सरगुजा: COVID-19 का संक्रमण विश्व और देश के साथ-साथ अब छत्तीसगढ़ में बढ़ने लगा है. प्रदेश में एकाएक मरीजों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. कटघोरा राज्य में कोरोना के हॉट स्पॉट के तौर पर स्थापित हो चुका है. सूबे में 21 मरीज कोरोना वायरस से संक्रमित हैं और सभी कटघोरा के ही रहने वाले हैं. ऐसे में सवाल ये उठता है कि जिस दवाई से मरीजों को ठीक करने का दावा किया जा रहा है, उसकी छत्तीसगढ़ में उपलब्धता कितनी है.
छत्तीसगढ़ के एम्स में ठीक होकर घर जाने वाले कोरोना मरीजों की औसतन संख्या भी सबसे अधिक है. सरकार की तैयारियां भी दुरुस्त दिख रही थीं लेकिन लगातार बढ़ रही मरीजों की संख्या ने सबके माथे पर चिंता की लकीरें खींच दी हैं. जो दवाई कोविड 19 महामारी से पीड़ित मरीजों को दी जा रही है, उसका नाम है हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine). ETV भारत ने जब इसकी पड़ताल की तो पता चला कि छत्तीसगढ़ में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन की कुल 1 लाख 97 हजार 4 सौ टैबलेट्स मौजूद हैं.
साढ़ें 3 लाख टैबलेट्स आएंगी
इसमें से कोरबा जिले में 8 हजार के करीब टैबलेट्स हैं. जिले का कटघोरा कोरोना का हॉट स्पॉट बन चुका है. हालांकि यहां के सभी मरीजों का इलाज रायपुर एम्स में जारी है. इसके साथ ही साढ़े तीन लाख हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine)टैबलेट्स और जल्द आने वाली हैं. इसका मतलब ये है कि वर्तमान परिस्थिति से निपटने के लिए सरकार के पास दवाईयां हैं.
एप्लीकेशन से चेक कर सकते हैं स्टॉक
छत्तीसगढ़ प्रदेश के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव ने बहुत पहले प्रदेश में दवाईयों और स्वास्थ्य सुविधाओं में पारदर्शिता लाने के उद्देश्य से एक मोबाइल एप्लीकेशन बनवाया था, जिसमें जाकर आप हम कोई भी दवाओं का स्टॉक चेक कर सकते हैं. गूगल प्ले स्टोर में जाकर CGMSC DRUG INFO नाम के एप्लीकेशन डाउनलोड करके आप प्रदेश भर की दवाइयों के स्टॉक की जांच स्वयं ही कर सकते हैं.
क्या है हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन
हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन एंटी मलेरिया दवा है. यह नियमित रूप से ऑटोइम्यून विकारों जैसे गठिया और ल्यूपस के लिए भी उपयोग में ली जाती है. जॉन हॉपकिंस ल्यूपस सेंटर ने इस दवा को 'ल्यूपस जीवन बीमा' कहा है. इस दवा को रोजाना हजारों भारतीय खाते हैं. अमेरिका ने भारत से इस दवा की मांग की थी. ब्राजील ने भी ये दवा भारत से मांगी थी.
भारतीय चिकित्सा अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने कहा था कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा को सिर्फ वही समूह (कोविड-19 का इलाज कर रहे स्वास्थ्यकर्मी) खाएं, जिन्हें कोविड-19 से ज्यादा खतरा हो. हालांकि अभी तक किसी निर्णायक अध्ययन में यह नहीं चल पाया है कि हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन दवा कोरोना इलाज में प्रभावी है या नहीं, लेकिन प्राथमिक चिकित्सीय आंकड़े, प्रयोगशाला अध्ययन और इन-विवो अध्ययनों के आधार पर इस दवा को कोरोना इलाज में प्रभावी बताया जा रहा है.
भारत में होता है हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का निर्माण
भारत हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन का सबसे ज्यादा निर्माण करता है. इस दवा की दुनियाभर की 70 फीसद आपूर्ति भारत करता है. इप्का लेबोरेटरीज (Ipca Laboratories), जायडस कैडिला (Zydus Cadila) और वालेस फार्मास्यूटिकल्स (Wallace Pharmaceuticals) भारत में हाइड्रोक्सीक्लोरोक्वीन निर्माण करने वाली शीर्ष फार्मा कंपनियां हैं.