सरगुजा : हसदेव अरण्य में कोल खदान संचालन के विरोध में आम आदमी पार्टी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर कांग्रेस पर (Villagers protest against coal mine in forests of Hasdeo Aranya) निशाना साधा है. आम आदमी पार्टी ने हसदेव अरण्य के जंगलों में कोयला खदानों की अनुमति देने पर बघेल सरकार और कांग्रेस पर जमकर हमला बोला है. आम आदमी पार्टी का आरोप है कि यहां फर्जी ग्राम सभाएं बुलाई जा रही है. पेड़ काटने के लिए प्रशासन बल प्रयोग कर रहा है. आम आदमी पार्टी का आरोप है कि राहुल गांधी जब यहां आए थे तब उन्होंने हसदेव अरण्य के जंगलों ( Aam Aadmi Party target Rahul Gandhi on Hasdev Aranya) को बचाने का वादा किया था. उन्होंने कहा था कि पेड़ नहीं कटने देंगे.
"अडानी की गोद में बैठ गए राहुल गांधी": आम आदमी पार्टी ने कांग्रेस महासचिव राहुल गांधी पर आरोप लगाते हुए कहा है कि राहुल गांधी अडाणी की गोद में बैठ गए हैं. आप का आरोप है कि हसदेव को बचाने के लिए न तो कांग्रेस और न ही बीजेपी सीरियस है. कांग्रेस और भाजपा दोनों ही दल के लोग कहते हैं की खदान नहीं (forests of Hasdeo Aranya ) खुलनी चाहिये. पेड़ नहीं कटने चाहिये. लेकिन आपकी ही तो सरकार देश और प्रदेश में है तो इसे रोक क्यों नहीं देते. जनता को गुमराह किया जा रहा है.
"आम आदमी पार्टी के नेता ग्रामीणों के साथ रहेंगे": आम आदमी पार्टी के नेताओं ने कहा है कि हसदेव अरण्य के परसा और केते बेसेन क्षेत्र में पेड़ों की कटाई नहीं होगी. आम आदमी पार्टी इसका विरोध करती है. AAP का कहना है कि जंगल को बचाने के लिए बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे आंदोलन कर रहे हैं. धरना स्थल पर रात दिन रह रहे हैं. इसलिए आम आदमी पार्टी ने यह तय किया है कि आने वाले दिनों में वह घाटबर्रा और हरिहरपुर में रहेंगे. रात में भी आंदोलन स्थल पर जमे रहेंगे. जो पेड़ काटे गये हैं उसके विरोध में आप कैंडल मार्च करेगी.
"बीजेपी और कांग्रेस ने जनता को दिया धोखा": जिस उम्मीद के साथ प्रदेश की जनता ने भाजपा और कांग्रेस को सत्ता में बिठाया, लेकिन उस उम्मीद पर ये खरे नहीं उतरे. जिस कारण छत्तीसगढ़ की जनता ने दिल्ली और पंजाब की तर्ज पर आम आदमी पार्टी की सरकार बनाने का मन बना लिया है.आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ता, भाजपा और कांग्रेस के विधायकों और सांसदों के घर जायेंगे और उनको संदेश देंगे की वाकई आप हसदेव अरण्य बचाना चाहते हैं तो सामने आइए. हम लोग इन्हें एक एक पेड़ भेंट करके उनसे निवेदन करेंगे.
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"दूसरे खदानों का करें एक्सटेंशन": आम आदमी ने कहा कि जहां जंगल नहीं है. रेवेन्यू लैंड है ऐसे स्थानों पर कोल ब्लॉक एक्टेंशन दीजिये. जिस जंगल को मध्य भारत का दिल कहा जाता है. आप उसके पीछे क्यों पड़े हैं. राज्यपाल महोदया ने फर्जी ग्राम सभा की जांच कराने का आश्वासन दिया था तो जब तक जांच पूरी नहीं हो जाती. तब तक पेड़ों की कटाई रोक देनी चाहिए.
क्या है हसदेव अरण्य: छत्तीसगढ़ में हसदेव अरण्य कोरबा, सरगुजा और सूरजपुर जिले का वो जंगल है, जो मध्यप्रदेश के कान्हा के जंगलों से झारखंड के पलामू के जंगलों को जोड़ता है. यह मध्य भारत का सबसे समृद्ध वन है. हसदेव नदी भी खदान के कैचमेंट एरिया में है. हसदेव नदी पर बना मिनी माता बांगो बांध जिससे बिलासपुर, जांजगीर-चांपा और कोरबा के खेतों और लोगों को पानी मिलता है. इस जंगल में हाथी समेत 25 वन्य प्राणियों का रहवास और उनके आवागमन का क्षेत्र है.
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क्यों है खनन से आपत्ति: वन पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय ने 2010 में हसदेव अरण्य में खनन प्रतिबंधित रखते हुये, इसे नो-गो एरिया घोषित किया था. लेकिन बाद में इसी मंत्रालय के वन सलाहकार समिति ने अपने ही नियम के खिलाफ जाकर यहां परसा ईस्ट और केते बासेन कोयला परियोजना को वन स्वीकृति दे दी थी. समिति की स्वीकृति को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल ने निरस्त भी कर दिया था.