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World Toilet Day 2020: शौचालय के उपयोग के प्रति जागरूक हो रहे ग्रामीण - ग्रामीण इलाकों में शौचालय का उपयोग

विश्व शौचालय दिवस के मौके पर ETV भारत की टीम ने ग्रामीणों से बात की है. बातचीत के दौरान ग्रामीण शौचालय के उपयोग के प्रति जागरूक दिखे और उन्होंने कहा कि यह महिलाओं और बच्चियों की सुरक्षा की दृष्टि से भी शौचालय का उपयोग अहम है.

World Toilet Day 2020
विश्व शौचालय दिवस 2020
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Published : Nov 19, 2020, 4:33 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: 19 नवंबर को वर्ल्ड टॉयलेट डे मनाया जाता है. यह दिन लोगों को स्वच्छता के संकट से निपटने के लिए प्रेरित करता है. देश भर में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय का निर्माण कराया गया जा रहा है. सरकार ने गांव-गांव, घर-घर में शौचालय बनाने का दावा किया है. जिन गांवों में शत प्रतिशत शौचालय बनाए गए उन्हें खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) की उपाधी दी गई है, लेकिन बीतते वक्त से साथ कई बार ये देखने को मिलता है कि या तो शैचालय के नाम पर खानापूर्ति की गई या फिर ग्रामीण शौचालय का उपयोग नहीं करते हैं.

विश्व शौचालय दिवस पर ग्रामीणों से बातचीत

शौचालय दिवस के मौके पर ETV भारत की टीम पहुंची सरगुजा जिले के मेंड्रा गांव. इस गांव में शौचालय बने मिले, शौचालय के दरवाजे की हालत जर्जर हो चुकी है, लेकिन शौचालय उपयोग में है. ग्रामीणों से जब हमने बात की तो पता चला कि ये सभी शौचालय ग्राम पंचायत के द्वारा सरकारी खर्चे पर ही बनाए गए हैं. लगभग 2 साल पहले इस गांव में शौचालय का निर्माण कराया गया है.

शौचालय के उपयोग के प्रति जागरूक

ग्रामीणों से बातचीत के दौरान जो सबसे अहम बात सामने आई वह थी, ग्रामीणों में जागरूकता. ये कभी स्कूल गए नहीं, लेकिन इन्हें इतना पता है की खुले में शौच नहीं जाना है. शौचालय का उपयोग अनिवार्य है. यह अच्छी बात है क्योंकि ग्रामीणों को शौचालय की सुविधा देने से ज्यादा जरूरी था उन्हें शौचालय के उपयोग के प्रति जागरूक करना. जिले में स्वछ भारत मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 1 लाख 80 हजार 336 शौचालय का निर्माण कराया गया है.

पढ़ें-जानें क्यों मनाया जाता है विश्व शौचालय दिवस

जंगली जानवरों के हमले का खतरा हुआ कम

गांव की महिलाएं भी शौचालय बनने से खुश हैं. महिला और बच्चियों की सुरक्षा की दृष्टि से वे शौचालय को वो अहम मानती हैं. सरगुजा में खुले में शौच जाने की वजह से जंगली जानवर जैसे हाथी और भालू के हमले में लोगों के घायल होने की खबर अक्सर सामने आती है. लिहाजा, शौचालय के उपयोग से यहां जंगली जानवरों के हमले के खतरे को भी कम कर दिया है.

ग्रामीण समझ रहे शौचालय का महत्व

बहरहाल, देश और प्रदेश सहित गांव-गली और मोहल्ले को स्वच्छ रखने की परिकल्पना साकार होती इसलिए दिख रही है क्योंकि ग्रामीण शौचालय के महत्व को समझ रहे हैं. जाहिर है इस जागरूकता से आने वाले समय में स्वच्छ भारत स्वास्थ भारत जैसे नारों को सार्थकता मिल सकेगी. इस बार विश्व शौचालय दिवस की थीम है 'सस्टेनेबल सैनिटेशन एंड क्लाइमेट चेंज' है और साल 2019 में 'लीविंग नो वन बिहाइंड' थी.

सरगुजा: 19 नवंबर को वर्ल्ड टॉयलेट डे मनाया जाता है. यह दिन लोगों को स्वच्छता के संकट से निपटने के लिए प्रेरित करता है. देश भर में स्वच्छ भारत मिशन के तहत शौचालय का निर्माण कराया गया जा रहा है. सरकार ने गांव-गांव, घर-घर में शौचालय बनाने का दावा किया है. जिन गांवों में शत प्रतिशत शौचालय बनाए गए उन्हें खुले में शौच मुक्त (ओडीएफ) की उपाधी दी गई है, लेकिन बीतते वक्त से साथ कई बार ये देखने को मिलता है कि या तो शैचालय के नाम पर खानापूर्ति की गई या फिर ग्रामीण शौचालय का उपयोग नहीं करते हैं.

विश्व शौचालय दिवस पर ग्रामीणों से बातचीत

शौचालय दिवस के मौके पर ETV भारत की टीम पहुंची सरगुजा जिले के मेंड्रा गांव. इस गांव में शौचालय बने मिले, शौचालय के दरवाजे की हालत जर्जर हो चुकी है, लेकिन शौचालय उपयोग में है. ग्रामीणों से जब हमने बात की तो पता चला कि ये सभी शौचालय ग्राम पंचायत के द्वारा सरकारी खर्चे पर ही बनाए गए हैं. लगभग 2 साल पहले इस गांव में शौचालय का निर्माण कराया गया है.

शौचालय के उपयोग के प्रति जागरूक

ग्रामीणों से बातचीत के दौरान जो सबसे अहम बात सामने आई वह थी, ग्रामीणों में जागरूकता. ये कभी स्कूल गए नहीं, लेकिन इन्हें इतना पता है की खुले में शौच नहीं जाना है. शौचालय का उपयोग अनिवार्य है. यह अच्छी बात है क्योंकि ग्रामीणों को शौचालय की सुविधा देने से ज्यादा जरूरी था उन्हें शौचालय के उपयोग के प्रति जागरूक करना. जिले में स्वछ भारत मिशन के तहत ग्रामीण क्षेत्रों में 1 लाख 80 हजार 336 शौचालय का निर्माण कराया गया है.

पढ़ें-जानें क्यों मनाया जाता है विश्व शौचालय दिवस

जंगली जानवरों के हमले का खतरा हुआ कम

गांव की महिलाएं भी शौचालय बनने से खुश हैं. महिला और बच्चियों की सुरक्षा की दृष्टि से वे शौचालय को वो अहम मानती हैं. सरगुजा में खुले में शौच जाने की वजह से जंगली जानवर जैसे हाथी और भालू के हमले में लोगों के घायल होने की खबर अक्सर सामने आती है. लिहाजा, शौचालय के उपयोग से यहां जंगली जानवरों के हमले के खतरे को भी कम कर दिया है.

ग्रामीण समझ रहे शौचालय का महत्व

बहरहाल, देश और प्रदेश सहित गांव-गली और मोहल्ले को स्वच्छ रखने की परिकल्पना साकार होती इसलिए दिख रही है क्योंकि ग्रामीण शौचालय के महत्व को समझ रहे हैं. जाहिर है इस जागरूकता से आने वाले समय में स्वच्छ भारत स्वास्थ भारत जैसे नारों को सार्थकता मिल सकेगी. इस बार विश्व शौचालय दिवस की थीम है 'सस्टेनेबल सैनिटेशन एंड क्लाइमेट चेंज' है और साल 2019 में 'लीविंग नो वन बिहाइंड' थी.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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