं हो पाया है. ग्रामीणों का सीधा आरोप है कि सरपंच ने पुलिया निर्माण की राशि गबन कर ली है. साफ तौर पर पुलिया के निर्माण में भ्रष्टाचार उजागर हो रहा है.

सिर्फ कागजों पर बना पुल

ग्राम पंचायत मिटगई के घुटरापारा में सरगुजा विकास प्राधिकरण के माध्यम से 2019 में एक पुलिया स्वीकृत हुआ था. जिसका निर्माण दिसंबर 2019 से शुरू होकर अप्रैल 2020 तक खत्म होना था, लेकिन पुलिया का निर्माण सिर्फ कागजों तक ही सीमित रह गया. पुलिया के अभाव में ग्रामीण बड़ी ही मुश्किलों के साथ नाला पार करते हैं.

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ग्रामीणों की मुश्किल बरसात के मौसम में और बढ़ जाती है. ज्यादा बारिश होने के चलते कई बार नाले में पानी भर जाता है, जिससे ग्रामीणों का आना-जाना मुश्किल हो जाता है. नाले में पानी भरे होने के चलते कई बार ग्रामीण गांव में ही फंस जाते हैं, जिसके चलते उन्हें खाने-पीने का सामान भी नहीं मिल पाता. इसके अलावा जब कोई इंसान बीमार पड़ जाए तो परेशानी और बढ़ जाती है.

नाले के कारण हो चुके हैं कई हादसे

नाले में पानी भरे होने के चलते गांव तक एंबुलेंस नहीं पहुंच पाती. जिसके कारण कोई बीमार व्यक्ति हो या गर्भवती महिला उसे खाट पर लिटाकर पुल पार कराया जाता है. इसके अलावा ग्रामीणों ने बताया कि नाले में पानी भर जाने से बच्चे स्कूल भी नहीं जा पाते. वैसे ग्रामीणों ने बताया है कि पहले भी पुल पार करने के दौरान कई हादसे हो चुके हैं.

दोषियों पर की जाएगी कार्रवाई

ग्रामीणों ने सीधे तौर पर सरपंच पर पुल निर्माण में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया है. वहीं इस मामले में कलेक्टर श्याम धावड़े से बात की गई, तो उन्होंने मामले की जांच कर दोषियों पर सख्त कार्रवाई की बात कही है. अब देखने वाली बात होगी कि घुटरापारा के ग्रामीणों को कब तक पुल नसीब होता है.

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