सरगुजा: तीन दिसंबर के बाद से छत्तीसगढ़ की राजनीति में नए सीएम को लेकर चल रहा सवाल अब खत्म हो चुका है. रविवार दोपहर को रायपुर में बीजेपी विधायक दल की बैठक हुई. इस मीटिंग में विष्णुदेव साय को छत्तीसगढ़ का नया सीएम बनाने का फैसला ध्वनिमत से पारित हुआ. कांग्रेस ने तो सरगुजिहा सीएम नहीं बनाया लेकिन भाजपा ने ये कर दिखया. इस फैसले के बाद सरगुजा संभाग में खुशी की लहर है. संभाग वासियों के लिये ये बड़ा दिन है, क्योंकि पहली बार कोई नेता इस क्षेत्र से सीएम बन रहा है.
सरगुजा के बीजेपी नेताओं में खुशी की लहर: बीजेपी के इस फैसले से सरगुजा संभाग में खुशी की लहर है. भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश कार्यसमिति सदस्य सुमित मिश्रा कहते हैं कि "2018 में कांग्रेस ने सरगुजा से टी एस सिंहदेव को सीएम बनाने की बात कही गई थी. लेकिन यह नहीं हो सका. ढाई साल बाद भी टीएस सिंहदेव को सीएम नहीं बनाया गया. अब भाजपा ने सरगुजा से सीएम बनाने का फैसला किया है. यह पहली बार होगा की कोई सरगुजिहा सीएम बनेगा"
सरगुजा के लोगों में खुशी: बीजेपी विधायक दल ने जैसे ही विष्णुदेव साय को विधायक दल का नेता चुना. विष्णुदेव साय को सीएम बनाने का फैसला हुआ. उसके बाद से पूरे सरगुजा संभाग में खुशी की लहर दौड़ गई. छत्तीसगढ़ में आदिवासी अंचल से कभी सीएम नहीं बनाया गया, पहली बार एक आदिवासी मुख्यमंत्री बनने जा रहा है. जो सरगुजा संभाग के रहने वाले हैं. इससे इस क्षेत्र का भी विकास होगा, वो यहां की मूल जरूरतों को समझकर क्षेत्र के लिए काम करेंगे"
कुनकुरी से विष्णुदेव साय ने जीत की है दर्ज: जशपुर के कुनकुरी से विष्णुदेव साय ने जीत दर्ज की है. विष्णुदेव साय का कद छत्तीसगढ़ की राजनीति में बहुत बड़ा है. सरगुजा में विष्णुदेव साय को जनता बड़े भाई का दर्जा देकर सम्मान करती है. विष्णुदेव साय ऐसे नेता हैं जो हर जिले के कार्यकर्ता को नाम से पहचानते हैं. बहुत कम ऐसे राजनेता होते हैं जो कार्यकर्तओं को उनके नाम से जानते हों.
आरएसएस के करीबी भी हैं विष्णुदेव साय: विष्णुदेव साय को आरएसएस का करीबी माना जाता है. संघ के करीबी माने जाने वाले विष्णुदेव साय राजनीति के वो सिकंदर हैं जिस पर चुनाव के वक्त पार्टी और संघ दोनों आंख बंद कर भरोसा करता है. साय भी उस भरोसे पर हमेशा खरे उतरते रहे हैं. 2023 का विधानसभा चुनाव इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. विष्णुदेव साय को रमन सिंह का करीबी माना जाता है. एक वक्त था जब राजनीति में विष्णुदेव साय को रमन सिंह ही लेकर आए. रमन सिंह के फैसले को साय ने सही साबित करते हुए राज्य की राजनीति से सियासी सफर शुरु किया और केंद्र की राजनीति तक पहुंचे. उनकी प्रतिभा को देखते हुए मोदी और अमित शाह ने उनको केंद्रीय मंत्री का भी पद दिया था. इस तरह एक बार भी साय ने साबित किया कि वे सियासत के सिकंदर हैं.