सरगुजा: मुख्य चिकित्सा और स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. पीएस सिसोदिया ने बताया है कि संभागीय कोविड-19 अस्पताल अंबिकापुर से 6 कोरोना पॉजिटिव मरीजों को स्वस्थ होने के बाद डिस्चार्ज कर दिया गया है. 6 मरीजों के डिस्चार्ज होने के बाद सरगुजा जिले को कोरोना मुक्त घोषित कर दिया गया है.
डिस्चार्ज किए गए मरीजों में सरगुजा जिले के उदयपुर विकासखंड का एक मरीज शामिल है. अब सरगुजा जिला कोरोना मरीजों से मुक्त हो गया है. 17 जून की स्थिति में केवल बलरामपुर जिले के 42 मरीज कोविड-19 अस्पताल अंबिकापुर में भर्ती है, जिनका उपचार जारी है. अब तक जिला अस्पताल में कुल 157 कोरोना मरीज भर्ती किए गए हैं, जिनमें 115 मरीज पूरी तरह से स्वस्थ होकर घर लौट गए हैं.
पैरामेडिकल स्टॉफ द्वारा उपचार
17 जून को किसी भी भर्ती मरीज का सैंपल जांच रिपोर्ट के लिए नहीं भेजा गया है. कोविड-19 वार्ड में भर्ती सभी मरीज एसिंप्टोमेटिक हैं. जिनका चिकित्सकों एवं पैरामेडिकल स्टॉफ निगरानी कर रहे हैं. इनमें 2 मरीजों का उच्च रक्तचाप और मधुमेह नियंत्रण में है.
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क्या है एसिंप्टोमेटिक ?
WHO के मुताबिक एसिंप्टोमेटिक मरीजों को हॉस्पिटलाइज करना जरूरी नहीं होता है. एसिंप्टोमेटिक मरीज को होम आइसोलेशन में रखकर भी ठीक किया जा सकता है. छत्तीसगढ़ में अधिकांश कोरोना पॉजिटिव मरीज भी एसिंप्टोमेटिक हैं. डॉक्टरों के मुताबिक, यहीं कारण है कि छत्तीसगढ़ में ऐसे मरीज जल्द ही रिकवर कर रहे हैं और इनकी रिकवरी के आंकड़े भी तेजी से बढ़े हैं. जांजगीर-चांपा जिले में भी 99 फीसदी एसिंप्टोमेटिक मरीज होने की पुष्टि मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने की है.
एसिंप्टोमेटिक मरीजों से कम खतरा
देश-प्रदेश में लगातार बढ़ रहे कोरोना के आंकड़ों के बीच यह एक राहत की खबर है. डॉक्टरों के मुताबिक बिना लक्षण के कोरोना पॉजिटिव मरीज लोगों के लिए उतना खतरा पैदा नहीं करते, क्योंकि इनमें कोरोना के वायरस कमजोर होते हैं. इनमें किसी और को संक्रमित करने की क्षमता लगभग खत्म हो चुकी होती है. बीते दिनों छत्तीसगढ़ में बिना लक्षण वाले कोरोना मरीज चिंता का विषय बने हुए थे, लगातार डॉक्टरों को यह डर सता रहा था कि इन मरीजों से कोरोना संक्रमितों के आंकड़ों में और भी इजाफा होगा, ऐसे में ये खबर राहत देने वाली है.