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सरगुजा में बाघ का आतंक, 6 मवेशियों को बनाया शिकार - संजय गांधी नेशनल पार्क

घनघोर वन क्षेत्र होने के कारण सरगुजा में वन्य जीव भी अक्सर देखे जाते हैं. एक बड़ा वन क्षेत्र सरगुजा, बलरामपुर, सूरजपुर और कोरिया जिले के होते हुए मध्यप्रदेश से सटता है. जिससे मध्यप्रदेश के बांधवगढ़ नेशनल पार्क की सीमाओं से सरगुजा के जंगल सटे हैं. संजय गांधी नेशनल पार्क के जानवर भी यहां आ जाते हैं. एक बार फिर सरगुजा के जंगलों में बाघ होने के संकेत मिले हैं. सरगुजा संभाग में बाघ ने छह मवशियों को शिकार बनाया है.

Tiger terror in Surguja
सरगुजा में बाघ का आतंक
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Published : Aug 24, 2022, 9:02 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा: सरगुजा के उदयपुर क्षेत्र के घाटबर्रा जंगल के बाद अब बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर क्षेत्र में भी बाघ होने के संकेत मिले हैं. बाघ ने जंगल में अब तक छह मवेशियों को शिकार बनाया है. जबकि चार मवेशी घायल हुए है. घायल मवेशियों के गले पर मिले दांत के निशान और पद चिन्हों से अधिकारी क्षेत्र में बाघ के मौजूदगी की पुष्टि कर रहे हैं.

यह भी पढ़ें: छत्तीसगढ़ शिक्षक पात्रता परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी, देखें डेट

ग्रामीणों को किया सतर्क: सरगुजा जिले के डीएफओ ने घटनास्थल का मुआयना करने के साथ ही वस्तु स्थिति की जानकारी ली है. अब जल्द ही डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की टीम भी क्षेत्र में पहुंचकर मौके पर मामले की जांच करेगी. बाघ की मौजूदगी के बीच जंगल से सटी बस्तियों के ग्रामीणों को भी सतर्क रहने और जंगल में नहीं जाने की सलाह दी जा रही है.

चरने गये मवेशियों का किया शिकार: 20 अगस्त को वाड्रफनगर वन परिक्षेत्र के अलका जंगल में कुछ ग्रामीण अपने मवेशी चराने गए थे. इस दौरान तेज बारिश शुरू हुई तो ग्रामीण मवेशियों को जंगल में ही छोड़कर वापस घर लौट आए. अगले दिन जब ग्रामीण वापस जंगल पहुंचे तो वहां पांच मवेशी मृत पड़े थे और उन्हें जंगली जानवर द्वारा खाया गया था. इसके साथ ही दो मवेशी गंभीर रूप से घायल थे और उनके गले पर दांत के निशान थे.

डीएफओ पहुंचे घटना स्थल: 21 अगस्त को भी जंगल में चरने गए एक मवेशी को शिकार बनाया गया. जबकि दो मवेशियों को घायल कर दिया गया. इस बात की जानकारी वन विभाग तक पहुंची. जिसके बाद बलरामपुर डीएफओ विवेकानंद झा वन अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे थे.

दांत के निशान और पद चिह्न से पुष्टि: डीएफओ और वनकर्मी मौके पर पहुंचे तो वहां कुल 6 मवेशी मृत थे और उन्हें जंगली जानवर ने खाया था. घटना स्थल पर वन विभाग को जो पद चिह्न मिले है. शिकार करने के तरीकों से अधिकारी क्षेत्र में बाघ के मौजूदगी की पुष्टि कर रहे है. वहीं जिन चार मवेशियों को घायल किया गया है. उनके गले पर बाघ द्वारा शिकार किए जाने की बात कही जा रही है.

हर साल आता है बाघ: बलरामपुर डीएफओ विवेकानंद झा ने बताया "शिकार के तरीके और जगह जगह मिले पदचिह्न बाघ की मौजूदगी की ओर इशारा कर रहे हैं. बाघ संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान से हर साल आता है. अब तक उसने 6 मवेशियों को अपना शिकार बनाया है जबकि चार घायल है. बाघ के मौजूदगी का पता लगाने प्रयास किया जा रहा है."

सरगुजा: सरगुजा के उदयपुर क्षेत्र के घाटबर्रा जंगल के बाद अब बलरामपुर जिले के वाड्रफनगर क्षेत्र में भी बाघ होने के संकेत मिले हैं. बाघ ने जंगल में अब तक छह मवेशियों को शिकार बनाया है. जबकि चार मवेशी घायल हुए है. घायल मवेशियों के गले पर मिले दांत के निशान और पद चिन्हों से अधिकारी क्षेत्र में बाघ के मौजूदगी की पुष्टि कर रहे हैं.

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ग्रामीणों को किया सतर्क: सरगुजा जिले के डीएफओ ने घटनास्थल का मुआयना करने के साथ ही वस्तु स्थिति की जानकारी ली है. अब जल्द ही डब्ल्यूडब्ल्यूएफ की टीम भी क्षेत्र में पहुंचकर मौके पर मामले की जांच करेगी. बाघ की मौजूदगी के बीच जंगल से सटी बस्तियों के ग्रामीणों को भी सतर्क रहने और जंगल में नहीं जाने की सलाह दी जा रही है.

चरने गये मवेशियों का किया शिकार: 20 अगस्त को वाड्रफनगर वन परिक्षेत्र के अलका जंगल में कुछ ग्रामीण अपने मवेशी चराने गए थे. इस दौरान तेज बारिश शुरू हुई तो ग्रामीण मवेशियों को जंगल में ही छोड़कर वापस घर लौट आए. अगले दिन जब ग्रामीण वापस जंगल पहुंचे तो वहां पांच मवेशी मृत पड़े थे और उन्हें जंगली जानवर द्वारा खाया गया था. इसके साथ ही दो मवेशी गंभीर रूप से घायल थे और उनके गले पर दांत के निशान थे.

डीएफओ पहुंचे घटना स्थल: 21 अगस्त को भी जंगल में चरने गए एक मवेशी को शिकार बनाया गया. जबकि दो मवेशियों को घायल कर दिया गया. इस बात की जानकारी वन विभाग तक पहुंची. जिसके बाद बलरामपुर डीएफओ विवेकानंद झा वन अधिकारियों और कर्मचारियों के साथ घटनास्थल पर पहुंचे थे.

दांत के निशान और पद चिह्न से पुष्टि: डीएफओ और वनकर्मी मौके पर पहुंचे तो वहां कुल 6 मवेशी मृत थे और उन्हें जंगली जानवर ने खाया था. घटना स्थल पर वन विभाग को जो पद चिह्न मिले है. शिकार करने के तरीकों से अधिकारी क्षेत्र में बाघ के मौजूदगी की पुष्टि कर रहे है. वहीं जिन चार मवेशियों को घायल किया गया है. उनके गले पर बाघ द्वारा शिकार किए जाने की बात कही जा रही है.

हर साल आता है बाघ: बलरामपुर डीएफओ विवेकानंद झा ने बताया "शिकार के तरीके और जगह जगह मिले पदचिह्न बाघ की मौजूदगी की ओर इशारा कर रहे हैं. बाघ संजय गांधी राष्ट्रीय उद्यान से हर साल आता है. अब तक उसने 6 मवेशियों को अपना शिकार बनाया है जबकि चार घायल है. बाघ के मौजूदगी का पता लगाने प्रयास किया जा रहा है."

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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