ETV Bharat / state

सरगुजा : पेंडरखी में दम तोड़ देते हैं सरकार के दावे, आज तक नहीं खुल सका है अस्पताल - पेंडरखी में नहीं है अस्पताल

पेंडरखी गांव में आज तक सरकारी अस्पताल नहीं खुल पाया है, जिसके चलते यहां के लोगों को इलाज के लिए 25 किमी दूर उदयपुर जाना पड़ता है.

पेंडरखी गांव में नहीं है अस्पताल
author img

By

Published : Jun 18, 2019, 10:32 AM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

सरगुजा : भले ही केंद्र और प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लाख दावे करें, लेकिन इनकी जमीनी हकीकत जिले के सीमावर्ती क्षेत्र बकोई और पेडरखी में देखने को मिलती है, जहां आज तक सरकारी अस्पताल नहीं खुल पाया है, लिहाजा यहां के मरीजों को इलाज के लिए 25 किमी का सफर तय कर उदयपुर ब्लॉक मुख्लाय जाना पड़ता है.

पेंडरखी गांव में नहीं है अस्पताल

गर्भवती महिलाओं को रहता है खतरा
अस्पताल नहीं होने से यहां के लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, सबसे ज्यादा मुसीबत गर्भवती महिलाओं को उठानी पड़ती है, जिन्हें प्रसव के लिए उदयपुर ले जाना पड़ता है. कई बार तो महिलाओं को घर पर ही प्रसव करवाना पड़ता है, जिससे मां और बच्चे दोनों की जान को खतरा बना रहता है.

6 महीने से बंद पड़ा है प्रसव केंद्र
ऐसा नहीं है कि ग्रामीणों ने अस्पताल की मांग न की हो, लेकिन ग्रामीणों की गुहार अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों पर कोई असर करते नहीं दिखती. हालांकि नई सरकार बनने के बाद अस्थाई रूप से दूसरे की बिल्डिंग में प्रसव केंद्र खोला तो गया, लेकिन वो भी 6 महीने से बंद पड़ा है.

'जल्द खुलेगा उप स्वास्थ्य केंद्र'

ग्रामीणों का कहना है कि, 'वनांचल क्षेत्र होने की वजह से यहां पर कोई नर्स व स्टाफ रहना नहीं चाहता, यहां आने के बाद नर्स एक महीने में ही ट्रांसफर करा कर चली जाती है. वहीं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का कहना है कि, 'प्रसव केंद्र नियमित नहीं है, इसलिए नहीं खुल रहा है, लेकिन जल्द ही यहां पर उपस्वास्थ्य केंद्र खोला जाएगा, क्योंकि उप स्वास्थ्य केंद्र मुख्य रूप से प्रसव केंद्र ही है, उप स्वास्थ्य केंद्र में बड़ी बीमारियों का इलाज नहीं हो पाता है'. उन्होंने कहा कि, 'पहले उप स्वास्थ्य केंद्र में 28 प्रकार की दवाईयां मिलती थीं, जिनकी संख्या बढ़ाकर 58 कर दिया गया है'.

सरगुजा : भले ही केंद्र और प्रदेश सरकार ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाएं मुहैया कराने के लाख दावे करें, लेकिन इनकी जमीनी हकीकत जिले के सीमावर्ती क्षेत्र बकोई और पेडरखी में देखने को मिलती है, जहां आज तक सरकारी अस्पताल नहीं खुल पाया है, लिहाजा यहां के मरीजों को इलाज के लिए 25 किमी का सफर तय कर उदयपुर ब्लॉक मुख्लाय जाना पड़ता है.

पेंडरखी गांव में नहीं है अस्पताल

गर्भवती महिलाओं को रहता है खतरा
अस्पताल नहीं होने से यहां के लोगों को खासी परेशानियों का सामना करना पड़ता है, सबसे ज्यादा मुसीबत गर्भवती महिलाओं को उठानी पड़ती है, जिन्हें प्रसव के लिए उदयपुर ले जाना पड़ता है. कई बार तो महिलाओं को घर पर ही प्रसव करवाना पड़ता है, जिससे मां और बच्चे दोनों की जान को खतरा बना रहता है.

6 महीने से बंद पड़ा है प्रसव केंद्र
ऐसा नहीं है कि ग्रामीणों ने अस्पताल की मांग न की हो, लेकिन ग्रामीणों की गुहार अधिकारियों को जनप्रतिनिधियों पर कोई असर करते नहीं दिखती. हालांकि नई सरकार बनने के बाद अस्थाई रूप से दूसरे की बिल्डिंग में प्रसव केंद्र खोला तो गया, लेकिन वो भी 6 महीने से बंद पड़ा है.

'जल्द खुलेगा उप स्वास्थ्य केंद्र'

ग्रामीणों का कहना है कि, 'वनांचल क्षेत्र होने की वजह से यहां पर कोई नर्स व स्टाफ रहना नहीं चाहता, यहां आने के बाद नर्स एक महीने में ही ट्रांसफर करा कर चली जाती है. वहीं स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव का कहना है कि, 'प्रसव केंद्र नियमित नहीं है, इसलिए नहीं खुल रहा है, लेकिन जल्द ही यहां पर उपस्वास्थ्य केंद्र खोला जाएगा, क्योंकि उप स्वास्थ्य केंद्र मुख्य रूप से प्रसव केंद्र ही है, उप स्वास्थ्य केंद्र में बड़ी बीमारियों का इलाज नहीं हो पाता है'. उन्होंने कहा कि, 'पहले उप स्वास्थ्य केंद्र में 28 प्रकार की दवाईयां मिलती थीं, जिनकी संख्या बढ़ाकर 58 कर दिया गया है'.

Intro:सरगुजा - जिले के सीमावर्ती क्षेत्र बकोईं और पेडरखी में आज तक सरकारी अस्पताल नहीं खुला है यहां के लोगों को इलाज करवाने के लिए 25 किलोमीटर दूर उदयपुर ब्लाक मुख्यालय जाना पड़ता है । भले ही केंद्र व प्रदेश की सरकार ने ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सेवा मुहैया करने की बात करती हो लेकिन हकीकत कुछ और है।




Body:दरअसल यहाँ के ग्रामीणों द्वारा काफी समय से मांग है कि यहाँ पर अस्पताल खोला जाए लेकिन अभी तक कोई इनकी इस समस्या को पूरा नही किया है जिसके कारण यहाँ के लोग बीमार होने पर इलाज के दूर उदयपुर जाना पड़ता है। सबसे ज्यादा गर्भवती महिलाओं को समस्या होती है अस्पताल दूर होने से यहाँ के लोग प्रसव घर मे ही कराना पड़ता है जिससे माँ और बच्चा दोनों को खतरा बना रहता है।

यहाँ के लोगो की समस्या को देखते हुए नई सरकार बनने के बाद अस्थाई रूप से दूसरे की बिल्डिंग में प्रसव केंद्र खोला तो गया , लेकिन वह भी बिगत 6 महीने से बंद पड़ा हुआ है ।






Conclusion:ग्रामीणों का कहना है कि यह गांव वनांचल क्षेत्र होने की वजह से यहां पर कोई नर्स व स्टाफ रहना नही चाहता ,यहाँ आने के बाद नर्स 1 महीने में ही ट्रांसफर करा कर चली जाती है।

वही स्वास्थ्य मंत्री टी एस सिंह ने बताया कि प्रसव केंद्र नियमित नहीं है इसलिए नहीं खुल रहा है लेकिन जल्द ही यहाँ पर उप स्वास्थ्य केंद्र खोला जायगा , क्योंकि उप स्वास्थ्य केंद्र मुख्य रूप से प्रसव केंद्र ही है, उप स्वास्थ्य केंद्र में बड़े बीमारियों का इलाज नही हो पाता है उन्होंने कहा कि उप स्वास्थ्य केंद्र में पहले 28 प्रकार की दवाई मिलती थी जिसे बढ़ा कर 58 दवाइयां कर दी गई है।

बाईट 01 - सोनी कुजूर ( स्थानीय निवासी)

बाईट 02- परमेश्वर सारथी ( स्थानीय निवासी)

बाईट 03 - टीएस सिंह देव( स्वास्थ्य मंत्री छत्तीसगढ़ शासन)

श्रवण कुमार महंत




Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.