सरगुजा: नगर निगम के सामान्य सभा की बैठक शुरू होते ही विपक्ष ने महामाया प्रवेश द्वार के निर्माण का मुद्दा उठाया. विपक्ष ने लोहे के बन रहे अस्थायी प्रवेश द्वार के स्थान पर भव्य व स्थायी प्रवेश द्वार स्थापित करने की मांग की. विपक्षी पार्षदों का कहना था कि "प्रवेश द्वार बनाने के लिए सभी पार्षद अपने मद की राशि देने को तैयार है ऐसे में एक महीने का समय लेकर शासन को प्रस्ताव भेजकर पार्षद मद से निर्माण की अनुमति ले ली जाए"
अस्थाई और स्थायी द्वार पर चर्चा: सत्ता पक्ष की ओर से महापौर डॉ. अजय तिर्की ने कहा "महामाया मंदिर आस्था का विषय है. महामाया प्रवेश द्वार लोहे का बनने दिया जाए. भविष्य में शासन से स्वीकृति मिलने के बाद स्थायी गेट का निर्माण कराया जाएगा. मां महामाया का प्रवेश द्वार भव्यता के साथ बनाना हम सबकी जिम्मेदारी है"
झूठी घोषणा का आरोप: इस दौरान विपक्ष के पार्षद आलोक दुबे ने भी आरोप लगाते हुए कहा "महामाया प्रवेश द्वार आस्था का विषय है और इस पर भी राजनीति की गई. प्रारम्भ में विशेष समुदाय के कुछ पार्षदों ने अपने मद से राशि देने की घोषणा की लेकिन आज तक उनका लेटर पैड निगम में नहीं पहुंचा. इसके साथ ही भाजपा और विपक्ष के पार्षदों ने भी जब प्रवेश द्वार निर्माण के लिए पहल की तो कांग्रेस के कुछ नेताओं द्वारा बैठक आयोजित कर ली गई"
आरोपों का किया खंडन: विपक्ष के पार्षद के आरोप का जवाब देते हुये लोक निर्माण प्रभारी शफी अहमद ने बताया कि "जिन विशेष समुदाय के पार्षदों ने घोषणा की थी. उनकी ओर से लेटर पैड निगम में जमा कराए गए है. वहीं बैठक में चर्चा के बाद यह निर्णय लिया गया कि शासन को एक बार प्रस्ताव बनाकर भेजा जाए कि नगर निगम के पार्षद निधि से गेट का निर्माण कराया जाए. इसके साथ ही शहर के समाजसेवियों और पार्षदों द्वारा जन सहयोग से मिलकर महामाया प्रवेश द्वार बनाने के लिए पहल करने का निर्णय लिया गया."
सड़क पर बवाल: सामान्य सभा के दौरान पार्षद अलोक दुबे ने नगर निगम में जनवरी से दिसंबर 2022 तक एक वर्ष में सड़क निर्माण व मरम्मत के लिए आई राशि व सड़क निर्माण में लापरवाही पर की गई कार्रवाई की जानकारी मांगी. जिस पर लोनिवि प्रभारी शफी अहमद ने कहा कि ननि को एक वर्ष 7 व 5 करोड़ मिलकर दो किश्त में 12 करोड़ रुपए मिले. जिनसे निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं. वहीं उन्होंने बताया कि डामरीकरण को एडजस्ट होने में 72 घंटे का समय लगता है. इस दौरान यदि कोई डामर को उखाड़ेगा तो वह उखड़ जाएगा.
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लोगो के लिए आए चार प्रस्ताव: नगर निगम की सामान्य सभा में नगर निगम के अपने "लोगो" का प्रस्ताव रखा गया. इस दौरान अधिकारियों ने बताया कि नगर निगम का लोगो बनाने के लिए नागरिकों से सुझाव मांगे गए थे और अब तक चार सुझाव निगम के पास आए हैं. सत्ता पक्ष व विपक्ष के पार्षदों ने सोशल मीडिया और अन्य माध्यमों से प्रचार प्रसार कर अन्य सुझाव भी मंगवाने की बात कही गई. ऐसे में सभापति अजय अग्रवाल ने लोगो के निर्धारण हेतु अन्य नागरिकों से भी सुझाव मंगवाने और सुझाव नहीं आने की स्थिति में दोबारा इन चार लोगो में से एक का चयन करने की बात कही.