सरगुजा: सीतापुर के लालबहादुर शास्त्री स्टेडियम ग्राउंड में शुक्रवार को आदिवासियों ने हजारों की संख्या में अपने समाज के साथ मिलकर विश्व आदिवासी दिवस को धूमधाम से मनाया. समाज को ऊंचाई तक ले जाने का संकल्प भी लिया.
यहां आदिवासियों ने अपनी प्रदर्शनी में एन्टी क्लॉक वाइज घड़ी का राज भी बताया. कहा कि आखिर उनकी यह घड़ी उल्टी दिशा की ओर घूमते हुए क्यों चलती है. इसके पीछे क्या नियम और शर्ते हैं. कहा कि उनकी नैतिक जिम्मेदारी बनती है कि वे आदिवासी-मूलवासी लोगों की दशा और दिशा की ईमानदारी से समीक्षा करें.
क्यों बनाई ऐसी घड़ी
आदिवासियों का कहना है कि पृथ्वी एंटी क्लॉक वाइज घूमती है. इसी के सिद्दांत पर ये घड़ी चल रही है. उनका कहना है कि आदिवासी एंटी क्लॉक वाइज खेत की जुताई करते हैं. कोई भी लता पहाड़ पर एंटी क्लॉक वाइज घूमती है इसलिए इस तरह की घड़ी बनाई गई है.
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आदिवासियों ने बताया कि हमें इस गीत को भी नहीं भूलना चाहिए, जो अंग्रेजों के खिलाफ 9 जनवरी 1900 को डोम्बारी पहाड़ पर गाया गया था. बिरसा मुंडा के संघर्ष को मुंडा लोकगीत से याद करते हैं.