सरगुजा: जिले में कई गांव ऐसे हैं जिनका बरसात के दिनों में पुल-पुलिया और सड़क व्यवस्था न होने के कारण जिला मुख्यालय से संपर्क टूट जाता है. विभाग ने ऐसे क्षेत्रों की गर्भवती महिलाओं की निगरानी का फैसला लिया है. जिन क्षेत्रों में बारिश की वजह से 102 और 108 का पहुंचने में मुश्किल होता है. स्वास्थ्य विभाग जिले के ऐसे सभी गांव को चिन्हांकित कर रहा है.
घटना से खुली विभाग की नींद
कुछ दिन पहले मैनपाट क्षेत्र के पटपरिया गांव में पुल न होने की वजह से महतारी एक्सप्रेस को गर्भवती महिला के घर से 2 किलोमीटर पहले ही रोकना पड़ा था. ऐसे में ग्रामीणों ने कांवर से महिला को एंबुलेंस तक पहुंचाया था. जैसे ही एंबुलेंस महिला को लेकर अस्पताल की ओर रवाना हुई और खराब सड़क की वजह से रास्ते में ही एंबुलेंस फंस गई. इसके बाद गर्भवती महिला का प्रसव महतारी एक्सप्रेस में ही करना पड़ा था.
एक सप्ताह पहले ही लाया जाएगा अस्पताल
जिले के पहुंच विहीन गांव को चिन्हांकित कर स्वास्थ्य विभाग गर्भवती महिलाओं की सूची बनाकर निगरानी करेगा. इसके साथ ही महिलाओं को प्रसव से एक सप्ताह पहले ही अस्पताल भर्ती करा दिया जाएगा. जिससे जिले के पहुंच विहीन गांव में गर्भवती महिलाओं को प्रसव के दौरान कोई समस्या न हो.
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निगरानी में 6 गर्भवती महिलाएं
मुख्य चिकित्सा अधिकारी पी सिसोदिया ने कहा कि, जहां एंबुलेंस नहीं पहुंच सकती है, ऐसे क्षेत्रों की गर्भवती महिलाओं की सूची तैयार कर ऐसी महिला जिनका प्रसव एक महीने के भीतर होने की संभावना है, उनकी निगरानी की जा रही है. साथ ही ऐसे क्षेत्रों के एएनएम, मितानिन, सरपंच, सचिव को निर्देश दिया गया है कि एक सप्ताह पहले ऐसे गर्भवती महिलाओं को अस्पताल में भर्ती करा दें. ताकि ऐसी स्थिति न हो कि प्रसव पीड़ा के अंतिम समय में एम्बुलेंस नहीं पहुंच सके और प्रसव कहीं पर भी करने की स्थिती बने. फिलहाल मैनपाट क्षेत्र में 6 गर्भवती महिलाओं का चयन किया गया है, जिनका संभावित एक महीने में प्रसव होना है.