सरगुजा: कोविड अस्पताल अंबिकापुर के आईसीयू में भर्ती कोरोना मरीजों के लिए 30 एक्सपर्ट की टीम देवदूत बनकर आई. ये टीम मेडिकल कॉलेज अस्पताल(Ambikapur Medical College Hospital) मे निःशुल्क अपनी सेवा दे रही है. ये सारे डॉक्टर और स्टाफ आइसीयू में काम करने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित हैं. इनके बेहतर इलाज से 50 से ज्यादा गंभीर कोरोना मरीज ठीक होकर अपने घर जा चुके हैं.
दरअसल, छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव से एक एनजीओ में संपर्क किया और सेवा के सबंध में जानकारी दी. जिसके बाद स्वास्थ्य मंत्री ने 'डॉक्टर फॉर यू'(doctor for you) की टीम को अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज के आईसीयू की जिम्मेदारी दी. इस जिम्मेदारी को पूरा करने में मेडिकल कॉलेज प्रबंधन और रेड क्रॉस सोसायटी को निर्देशित किया गया. जिसके बाद 'डॉक्टर फॉर यू' ने अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के कोविड आईसीयू में भर्ती गंभीर मरीजों के इलाज का जिम्मा ले लिया. इस दौरान डॉक्टर फॉर यू के लोगों को संसाधन उपलब्ध कराने की जिम्मेदारी मेडिकल कॉलेज प्रबंधन और रेड क्रॉस सोसायटी ने उठाई. नतीजन 1 महीने में 51 कोरोना के गंभीर मरीज यहां स्वस्थ हो चुके हैं.
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'डॉक्टर फॉर यू' की टीम में 30 सदस्य
कोरोना के दौर में अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल में आनन-फानन में 30 बेड का कोविड आईसीयू बना तो दिया गया था, लेकिन शायद इसका संचालन इतने बेहतर तरीके से नहीं हो पाता, जितनी सफलता से डॉक्टर फॉर यू की टीम ने इसे सफल बनाया है. बता दें कि 30 लोगों की इस टीम में डॉक्टर, नर्स, हेल्पिंग स्टाफ, सफाई कर्मी सभी उपलब्ध हैं. टीम यहां आई और मेडिकल कॉलेज अस्पताल के संसाधनों में ही अपने तरीके से लोगों का इलाज शरू किया. जिसके सुखद परिणाम भी सामने हैं.
संकट के समय में उठाया आईसीयू का जिम्मा
इतना ही नहीं मेडिकल कॉलेज अस्पताल के जूनियर डॉक्टर्स को भी इन प्रशिक्षित डॉक्टरों की टीम से सीखने को मिल रहा है. जाहिर है जूनियर डॉक्टर्स की यह ट्रेनिंग भविष्य में सरगुजा के काम आएगी. फिलहाल, एक महीने से अंबिकापुर के लोगों को सेवा दे रहे इन लोगों को देवदूत ही कहा जा सकता है. जिन्होंने संकट के समय में आकर आईसीयू का जिम्मा उठाया और लोगों की जान बचाई.
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अनुभवी टीम अस्पताल को मिली
अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज अस्पताल के अधीक्षक लखन सिंह ने बताया कि कोरोना की दूसरी लहर के कोविड अस्पताल में 30 आईसीयू बेड की व्यवस्था की गई थी. ज्यादातर मरीज गंभीर हालत में अस्पताल आ रहे थे. हमारे यहां डॉक्टर इलाज तो कर ही रहे थे, लेकिन उनके आने से अनुभवी टीम अस्पताल को मिली. जिसका सीधा फायदा मरीजों को हुआ. पिछले एक महीने से टीम यहां काम कर रही है. मेडिकल अस्पताल के स्टाफ भी उनके साथ काम कर रहे हैं. टीम की जो भी जरूरतें है, उसे अस्पताल प्रशासन की टीम पूरा कर रही है.