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मजदूरों के दर्द पर स्तुति ने गाया मार्मिक गीत, सुनकर भर आएंगी आंखें

अंबिकापुर की स्तुति जायसवाल ने लोगों को जागरूक करने के लिए कोरोना गीत गाया था, जिसे लोगों ने खूब सराहा. अब स्तुति ने मजदूरों के दर्द को सुरों में पिरोकर एक मार्मिक गीत गाया है, जो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

Singer Stuti Jaiswal
सिंगर स्तुति जायसवाल
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Published : May 26, 2020, 12:27 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST

सरगुजा : कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा परेशानी देश के श्रमिक वर्ग को झेलनी पड़ी है. इन मजदूरों ने शायद इतना दर्दनाक मंजर अपनी जिंदगी में पहले नहीं देखा होगा. जितनी पीड़ा इन्हें 2020 में हुई, उतनी शायद ही कभी हुई होगी. मजदूरों के इस दर्द पर सियासत भी खूब हुई. लेकिन इनकी तकलीफ को महसूस करते हुए सरगुजा की सिंगर स्तुति जायसवाल ने मजदूरों के दर्द को गीतों में पिरो दिया और इतना मार्मिक गीत गाया कि एक बार फिर यह गीत सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

मजदूरों के दर्द पर स्तुति का मार्मिक गीत

गीत का टाइटल है 'हम भूखे हैं' और बार-बार गीत के माध्यम से यही बताने का प्रयास किया गया है कि मजदूर भी इंसान हैं, उसी ईश्वर के बनाए हुए हैं, जिसने धनवान लोगों को बनाया है फिर यह भेदभाव कैसा? जाहिर है कि लॉकडाउन से पहले सरकार ने विदेश में फंसे भारतीयों को बड़े सुविधाजनक तरीके से देश वापसी कराई थी, लेकिन देश के ही अन्य हिस्सों में रह रहे मजदूरों की वापसी पर इतनी हाय-तौबा आखिर क्यूं?'

पढ़ें-कोरोना के खिलाफ यूं जागरूक कर रहीं सुरीली स्तुति, देखें वीडियो

दरअसल, यह गीत भी स्तुति के गुरू और पिता राजेश जायसवाल ने बनाया है. इस बार गीत के बोल कृष्णचंद पुरी ने लिखे हैं. इसके पहले भी स्तुति ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए एक छत्तीसगढ़ी और एक हिंदी गीत गाया था. उन दोनों गीतों की भी जमकर सराहना हुई थी, लेकिन मजदूरों के दर्द को बयां करता यह गीत कुछ अलग ही है. ये गीत कम और तड़प ज्यादा है, तड़प उन मजदूरों की जो हजारों मील का सफर भूखे-प्यासे पैदल तय कर अपने घर पहुंचे हैं.

मजदूरों की सहायता करने की अपील

लॉकडाउन में घर पर रहकर स्तुति और उनके पिता राजेश जायसवाल ने अपने गीतों के माध्यम से समाज के प्रति जो जिम्मेदारी निभाई है, वे खुद भी किसी कोरोना वॉरियर्स से कम नहीं हैं. कोरोना से प्रत्यक्ष रूप से लड़ने वालों की हिम्मत बढ़ाने का काम इन्होंने किया है.

सरगुजा : कोरोना संक्रमण और लॉकडाउन के दौरान सबसे ज्यादा परेशानी देश के श्रमिक वर्ग को झेलनी पड़ी है. इन मजदूरों ने शायद इतना दर्दनाक मंजर अपनी जिंदगी में पहले नहीं देखा होगा. जितनी पीड़ा इन्हें 2020 में हुई, उतनी शायद ही कभी हुई होगी. मजदूरों के इस दर्द पर सियासत भी खूब हुई. लेकिन इनकी तकलीफ को महसूस करते हुए सरगुजा की सिंगर स्तुति जायसवाल ने मजदूरों के दर्द को गीतों में पिरो दिया और इतना मार्मिक गीत गाया कि एक बार फिर यह गीत सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है.

मजदूरों के दर्द पर स्तुति का मार्मिक गीत

गीत का टाइटल है 'हम भूखे हैं' और बार-बार गीत के माध्यम से यही बताने का प्रयास किया गया है कि मजदूर भी इंसान हैं, उसी ईश्वर के बनाए हुए हैं, जिसने धनवान लोगों को बनाया है फिर यह भेदभाव कैसा? जाहिर है कि लॉकडाउन से पहले सरकार ने विदेश में फंसे भारतीयों को बड़े सुविधाजनक तरीके से देश वापसी कराई थी, लेकिन देश के ही अन्य हिस्सों में रह रहे मजदूरों की वापसी पर इतनी हाय-तौबा आखिर क्यूं?'

पढ़ें-कोरोना के खिलाफ यूं जागरूक कर रहीं सुरीली स्तुति, देखें वीडियो

दरअसल, यह गीत भी स्तुति के गुरू और पिता राजेश जायसवाल ने बनाया है. इस बार गीत के बोल कृष्णचंद पुरी ने लिखे हैं. इसके पहले भी स्तुति ने कोरोना संक्रमण से बचाव के लिए लोगों को जागरूक करने के लिए एक छत्तीसगढ़ी और एक हिंदी गीत गाया था. उन दोनों गीतों की भी जमकर सराहना हुई थी, लेकिन मजदूरों के दर्द को बयां करता यह गीत कुछ अलग ही है. ये गीत कम और तड़प ज्यादा है, तड़प उन मजदूरों की जो हजारों मील का सफर भूखे-प्यासे पैदल तय कर अपने घर पहुंचे हैं.

मजदूरों की सहायता करने की अपील

लॉकडाउन में घर पर रहकर स्तुति और उनके पिता राजेश जायसवाल ने अपने गीतों के माध्यम से समाज के प्रति जो जिम्मेदारी निभाई है, वे खुद भी किसी कोरोना वॉरियर्स से कम नहीं हैं. कोरोना से प्रत्यक्ष रूप से लड़ने वालों की हिम्मत बढ़ाने का काम इन्होंने किया है.

Last Updated : Jul 25, 2023, 8:01 AM IST
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