सरगुजा : अंबिकापुर में आदिवासी पंचायत सचिव ने आत्महत्या कर ली. पंचायत सचिव की मौत के बाद मृतक के परिजन जिले के उच्च अधिकारियों पर प्रताड़ना का आरोप लगा रहे हैं. मृतक के बेटे का आरोप है कि उसके पिता पर काम का काफी दबाव था.इस वजह से उन्होंने आत्महत्या कर ली.वहीं इस पूरे मामले में पंचायत संघ भी मृतक के परिजनों के साथ खड़ा हो गया है. पंचायत सचिव संघ अब उस अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है जिसके कारण पंचायत सचिव के आत्महत्या करने की बात सामने आ रही है. मामला आदिवासी से जुड़ा और मुख्यमंत्री के क्षेत्र का होने के कारण ज्यादा संवेदनशील हो चुका है.
क्या है पूरा मामला ? : ये पूरा मामला PVTG शिविर से जुड़ा है. वर्तमान में जन मन योजना की प्रोग्रेस रिपोर्ट तैयार करने में अधिकारी जुटे हैं. पहाड़ी कोरवा जनजाति तक सरकार की सारी योजनाओं को पहुंचाने का दबाव सीधा कर्मचारियों पर है. जिले के लुंड्रा विकासखंड में पहाड़ी कोरवा बाहुल्य गांव लालमाटी है. इस गांव में पहाड़ी कोरवा जनजाति के लोगों को लाभ देने के लिए मिशन मूड पर काम चल रहा था. बीते चार दिन से इसी गांव में 27 हाथियों का दल डेरा जमाये हुए है. इस विषम परिस्थिति में भी कर्मचारी हाथी वाले गांव में शिविर लगाकर काम कर रहे थे.
भारत संकल्प यात्रा के लिए जुटे थे कर्मचारी : तीन जनवरी को इस गांव में विकसित भारत संकल्प यात्रा होनी थी और इसी के लिए दिन रात काम चल रहा था. मंगलवार की शाम कलेक्टर ने आदेश जारी किया कि हाथी प्रभावित होने के कारण इन गांवों में शिविर स्थगित किया जाता है. परिजनों और सचिव संघ के लोगों के मुताबिक अधिकारी कर्मचारियों से देर रात तक काम करा रहे हैं. जिला पंचायत और कलेक्ट्रेट सभा कक्ष में रात भर बैठकें की जा रही थी. पंचायत सचिव सहन साय पर काम का भारी दबाव था.जिसकी बात परिजन कह रहे हैं.
सहन साय अपने काम के प्रति बहुत वफादार थे.उनका कहना था कि जिला लेबल के उच्चाधिकारियों ने काम जल्दी खत्म करने को कहा है. मंगलवार को ड्यूटी जिला कलेक्टर कार्यालय में थी. शाम को सहन ने बताया कि काम का काफी दबाव है.रात 12 बजे घर लौटे.इसके बाद आवेश में आत्मघाती कदम उठा लिया. इससे तो यही लगता है की जिस तरह से काम चल रहा था उन पर काम का बहुत प्रेशर था " सुरेंद्र सहाय,मृतक के परिजन
सरगुजा पंचायत सचिव संघ के जिला अध्यक्ष अनिल गुप्ता के मुताबिक सुबह पता चला की हमारे एक साथी ने फांसी लगा ली है. पता चला कि वो रात 12 बजे जिला पंचायत कार्यालय से आए थे.पता कर रहे हैं कि क्या कारण है किस दबाव में थे. अधिकारियों का दबाव था या घर में कोई बात थी.हम जांच की मांग कर रहे हैं कि उनकी कॉल डिटेल चेक की जाए.एजेंसी जांच करे और जो भी दोषी हो जिसने भी आत्महत्या के लिए प्रेरित किया उस पर कार्रवाई करे.
'' लाल माटी के सचिव के द्वारा ऐसा दुखद काम किया गया है. पुलिस जांच कर रही है. देर रात तक जनपद सीईओ लुंड्रा ने एक मीटिंग आयोजित की थी. लेकिन उसमें से उनको छोड़ दिया गया था" नूतन कंवर,जिला पंचायत सीईओ
पंचायत सचिव के आत्महत्या की घटना के बाद अब प्रशासन के हाथ पांव फूल गए हैं. परिजन और सचिव संघ आत्महत्या का कारण काम का दबाव बता रहे हैं.लेकिन फिलहाल मामला पुलिस की जांच में हैं. पंचायत संघ ने इस मामले में दोषियों पर कार्रवाई करने की मांग की है.