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सरगुजा: जमीन अधिग्रहण से परेशान ग्रामीणों ने किया चुनाव बहिष्कार का एलान

जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई से नाराज ग्रामीण इस बार मतदान न करने का एलान किया है.

ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का किया बहिष्कार
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Published : Apr 10, 2019, 7:49 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

सरगुजा: परसा और बासेन खदान कोल ब्लॉक के लिए जमीन अधिग्रहण का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. ग्रामीण इसे लेकर लगातार विरोध कर रहे हैं. जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई से नाराज ग्रामीण इस बार मतदान न करने का एलान किया है. ग्रामीणों का कहना है कि, जब तक सरकार उनकी मांगे नहीं मान लेगी वे मतदान नहीं करेंगे.

ग्रामीणों का आरोप है कि, पहले भाजपा ने जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू हुई थी, लेकिन अब कांग्रेस की सरकार भी उसी रास्ते पर चल रही है. ऐसे में कोई उनका सुनने वाला नहीं है. ग्रामीणों ने कहा कि, ऐसे में उनके पास वोट बहिष्कार के अलावा और कोई रास्ता नहीं है.

ग्रामीण प्रशासन पर फर्जी ग्रामसभा कर उनकी जमीन हड़पने और उसे अडानी को देने का आरोप लगा रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि, वे अपनी मांगों को लेकर लगातार शासन-प्रशासन में मिलते रहे हैं. हाल ही में वे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी मुलाकात की थी, लेकिन मामले में कोई सुनवाई नही हुई. इसके बाद उन्होंने चुनाव बहिष्कार की फैसला लिया है.

ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव का किया बहिष्कार

सरगुजा: परसा और बासेन खदान कोल ब्लॉक के लिए जमीन अधिग्रहण का मामला थमने का नाम नहीं ले रहा है. ग्रामीण इसे लेकर लगातार विरोध कर रहे हैं. जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई से नाराज ग्रामीण इस बार मतदान न करने का एलान किया है. ग्रामीणों का कहना है कि, जब तक सरकार उनकी मांगे नहीं मान लेगी वे मतदान नहीं करेंगे.

ग्रामीणों का आरोप है कि, पहले भाजपा ने जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू हुई थी, लेकिन अब कांग्रेस की सरकार भी उसी रास्ते पर चल रही है. ऐसे में कोई उनका सुनने वाला नहीं है. ग्रामीणों ने कहा कि, ऐसे में उनके पास वोट बहिष्कार के अलावा और कोई रास्ता नहीं है.

ग्रामीण प्रशासन पर फर्जी ग्रामसभा कर उनकी जमीन हड़पने और उसे अडानी को देने का आरोप लगा रहे हैं. ग्रामीणों का कहना है कि, वे अपनी मांगों को लेकर लगातार शासन-प्रशासन में मिलते रहे हैं. हाल ही में वे मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी मुलाकात की थी, लेकिन मामले में कोई सुनवाई नही हुई. इसके बाद उन्होंने चुनाव बहिष्कार की फैसला लिया है.

Intro:सरगुजा : अडानी की परसा व बासेन खदान के लिये जमीन अधिग्रहण का मामला थमने का नाम नही ले रहा है, सुप्रीम कोर्ट में इसके खिलाफ जनहित याचिका, ग्रामीणों के लगातार विरोध के बाद अब ग्रामीणों ने लोकसभा चुनाव के बहिष्कार का मन बना लिया है, ग्रामीणों का मानना है की सरकार भाजपा की हो या कांग्रेस की किसी ने उनकी नही सुनी, पहले भाजपा की सरकार थी तो जमीन अधिग्रहण की कार्रवाई शुरू हुई लेकिन अब कांग्रेस की सरकार आने के बाद भी उन्हें राहत नही है, लिहाजा जब किसी भी राजनीतिक दल से उम्मीद नही तो ऐसे में मतदान ना करने का निर्णय ग्रामीणों ने लिया है।


Body:इस संबंध में ग्रामीण प्रशासन पर फर्जी ग्राम सभा कर उनकी जमीन जबरन अडानी को दिए जाने का आरोप लगाया है, औऱ लिखित पत्र देकर सरगुजा कलेक्टर को मतदान के बहिष्कार की जानकारी दी है, बहिष्कार का यह फैसला ग्राम फत्तेपुर और हरिहरपुर के लोगो ने लिया है, और इन दो गांव के लोग इस लोकसभा चुनाव में मतदान नही करेंगे। गौरतलब है की ग्रामीण लगातार अपनी मांगों को लेकर शासन प्रशासन से गुहार लगाते रहे हैं, यहां तक की मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से भी ग्रामीण गुहार लगा चुके हैं, हालाकी ग्रामीणों द्वारा आक्रामक रुख इख़्तियार करने के बाद प्रशासन सकते में आया था औऱ जमीन अधिग्रहण के लिए की जा रही सर्वे की कार्रवाई के लिए प्रशासन को पीछे हटना पड़ा था।


Conclusion:बहरहाल अडानी के सितम से तंग ग्रामीणों ने अब लोकतंत्र के महापर्व लोकसभा चुनाव 2019 के बहिष्कार का एलान कर दिया है, अब देखना यह है की इतने बड़े फैसले के बाद प्रशासन क्या करता है, और फिलहाल तो निर्वाचन आयोग के लिए यह बड़ी चुनौती का विषय बन गया है की इन दोनों गांव में मतदान कैसे होगा.?

बाइट01_जयनंदन सिंह पोर्ते (ग्रामीण, आसमानी शर्ट में)

बाइट02_मुनेश्वर सिंह पोर्ते (ग्रामीण, यलो शर्ट में)

देश दीपक सरगुजा
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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