बलरामपुर: मकरसंक्रांति के अवसर पर प्रसिद्ध धार्मिक एवं सांस्कृतिक स्थल तातापानी में कोरोना के कारण मेले का आयोजन नहीं किया जाएगा. SDM ने आदेश में किसी तरह के आयोजन की अनुमति नहीं दी है. तातापानी धरती के गर्भ से अनवरत निकल रहे अपने गर्म जल स्त्रोत के लिए छत्तीसगढ़ सहित देशभर में प्रसिद्ध है.यहां प्रतिवर्ष 14 जनवरी को भव्य मेले का आयोजन किया जाता है. पिछले वर्ष भी कोरोना संक्रमण के प्रसार के खतरे से यहां मेले का आयोजन नहीं हुआ था. इस साल भी तातापानी का मेला कोरोना की भेंट चढ़ गया है.
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करोड़ों का कारोबार हुआ प्रभावित
तातापानी में इस वर्ष किसी तरह के मेले के आयोजन की अनुमति नहीं दी गई है. साथ ही तातापानी शिव मंदिर में पुजारी के अलावा अन्य किसी भी व्यक्ति को प्रवेश की अनुमति नहीं दी गई है. सीमावर्ती क्षेत्र होने के कारण लाखों श्रद्धालु पहुंचते हैं. जिससे कोरोना संक्रमण के प्रसार का खतरा बढ़ सकता है. कोविड 19 के प्रसार को देखते हुए सभी कार्यक्रमों पर रोक लगाई गई है. तातापानी मेले के दौरान करोड़ों रुपए का कारोबार होता है. लाखों की संख्या में शहरी क्षेत्रों के साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों के लोग भी यहां पहुंचते हैं. क्षेत्र के लोगों के लिए तातापानी गहरी आस्था का केंद्र है.
कलेक्टर ने सामूहिक आयोजन पर लगाई है रोक
बलरामपुर में किसी भी तरह के सामूहिक कार्यक्रम, जुलूस, धार्मिक आयोजन, राजनितिक सभाएं, रैलियों के आयोजन पर रोक लगाने का आदेश जारी किया था. कलेक्टर ने मेला आयोजित करने के संबंध में किसी तरह का निर्णय लेने के लिए SDM को जिम्मेदारी सौंपी थी. जिसके बाद SDM ने मेले से संबंधित महत्वपूर्ण आदेश जारी किया है.
मेला समिति की होगी जवाबदेही
बलरामपुर SDM ने अपने आदेश में कहा है कि आदेश का उल्लंघन करते हुए पाए जाने पर इसकी संपूर्ण जवाबदेही मेला समिति की होगी. तातापानी शिव मंदिर में पुजारी के अलावा अन्य कोई भी व्यक्ति का प्रवेश नहीं कर सकेगा.