बलरामपुर: माता-पिता अपने बच्चों को यह सोचकर स्कूल भेजते हैं कि वे पढ़ लिखकर खूब तरक्की करेंगे, लेकिन क्या होगा जब भविष्य बनाने वाला ही भविष्य के साथ खिलवाड़ कर रहा हो. हम बात कर रहे हैं ऐसे शिक्षक कि जो बच्चों को अंग्रेजी तो पढ़ा रहे हैं, लेकिन खुद ही नहीं जानते कि फरवरी की स्पेलिंग क्या है. ये शिक्षक कहीं और के नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ के शिक्षा मंत्री के विधानसभा क्षेत्र में हैं. यानी 'दिया तले अंधेरा'. वाड्रफनगर के प्राथमिक शाला नवगई में शिक्षक छात्रों का भविष्य कैसे गढ़ रहे हैं, आप ईटीवी भारत के कैमरे में कैद हुए वीडियो में देख सकते हैं.
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टीचर बच्चों को अंग्रेजी के महीने की स्पेलिंग तो सिखा रहे हैं, लेकिन उन्हें खुद फरवरी की स्पेलिंग नहीं आ रही है. यहीं नहीं बल्कि ये गुरु जी ईयर और नोज की स्पेलिंग भी गलत लिखकर बच्चों को पढ़ा रहे हैं. हर रोज बच्चों को गलत स्पेलिंग के साथ अंग्रेजी सिखाई जा रही है और ये मासूम बच्चे दिन रात मेहनत कर गलत स्पेलिंग याद कर रहे हैं.
सरकार के दावे फेल
शिक्षा विभाग हर साल बच्चों की शिक्षा पर करोड़ों रुपये खर्च करता है. ग्रामीण क्षेत्र के बच्चों को शिक्षित करने के लिए हजारों योजनाएं चलाई जा रही है, लेकिन जब हम शिक्षा की गुणवत्ता की बात करते हैं तो रिजल्ट हमेशा शून्य ही होता है. ऐसे में सवाल उठता है कि सरकार के शिक्षा को लेकर किए गए दावों में कितनी सच्चाई है.
जिला शिक्षा अधिकारी जांच के बाद कार्रवाई की बात कह रहे हैं. शिक्षक के इस ज्ञान से बच्चों के भविष्य पर खतरा जरूर मंडराता नजर आ रहा है. ऐसे में सवाल ये उठता है कि क्या सिर्फ कार्रवाई से बच्चों को गुणवत्ता वाली शिक्षा मिल जाएगी.