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Chaitra Chhath Vrat 2022: बलरामपुर में छठ व्रतियों ने किया खरना

बलरामपुर में आज छठ व्रतियों ने खरना के बाद 36 घंटे के कठिन व्रत की शुरूआत कर दी है.

Preparations completed at Kanhar river Chhath Ghat
बलरामपुर में छठ व्रतियों ने किया खरना
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Published : Apr 6, 2022, 10:51 PM IST

बलरामपुर: कल नहाय खाय के साथ चैती छठ की शुरूआत हो चुकी है. आज खरना किया गया. बलरामपुर में भी स्थानीय महिलाओं ने कन्हर नदी के राम मंदिर घाट पहुंचकर नदी में स्नान किया. आज खीर और रोटी का प्रसाद छठ मैया को चढ़ाकर व्रतियों ने खरना किया है. कल संध्या अर्घ्य दिया जाएगा फिर दूसरे दिन सुबह उषा अर्घ्य के साथ व्रत का समापन किया जाएगा.छठ महापर्व को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने घाटों पर साफ-सफाई एवं लाइटिंग की व्यवस्था कर दी है.

आज गुड़ से बनी खीर का चढ़ा प्रसाद: आज छठ महापर्व का खरना है. व्रती महिलाएं मिट्टी से बने हुए चूल्हे पर आम की लकड़ी से गुड़ का खीर बनाकर छठी मैया को भोग लगाने के बाद खीर का प्रसाद ग्रहण करतीं हैं. आज खीर और रोटी छठ मैया को चढ़ाया जाता है. जिसके बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास प्रारंभ होता है. गर्मी के मौसम में होने वाली चैती छठ व्रत बहुत कठिन होता है, जिसके कारण कार्तिक मास में होने वाले छठ की तुलना में चैती छठ में व्रतियों की संख्या कम होती है.

यह भी पढ़ें: Chaiti Chhath Puja 2022: बलरामपुर के कन्हर नदी घाट पर चैती छठ की तैयारी

दो राज्यों के बीच कन्हर नदी में मनाया जा रहा छठ महापर्व: बता दें कि रामानुजगंज के दूसरी तरफ कन्हर नदी के किनारे झारखंड राज्य है. वहां से भी व्रती कन्हर नदी में छठ पूजा करने पहुंचते हैं. जिससे यहां अद्भुत छटा देखने को मिलती है. कल 7 अप्रैल को मुख्य छठ पूजा होगी, जिसमें व्रती छठ घाट पर पहुंचकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर अपने परिवार के लिए सुख समृद्धि की कामना करेंगे.

बलरामपुर: कल नहाय खाय के साथ चैती छठ की शुरूआत हो चुकी है. आज खरना किया गया. बलरामपुर में भी स्थानीय महिलाओं ने कन्हर नदी के राम मंदिर घाट पहुंचकर नदी में स्नान किया. आज खीर और रोटी का प्रसाद छठ मैया को चढ़ाकर व्रतियों ने खरना किया है. कल संध्या अर्घ्य दिया जाएगा फिर दूसरे दिन सुबह उषा अर्घ्य के साथ व्रत का समापन किया जाएगा.छठ महापर्व को देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने घाटों पर साफ-सफाई एवं लाइटिंग की व्यवस्था कर दी है.

आज गुड़ से बनी खीर का चढ़ा प्रसाद: आज छठ महापर्व का खरना है. व्रती महिलाएं मिट्टी से बने हुए चूल्हे पर आम की लकड़ी से गुड़ का खीर बनाकर छठी मैया को भोग लगाने के बाद खीर का प्रसाद ग्रहण करतीं हैं. आज खीर और रोटी छठ मैया को चढ़ाया जाता है. जिसके बाद 36 घंटे का निर्जला उपवास प्रारंभ होता है. गर्मी के मौसम में होने वाली चैती छठ व्रत बहुत कठिन होता है, जिसके कारण कार्तिक मास में होने वाले छठ की तुलना में चैती छठ में व्रतियों की संख्या कम होती है.

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दो राज्यों के बीच कन्हर नदी में मनाया जा रहा छठ महापर्व: बता दें कि रामानुजगंज के दूसरी तरफ कन्हर नदी के किनारे झारखंड राज्य है. वहां से भी व्रती कन्हर नदी में छठ पूजा करने पहुंचते हैं. जिससे यहां अद्भुत छटा देखने को मिलती है. कल 7 अप्रैल को मुख्य छठ पूजा होगी, जिसमें व्रती छठ घाट पर पहुंचकर डूबते हुए सूर्य को अर्घ्य देकर अपने परिवार के लिए सुख समृद्धि की कामना करेंगे.

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