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Samri Election Results Live : सामरी विधानसभा सीट पर भाजपा की उद्धेश्वरी पैकरी जीती, कांग्रेस के विजय पैकरा को हराया - छत्तीसगढ़ विधानसभा चुनाव

Samri Election Results Live ईटीवी भारत छत्तीसगढ़ विधानसभा की हर सीट की जानकारी दे रहा है. हम इस सीरीज में विधानसभा सीट की अहमियत, वीआईपी प्रत्याशी, क्षेत्रीय मुद्दे की जानकारी दे रहे हैं. आइए नजर डालते हैं सरगुजा संभाग के सामरी विधानसभा सीट पर. इस नक्सल प्रभावित क्षेत्र में युवाओं का रोजगार बड़ा मुद्दा है. इस सीट पर अनुसूचित जनजाति का दबदबा है.

Chhattisgarh Assembly Election
सामरी विधानसभा सीट
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Published : Aug 16, 2023, 5:28 PM IST

Updated : Dec 3, 2023, 5:44 PM IST

बलरामपुर: छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में कुल 14 विधानसभा सीटें हैं. इनमें से एक सीट है सामरी विधानसभा सीट. सामरी विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी उद्धेश्वरी पैकरा चुनाव जीत गई हैं. पैकरा ने कांग्रेस प्रत्याशी विजय पैकरा को हराया है.

चारों तरफ घने जंगलों से घिरा सामरी वन संपदा से भरपूर है. झारखंड की सीमा से लगे सामरी में बाक्साइट की खदानें है. राज्य को राजस्व देने वाला यह विधानसभा क्षेत्र बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा है. ये पूरा क्षेत्र नक्सल प्रभावित है. यहां करीब 60-65 फीसद अनुसूचित जनजाति की आबादी है. इनमें गोंड, कंवर, उरांव और खैरवार जनजाति के सर्वाधिक मतदाता हैं.

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2018 विधानसभा चुनाव की तस्वीर: साल 2018 के विधानसभा चुनाव में सामरी विधानसभा सीट पर 82.31 फीसदी वोटिंग हुई. इसमें कांग्रेस को 49.51 फीसदी, भाजपा को 36.05 फीसदी वोट मिले थे. सामरी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी चिंतामणि महाराज ने 80620 वोटों से जीत हासिल की थी. भाजपा प्रत्याशी सिद्धनाथ पैकरा को 58697 वोट मिले थे.

सामरी विधानसभा सीट पर कौन तय करता है जीत और हार: सामरी विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. यहां करीब 65-70 फीसदी अनुसूचित जनजाति के लोग हैं. इनमें गोंड, कंवर, उरांव और खैरवार जनजाति के लोग अधिक हैं. यहां पहाड़ी कोरवा, कोड़ा, कोरिया पंडो, उरांव, नगेसिया, भुईहर जनजाति के लोग रहते हैं. यहां करीब 25-30 फीसद आबादी ओबीसी और सामान्य लोगों की है. इस सीट पर कंवर जनजाति के उम्मीदवारों पर ही कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों का फोकस रहता है.

कंवर जनजाति के उम्मीदवार ही यहां से जीत हासिल करते रहे हैं. साल 2003 और 2008 में यहां से भाजपा के टिकट पर सिद्धनाथ पैकरा चुनाव जीतकर विधायक बने. साल 2013 में कांग्रेस से डॉक्टर प्रीतम राम ने जीत हासिल की. वहीं, साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी चिंतामणि महाराज विधायक बने.

सामरी विधानसभा सीट के मुद्दे और समस्याएं: यह सीट अविभाजित मध्यप्रदेश में भी थी. सालों बीतने के बावजूद सामरी में कई सुविधाओं का अभाव है. उस कमी को पूरा करने की मांग यहां की जनता सालों से करती आ रही है. यहां रोजगार की समस्या प्रमुख मुद्दा है. उद्योग धंधे न होने के कारण यहां के स्थानीय युवा बेरोजगार हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है. ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों की हालत जर्जर है. कई गांव के लोग रेल विस्तार की मांग कर रहे हैं. हाथियों के उत्पात से लोग पीड़ित हैं. इस सीट पर सरकारी योजनाएं धरातल पर नहीं पहुंचती है. योजनाएं महज कागजों तक ही सीमित है.

बलरामपुर: छत्तीसगढ़ के सरगुजा संभाग में कुल 14 विधानसभा सीटें हैं. इनमें से एक सीट है सामरी विधानसभा सीट. सामरी विधानसभा सीट से भाजपा प्रत्याशी उद्धेश्वरी पैकरा चुनाव जीत गई हैं. पैकरा ने कांग्रेस प्रत्याशी विजय पैकरा को हराया है.

चारों तरफ घने जंगलों से घिरा सामरी वन संपदा से भरपूर है. झारखंड की सीमा से लगे सामरी में बाक्साइट की खदानें है. राज्य को राजस्व देने वाला यह विधानसभा क्षेत्र बुनियादी सुविधाओं के लिए तरस रहा है. ये पूरा क्षेत्र नक्सल प्रभावित है. यहां करीब 60-65 फीसद अनुसूचित जनजाति की आबादी है. इनमें गोंड, कंवर, उरांव और खैरवार जनजाति के सर्वाधिक मतदाता हैं.

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2018 विधानसभा चुनाव की तस्वीर: साल 2018 के विधानसभा चुनाव में सामरी विधानसभा सीट पर 82.31 फीसदी वोटिंग हुई. इसमें कांग्रेस को 49.51 फीसदी, भाजपा को 36.05 फीसदी वोट मिले थे. सामरी विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी चिंतामणि महाराज ने 80620 वोटों से जीत हासिल की थी. भाजपा प्रत्याशी सिद्धनाथ पैकरा को 58697 वोट मिले थे.

सामरी विधानसभा सीट पर कौन तय करता है जीत और हार: सामरी विधानसभा सीट अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित है. यहां करीब 65-70 फीसदी अनुसूचित जनजाति के लोग हैं. इनमें गोंड, कंवर, उरांव और खैरवार जनजाति के लोग अधिक हैं. यहां पहाड़ी कोरवा, कोड़ा, कोरिया पंडो, उरांव, नगेसिया, भुईहर जनजाति के लोग रहते हैं. यहां करीब 25-30 फीसद आबादी ओबीसी और सामान्य लोगों की है. इस सीट पर कंवर जनजाति के उम्मीदवारों पर ही कांग्रेस और भाजपा दोनों पार्टियों का फोकस रहता है.

कंवर जनजाति के उम्मीदवार ही यहां से जीत हासिल करते रहे हैं. साल 2003 और 2008 में यहां से भाजपा के टिकट पर सिद्धनाथ पैकरा चुनाव जीतकर विधायक बने. साल 2013 में कांग्रेस से डॉक्टर प्रीतम राम ने जीत हासिल की. वहीं, साल 2018 के विधानसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी चिंतामणि महाराज विधायक बने.

सामरी विधानसभा सीट के मुद्दे और समस्याएं: यह सीट अविभाजित मध्यप्रदेश में भी थी. सालों बीतने के बावजूद सामरी में कई सुविधाओं का अभाव है. उस कमी को पूरा करने की मांग यहां की जनता सालों से करती आ रही है. यहां रोजगार की समस्या प्रमुख मुद्दा है. उद्योग धंधे न होने के कारण यहां के स्थानीय युवा बेरोजगार हैं. ग्रामीण क्षेत्रों में शिक्षा और स्वास्थ्य सुविधाओं की कमी है. ग्रामीण क्षेत्रों में सड़कों की हालत जर्जर है. कई गांव के लोग रेल विस्तार की मांग कर रहे हैं. हाथियों के उत्पात से लोग पीड़ित हैं. इस सीट पर सरकारी योजनाएं धरातल पर नहीं पहुंचती है. योजनाएं महज कागजों तक ही सीमित है.

Last Updated : Dec 3, 2023, 5:44 PM IST
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