बलरामपुर: छत्तीसगढ़ सरकार की सुपोषण योजना की पोल तब खुल गई थी, जब बलरामपुर जिले के अंदरूनी इलाके में रहने वाले एक 2 साल के मासूम ने भूख और कुपोषण से दम तोड़ दिया था, मासूम कुपोषित था. उसके घर पर न तो खाने के लिए राशन था और न ही पीने के लिए साफ पानी. मीडिया में मामला तूल पकड़ने के बाद कलेक्टर श्याम धावड़े ने इस केस में तत्काल संज्ञान लेते हुए पीड़ित परिवार की मदद की है.
दो दिन के अंदर ही कोड़ाकू परिवार को न सिर्फ राशन कार्ड बनाकर दिया गया, बल्कि बुजुर्ग को वृद्धापेंशन के लाभ के लिए भी नाम जोड़ दिया गया है. प्रशासन ने बच्चे को मौत के बाद 25 हजार रुपए की आर्थिक सहायता भी की है. मृत बच्चे के भाई की उम्र 4 साल है, उसकी परवरिश और खानपान बेहतर हो इस लिए उसे बलरामपुर के बाल आश्रय गृह में रखा गया है.
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कलेक्टर ने इस मामले को गंभीरता से लेते हुए जिले में दोबारा ऐसी कोई घटना न हो इसके लिए एक टीम का भी गठन कर दिया है. जो पूरे जिले में सर्वे का काम करेगी. ऐसे परिवारों का घर-घर जाकर सर्वे किया जाएगा, जिसके पास राशन कार्ड नहीं है. खासकर कोड़ाकू परिवारों के लिए कलेक्टर ने आदेश जारी किया है.