बलरामपुर: जिले में बसों का परिवहन कम होने से जहां यात्रियों को यात्रा करने के लिए घंटों इंतजार करना पड़ रहा है, तो वहीं बस संचालकों को भी काफी मुश्किल हो रही है. जिले में 25 से 30 परसेंट बसें ही संचालित हो रही है. उनमें भी यात्रियों का टोटा पड़ा हुआ है. बस के नहीं चलने से जहां बस में काम करने वाला स्टाफ परेशान हैं तो यात्रियों को भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है.
अंतर्राज्यीय बस अड्डे में भी नहीं मिल रही बस
बलरामपुर जिले से 3 राज्यों की सीमा लगती है. जिसमें उत्तर प्रदेश, झारखंड और मध्य प्रदेश शामिल हैं. इन राज्यों से लोग आवागमन करते हैं और अंतर्राज्यीय बस अड्डा होने के कारण पहले यहां बसों का परिवहन काफी ज्यादा होता था. लेकिन इस समय सिर्फ 30 प्रतिशत ही हो रहा है, जिससे यात्रियों को काफी दिक्कत हो रही है.
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यात्री सहित चालक, परिचालक और बस एजेंट भी परेशान
जब ETV भारत ने इस मामले में बस एजेंट्स से बात की तो उन्होंने कहा कि बसों के परिवहन नहीं होने से न सिर्फ यात्रियों को नुकसान हो रहा है. बल्कि बसों पर जो लोग आश्रित हैं, उन्हें भी काफी नुकसान हो रहा है. उन्होंने कहा कि बस के चालक, परिचालक और बस एजेंट्स को भी काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है.यात्रियों की कमी होने के कारण वे बसों का परिवहन नहीं कर रहे हैं.