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एक कमरे में की खेती, अब लाखों में है आमदनी, ये है हाईटेक किसान नंदकेश्वर दास - नंदकेश्वर दास

Success Story Of Farmer Nandkeshwar Das जहां चाह वहां राह निकल पड़ती है.ऐसा ही कुछ कारनामा कर दिखाया है.जिले के असोला गांव के नंदकेश्वर दास ने.नंदकेश्वर दास ने वो कारनामा किया.जिसकी मिसाल अब पूरा गांव देते नहीं थकता.नंदकेश्वर के इस कारनामे के बाद अब गांव समेत जिले के दूसरे युवा भी उनसे प्रेरणा ले रहे हैं. आईए जानते हैं आखिर क्यों इतनी सुर्खियों में हैं नंदकेश्वर दास.cultivating mushrooms in one room

Success Story Of Farmer Nandkeshwar Das
एक कमरे में की खेती, अब लाखों में है आमदनी
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Dec 13, 2023, 8:11 AM IST

Updated : Dec 13, 2023, 1:34 PM IST

नंदकेश्वर दास

सरगुजा : असली भारत गांव में ही बसता है. गांव की जीवन शैली और रहन सहन सब कुछ साधारण होता है. लेकिन यदि हम आपसे ये कहे कि आधुनिक भारत के साथ अब गांव भी शहर की तर्ज पर तरक्की कर रहा है.आप सोच रहे होंगे कि क्या ये मुमकिन है.तो हां ये मुमकिन है.क्योंकि आधुनिक युग में अब पारंपरिक खेती को छोड़कर लोग नई तरह की खेती करके अपनी किस्मत चमका रहे हैं.ऐसे ही एक किसान हैं नंदकेश्वर दास.जिनकी मशरूम की खेती ने उन्हें आत्मनिर्भर बना दिया.आज वो दूसरों को भी नई तकनीक से खेती करने का तरीका सीखा रहा है.

घर पर ही मशरूम की खेती : असोला गांव के निवासी नंदकेश्वर दास ने कम लागत में उन्नत खेती का नमूना पेश किया है.नंदकेश्वर अपने घर पर ही मशरूम की खेती करते हैं. जिससे उन्हें डेढ़ लाख तक की आमदनी सीजन में हो जाती है.इसके लिए नंदकेश्वर ने घर के छत को ही खेत में तब्दील कर लिया है.इसी के साथ वो गाय पालन का भी काम करते हैं.


कैसे की घर पर खेती ? : नंदकेश्वर ने 10 फिट चौड़ाई और 15 फिट लंबाई का एक रूम अपने घर की छत पर बनाया. इस रूम के टेक्निकल डिजाइन की ट्रेनिंग भी हार्टिकल्चर विभाग से नंदकेश्वर ने ली. इस रूम में उसने आयस्टर मशरूम की खेती शुरू की. जिससे आज वो लाखों की कमाई कर चुके हैं. इसके अलावा नंदेश्वर ने 5 गाय पाली हैं. गायों से रोजाना 70 से 75 लीटर दूध मिलता है. दोनों ही काम से महीने में करीब 2 से ढाई लाख का टर्नओवर होता है.

"दूध में तो कमाई कम है लेकिन मशरूम का मुनाफा शुद्ध बचता है. करीब महीने के डेढ़ लाख की आमदनी हो जाती है. मैंने घर की छत पर एक कमरा बनाकर मशरूम की खेती की है. बाड़ी में गाय पालन किया है. यह इतना बेहतर काम है कि कोई भी बेरोजगार युवा इसे करके अपने जीवन को बेहतर बना सकता है" - नंदकेश्वर दास, उद्यमी किसान


उम्र छोटी लेकिन सोच बड़ी : महज 33 साल की उम्र में नंदकेश्वर अपने जीवन को बेहतर बना चुके हैं. मशरूम की खेती वो 2017 से कर रहे हैं. 2016 में उन्होंने इसकी शुरुआत की. फिर हार्टिकल्चर विभाग से ट्रेनिंग और सहयोग लेकर मशरूम की खेती शुरू की. आज छह साल बीत चुके हैं. जब इस काम को शुरू किया था, तो इनकी उम्र महज 27 वर्ष थी. सालाना करीब 15 लाख की कमाई करते हुए ये युवक 6 साल में लाखों की आमदनी कर चुका है.


नहीं है कोई स्टाफ : मशरूम की देखभाल घर वाले ही करते हैं. किसी स्टाफ की जरूरत नहीं पड़ती है. आदमी आराम से मशरूम की देखभाल कर सकता है. इसमें बहुत मेहनत नहीं लगती है. रोजाना पानी देने का ही काम होता है. जब मशरूम पैदा हो जाते हैं. तो बड़े ही आसानी से उसे हाथ से ही तोड़ लिया जाता है.इसलिए इस काम में ज्यादा लागत भी नहीं आती है.

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नंदकेश्वर दास

सरगुजा : असली भारत गांव में ही बसता है. गांव की जीवन शैली और रहन सहन सब कुछ साधारण होता है. लेकिन यदि हम आपसे ये कहे कि आधुनिक भारत के साथ अब गांव भी शहर की तर्ज पर तरक्की कर रहा है.आप सोच रहे होंगे कि क्या ये मुमकिन है.तो हां ये मुमकिन है.क्योंकि आधुनिक युग में अब पारंपरिक खेती को छोड़कर लोग नई तरह की खेती करके अपनी किस्मत चमका रहे हैं.ऐसे ही एक किसान हैं नंदकेश्वर दास.जिनकी मशरूम की खेती ने उन्हें आत्मनिर्भर बना दिया.आज वो दूसरों को भी नई तकनीक से खेती करने का तरीका सीखा रहा है.

घर पर ही मशरूम की खेती : असोला गांव के निवासी नंदकेश्वर दास ने कम लागत में उन्नत खेती का नमूना पेश किया है.नंदकेश्वर अपने घर पर ही मशरूम की खेती करते हैं. जिससे उन्हें डेढ़ लाख तक की आमदनी सीजन में हो जाती है.इसके लिए नंदकेश्वर ने घर के छत को ही खेत में तब्दील कर लिया है.इसी के साथ वो गाय पालन का भी काम करते हैं.


कैसे की घर पर खेती ? : नंदकेश्वर ने 10 फिट चौड़ाई और 15 फिट लंबाई का एक रूम अपने घर की छत पर बनाया. इस रूम के टेक्निकल डिजाइन की ट्रेनिंग भी हार्टिकल्चर विभाग से नंदकेश्वर ने ली. इस रूम में उसने आयस्टर मशरूम की खेती शुरू की. जिससे आज वो लाखों की कमाई कर चुके हैं. इसके अलावा नंदेश्वर ने 5 गाय पाली हैं. गायों से रोजाना 70 से 75 लीटर दूध मिलता है. दोनों ही काम से महीने में करीब 2 से ढाई लाख का टर्नओवर होता है.

"दूध में तो कमाई कम है लेकिन मशरूम का मुनाफा शुद्ध बचता है. करीब महीने के डेढ़ लाख की आमदनी हो जाती है. मैंने घर की छत पर एक कमरा बनाकर मशरूम की खेती की है. बाड़ी में गाय पालन किया है. यह इतना बेहतर काम है कि कोई भी बेरोजगार युवा इसे करके अपने जीवन को बेहतर बना सकता है" - नंदकेश्वर दास, उद्यमी किसान


उम्र छोटी लेकिन सोच बड़ी : महज 33 साल की उम्र में नंदकेश्वर अपने जीवन को बेहतर बना चुके हैं. मशरूम की खेती वो 2017 से कर रहे हैं. 2016 में उन्होंने इसकी शुरुआत की. फिर हार्टिकल्चर विभाग से ट्रेनिंग और सहयोग लेकर मशरूम की खेती शुरू की. आज छह साल बीत चुके हैं. जब इस काम को शुरू किया था, तो इनकी उम्र महज 27 वर्ष थी. सालाना करीब 15 लाख की कमाई करते हुए ये युवक 6 साल में लाखों की आमदनी कर चुका है.


नहीं है कोई स्टाफ : मशरूम की देखभाल घर वाले ही करते हैं. किसी स्टाफ की जरूरत नहीं पड़ती है. आदमी आराम से मशरूम की देखभाल कर सकता है. इसमें बहुत मेहनत नहीं लगती है. रोजाना पानी देने का ही काम होता है. जब मशरूम पैदा हो जाते हैं. तो बड़े ही आसानी से उसे हाथ से ही तोड़ लिया जाता है.इसलिए इस काम में ज्यादा लागत भी नहीं आती है.

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Last Updated : Dec 13, 2023, 1:34 PM IST
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