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महिलाओं के लिए 'वरदान' से कम नहीं है सरगुजा के इस शख्स का काम

महिलाओं को स्वस्थ रखने और बीमारी से बचाने के लिए सरगुजा के एक संस्था ने अनोखा प्रयास किया है.

मशीन से सेनेटरी नैपकिन निकालती युवती
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Published : May 2, 2019, 8:01 PM IST

Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST

सरगुजा: महिलाओं की हाईजीन का ख्याल रखने के उद्देश्य से हर महीने होने वाले मासिक धर्म के दौरान सेनेटरी पैड के उपयोग और उसकी अनिवार्यता के विषय में तो काफी जागरूकता लाई जा रही है.

सेनेटरी नैपकिन के लिए फैला रहा जागरुकता


जागरुकता फैलाने का कर रहे काम
यहां तक कि इस विषय पर एक फिल्म भी बन गई है और खासा चर्चित हुई, पैडमैन नाम की इस फ़िल्म से किसी ने शिक्षा ली तो किसी ने मनोरंजन के लिए इसे देखा, लेकिन आज हम आपको सरगुजा के पैडमैन से मिलवाने जा रहे हैं, जो फ़िल्म देखकर नही बल्कि 2014 से ही सेनेटरी नैपकिन के प्रति जागरूकता फैलाने में लगे हैं.


2014 में शुरू किया प्रोजेक्ट
सरगुजा के अंचल ओझा सरगुजा साइंस ग्रुप नाम की संस्था चलाते हैं, संस्था में इन्होंने 2014 में इज्जत प्रोजेक्ट के नाम से एक कार्यक्रम शरू किया था, जिसके तहत आदिवासी अंचल की महिलाओं को मासिक धर्म के समय सेनेटरी पैड की अनिवार्यता को बताकर जागरूकता लाने के लिए प्रयास किया गया.


डिस्पोजल मशीन लगाने का शुरू किया काम
इसके साथ ही इनकी ओर से सरगुजा, बलरामपुर और सूरजपुर जिले की छात्राओं और महिलाओं को निशुल्क सेनेटरी पैड भी बांटा गया और अब अंचल ने सेनेटरी पैड की वेंडिंग मशीन और डिस्पोजल मशीन लगाने का काम भी शरू किया है.


संक्रमण से निजात दिलाने की कवायद
उनका मानना है कि सेनेटरी पैड को इस्तेमाल के बाद फेंक दिया जाता है जो कई वर्षों तक खत्म नहीं होता लिहाजा संक्रमण फैलता है, और इस संक्रमण से निजात के लिए यह डिस्पोजल मशीन लगाई जा रही है, जिससे उपयोग के बाद सेनेटरी पैड को नष्ट किया जा सके. बहरहाल अंचल और उनकी टीम ने जो काम किया है वो काबिले तारीफ है और इन्हें सरगुजा का पैडमैन कहना गलत नहीं होगा.

सरगुजा: महिलाओं की हाईजीन का ख्याल रखने के उद्देश्य से हर महीने होने वाले मासिक धर्म के दौरान सेनेटरी पैड के उपयोग और उसकी अनिवार्यता के विषय में तो काफी जागरूकता लाई जा रही है.

सेनेटरी नैपकिन के लिए फैला रहा जागरुकता


जागरुकता फैलाने का कर रहे काम
यहां तक कि इस विषय पर एक फिल्म भी बन गई है और खासा चर्चित हुई, पैडमैन नाम की इस फ़िल्म से किसी ने शिक्षा ली तो किसी ने मनोरंजन के लिए इसे देखा, लेकिन आज हम आपको सरगुजा के पैडमैन से मिलवाने जा रहे हैं, जो फ़िल्म देखकर नही बल्कि 2014 से ही सेनेटरी नैपकिन के प्रति जागरूकता फैलाने में लगे हैं.


2014 में शुरू किया प्रोजेक्ट
सरगुजा के अंचल ओझा सरगुजा साइंस ग्रुप नाम की संस्था चलाते हैं, संस्था में इन्होंने 2014 में इज्जत प्रोजेक्ट के नाम से एक कार्यक्रम शरू किया था, जिसके तहत आदिवासी अंचल की महिलाओं को मासिक धर्म के समय सेनेटरी पैड की अनिवार्यता को बताकर जागरूकता लाने के लिए प्रयास किया गया.


डिस्पोजल मशीन लगाने का शुरू किया काम
इसके साथ ही इनकी ओर से सरगुजा, बलरामपुर और सूरजपुर जिले की छात्राओं और महिलाओं को निशुल्क सेनेटरी पैड भी बांटा गया और अब अंचल ने सेनेटरी पैड की वेंडिंग मशीन और डिस्पोजल मशीन लगाने का काम भी शरू किया है.


संक्रमण से निजात दिलाने की कवायद
उनका मानना है कि सेनेटरी पैड को इस्तेमाल के बाद फेंक दिया जाता है जो कई वर्षों तक खत्म नहीं होता लिहाजा संक्रमण फैलता है, और इस संक्रमण से निजात के लिए यह डिस्पोजल मशीन लगाई जा रही है, जिससे उपयोग के बाद सेनेटरी पैड को नष्ट किया जा सके. बहरहाल अंचल और उनकी टीम ने जो काम किया है वो काबिले तारीफ है और इन्हें सरगुजा का पैडमैन कहना गलत नहीं होगा.

Intro:सरगुजा : महिलाओ की हाईजीन का ख्याल रखने के उद्देश्य से हर महीने होने वाले मासिक धर्म के दौरान सेनेटरी पैड के उपयोग और उसकी अनिवार्यता के विषय मे तो काफी जागरूकता लाई जा रही है, यहां तक की इस विषय पर एक फ़िल्म भी बन गई और काफी चर्चित हुई, पैडमैन नाम की इस फ़िल्म से किसी ने शिक्षा ली तो किसी ने मनोरंजन के लिये इसे देखा, लेकिन आज हम आपको सरगुजा के पैडमैन से मिलवाने जा रहे हैं, जो फ़िल्म देखकर नही बल्कि 2014 से ही सेनेटरी पैड के प्रति जागरूकता फैलाने में लगे हैं।


Body:दरअसल सरगुजा के अंचल ओझा जो सरगुजा साइंस ग्रुप नाम की संस्था चलाते हैं, संस्था में इन्होंने 2014 में इज्जत प्रोजेक्ट के नाम से एक कार्यक्रम शरू किया था, जिसके तहत आदिवासी अंचल की महिलाओं को मासिक धर्म के समय सेनेटरी पैड की अनिवार्यता को बता कर जागरूकता लाने का काम शुरू किया गया, साथ ही इनके द्वारा सरगुजा, बलरामपुर और सूरजपुर जिले की छात्राओं और महिलाओं को निशुल्क सेनेटरी पैड भी वितरण किया गया, और अब अंचल ने सेनेटरी पैड की वेंडिंग मशीन और डिस्पोजल मशीन लगाने का काम भी शरू कर चुके हैं, इनका मानना है की सेनेटरी पैड स्तेमाल के बाद फेंक दिया जाता है जो कई वर्षों तक खत्म नही होता लिहाजा संक्रमण फैलता है, और इस संक्रमण से निजात के लिये यह डिस्पोजल मशीन लगाई जा रही है, जिससे उपयोग के बाद सेनेटरी पैड को नष्ट किया जा सके।


Conclusion:बहरहाल अंचल और उनकी टीम ने जो काम किया है वो काबिले तारीफ है, और इस लिहाज से इन्हें सरगुजा का पैडमैन भी कहा जाए तो गलत नही होगा।

बाइट01_सुनीता मिंज (छात्रा)

121_अंचल ओझा (संचालक सरगुजा साइंस ग्रुप)

देश दीपक सरगुज
Last Updated : Jul 25, 2023, 8:00 AM IST
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