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कन्हर नदी घाट पर छठ, व्रतियों ने दिया संध्या अर्घ्य, सुबह के अर्घ्य के साथ पर्व का होगा समापन - उषा अर्घ्य के बाद करेंगी व्रत का समापन

बलरामपुर में कन्हर नदी के किनारे रविवार को छठ व्रतियों ने संध्या अर्घ्य दिया. हजारों की तादाद में श्रद्धालु घाट के किनारे पहुचे थे. इस दौरान लोगों का उत्साह देखने लायक था, इसके बाद सोमवार को व्रती सुबह का अर्घ्य देकर व्रत का समापन करेंगी.

Chhath Vrati gave Sandhya arghya
छठ व्रतियों ने दिया संध्या अर्घ्य
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Nov 19, 2023, 9:52 PM IST

कन्हर नदी घाट पर छठ

बलरामपुर: छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर बसे कन्हर नदी के घाट पर रविवार को छठ व्रतियों ने संध्या अर्घ्य दिया. इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ घाट पर देखने को मिली. यहां संस्था की ओर से व्रतियों को फल, प्रसाद सहित पूजन सामग्री का वितरण किया गया. व्रतियों ने बांस के सूप में फल और ठेकुआ सहित अन्य प्रसाद लेकर भगवान सूर्य को संध्या अर्घ्य दिया. इसके साथ ही व्रतियों ने परिवार के सुख शांति की कामना की.

कन्हर नदी के किनारे जुटते हैं दो राज्यों के श्रद्धालु: दरअसल, कन्हर नदी छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर है. यही कारण है कि इस नदी के किनारे छठ पर्व मनाने दोनों राज्य से श्रद्धालु पहुंचते हैं. इस घाट पर रविवार को प्रकृति को समर्पित छठ महापर्व की अनुपम छटा देखने को मिली. यहां हजारों की तादाद में स्थानीय श्रदालु, सहित दूरदराज के क्षेत्रों से भी अन्य श्रद्धालु पहुंचे.

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दरअसल, छठ पर्व को महापर्व कहा जाता है. इस पर्व में चार दिनों तक व्रती भगवान सूर्य की आराधना करती हैं. पहले दिन नहाय खाय के साथ इस व्रत की शुरूआत होती है. इसके बाद व्रती खरना करती हैं, खरना के बाद संध्या अर्घ्य और फिर उषा अर्घ्य के साथ ही इस व्रत का व्रती पारण करती हैं. आज षष्टी पर व्रतियों ने छठ मैया की आराधना की. सोमवार को व्रती उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगी.

कन्हर नदी घाट पर छठ

बलरामपुर: छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर बसे कन्हर नदी के घाट पर रविवार को छठ व्रतियों ने संध्या अर्घ्य दिया. इस दौरान हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ घाट पर देखने को मिली. यहां संस्था की ओर से व्रतियों को फल, प्रसाद सहित पूजन सामग्री का वितरण किया गया. व्रतियों ने बांस के सूप में फल और ठेकुआ सहित अन्य प्रसाद लेकर भगवान सूर्य को संध्या अर्घ्य दिया. इसके साथ ही व्रतियों ने परिवार के सुख शांति की कामना की.

कन्हर नदी के किनारे जुटते हैं दो राज्यों के श्रद्धालु: दरअसल, कन्हर नदी छत्तीसगढ़ और झारखंड की सीमा पर है. यही कारण है कि इस नदी के किनारे छठ पर्व मनाने दोनों राज्य से श्रद्धालु पहुंचते हैं. इस घाट पर रविवार को प्रकृति को समर्पित छठ महापर्व की अनुपम छटा देखने को मिली. यहां हजारों की तादाद में स्थानीय श्रदालु, सहित दूरदराज के क्षेत्रों से भी अन्य श्रद्धालु पहुंचे.

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दरअसल, छठ पर्व को महापर्व कहा जाता है. इस पर्व में चार दिनों तक व्रती भगवान सूर्य की आराधना करती हैं. पहले दिन नहाय खाय के साथ इस व्रत की शुरूआत होती है. इसके बाद व्रती खरना करती हैं, खरना के बाद संध्या अर्घ्य और फिर उषा अर्घ्य के साथ ही इस व्रत का व्रती पारण करती हैं. आज षष्टी पर व्रतियों ने छठ मैया की आराधना की. सोमवार को व्रती उगते हुए सूर्य को अर्घ्य देंगी.

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